Sunday, October 30, 2022

RBI क्यों नहीं रोक पा रहा बढ़ती महंगाई? MPC पहली बार सरकार को रिपोर्ट सौंपकर बताएगी वजह

महंगाई की दर पिछले 9 महीनों से लगातार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के तय दायरे से ऊपर बनी हुई है। ऐसे में नियमों के मुताबिक RBI अब सरकार को रिपोर्ट तैयार करके सौंपेगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि आखिर क्यों वह महंगाई दर को तय दायरे के अंदर नहीं ला पाया। RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) के करीब 6 साल पहले गठन होने के बाद यह पहली बार है, जब महंगाई की दर इतने लंबे समय तक आरबीआई के तय दायरे से ऊपर है। ऐसे में RBI अब देश की मौद्रिक नीति को तय करने के लिए साल 2016 में MPC का गठन किया गया था। इसके बाद से MPC ही रेपो रेट सहित देश की प्रमुख पॉलिसी रेट के बारे में फैसला लेने वाली सर्वोच्च इकाई बनी हुई है। MPC के फ्रेमवर्क के तहत सरकार ने RBI को यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि महंगाई की दर 4 प्रतिशत (दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ) पर बनी रहे। हालांकि, इस साल जनवरी से ही महंगाई की दर लगातार 6 फीसदी से ऊपर बनी हुई है। सितंबर में भी खुदरा महंगाई की दर 7.4 फीसदी पर दर्ज की गई। इसका मतलब है कि लगातार 9 महीनों से महंगाई 6 प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। यह भी पढ़ें- FPI Selling: विदेशी निवेशकों ने धीमी की बिकवाली, अक्टूबर में अब तक शेयर मार्केट से ₹1,586 करोड़ निकाले महंगाई का यह स्तर दर्शाता है कि RBI अपना दायित्व निभाने में असफल रहा है। दरअसल, RBI अधिनियम की धारा 45ZN में प्रावधान है कि लगातार तीन तिमाहियों यानी लगातार 9 महीनों तक महंगाई के तय स्तर से ऊपर रहने पर केंद्रीय बैंक को अपनी नाकामी के बारे में सरकार को एक समीक्षा रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस रिपोर्ट में RBI को यह बताना होता है कि महंगाई को काबू में रख पाने में उसकी नाकामी की क्या वजह रही? इसके साथ ही RBI को यह भी बताना होता है कि वह स्थिति को काबू में लाने के लिए किस तरह के कदम उठा रहा है। इन नियमों और महंगाई के मौजूदा स्तर को देखते हुए RBI ने तीन नवंबर को MPC की विशेष बैठक बुलाई है जिसमें सरकार को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट को तैयार किया जाएगा। एमपीसी के 6-सदस्यीय पैनल की अगुवाई RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे। सरकार ने 31 मार्च, 2021 को जारी एक नोटिफिकेशन में कहा था कि मार्च 2026 तक RBI को महंगाई दर चार प्रतिशत ( दो प्रतिशत अधिक या दो प्रतिशत कम) के भीतर रखना होगी। इस तरह सरकार ने 5 सालों के लिए महंगाई को अधिकतम 6 प्रतिशत तक रखने का दायित्व आरबीआई को सौंपा था।

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