Friday, November 25, 2022

चुनावी साल में खर्च बढ़ाने की जगह घटाने की तैयारी? बजट घाटे को 0.50% तक कम करना चाहती है सरकार

भारत सरकार अगले वित्त वर्ष के दौरान अपने बजट घाटे में 0.50 फीसदी तक की कमी लाना चाहती है। ब्लूमबर्ग ने एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। सरकार यह कोशिश ऐसे समय में कर रही हैं, जब वह चुनावी साल में प्रवेश करने वाली है और इस दौरान अधिक खर्च की जरूरत होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024 में बजट घाटे को जीडीपी के 6 फीसदी से कम रखने की कोशिश करेंगी। बता दें कि निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2024 के लिए बजट पेश करेंगी। यह 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। आमतौर पर भारत सरकार इस साल बाकी सालों के मुकाबले अधिक खर्च करती है। इसके अलावा सीतारमण के सामने एक चुनौती यह भी होगी कि यूक्रेन युद्ध के चलते देश में खाने-पीने से जुड़ी वस्तुओं और एनर्जी की कीमतें अपने ऊंचे स्तर पर बनी हुई है। साथ ही भारत अभी चालू खाते की घाटे में स्थिति में है और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार नया निचला स्तर छुआ है। ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारत सरकार का मौजूदा वित्त वर्ष में फूड, फर्टिलाइजर और फ्यूल पर सब्सिडी का खर्च बढ़कर 67 अरब डॉलर पर पहुंच सकता है, जो जीडीपी का 2.1 फीसदी होगा। जबकि भारत सरकार ने बजट में इसके सिर्फ 39.2 अरब डॉलर (3.2 लाख करोड़ रुपये) पर रहने का अनुमान लगाया था। यह भी पढ़ें- Zomato, Nykaa और Paytm समेत इन 6 कंपनियों ने डुबोए 2 लाख करोड़, निवेशकों को एक्सपर्ट्स ने दी ये सलाह RBI पहले ही भारतीय रुपये में गिरावट को रोकने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार से करीब 100 अरब डॉलर की विदेशी करेंसी बेच चुकी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि इसके बावजूद डॉलर में मजबूती को देखते हुए अब यही समझदारी होगी कि रुपये में वाजिब गिरावट होने दी जाए और डॉलर के भंडार को संरक्षित किया जाए। भारत को अपने बजट घाटे को पूरा करने के लिए विदेशी निवेश की जरूरत है, जिसके चलते अथॉरिटी सतर्क हैं। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अथॉरिटीज ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में भारत को शामिल कराने के लिए घरेलू नीतियां नई बदलेंगी। लेकिन पॉलिसीमेकर्स चाहते हैं विदेशी निवेशक भारत को निवेश के एक आकर्षक डेस्टिनेशन के तौर पर देखें और इसलिए वित्तीय घाटे को अनुशासित करना अब सरकार की प्राथमिकता है।

from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/oSBAcFs
via

No comments:

Post a Comment