Friday, September 23, 2022

ब्रिटेन में मंदी का खतरा: सरकार ने टैक्स में की पिछले 50 सालों की सबसे बड़ी कटौती, पाउंड में आई रिकॉर्ड गिरावट

ब्रिटेन (Britain) में लिज ट्रूस (Liz Truss) की अगुआई वाली नई सरकार ने शुक्रवार को टैक्स में पिछले 50 सालों की सबसे बड़ी कटौती की योजना का ऐलान किया। सरकार ने लंबे समय में देश की अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इनकम टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स दोनों में कटौती की विस्तृत योजना रखा। साथ ही कहा कि बढ़े हुए खर्च की भरपाई उधार लेकर और रेवेन्यू को बढ़ाकर किया जाएगा। यह 1972 के बाद से ब्रिटेन की अब तक की सबसे बड़ी टैक्स कटौती होगी। हालांकि ब्रिटिश सरकार की इस ऐलान से उसकी करेंसी पाउंड (Pound) में शुक्रवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। साथ ही यूके गर्वनमेंट बॉन्ड में भी फिसलन देखी गई। एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले ब्रिटिश पाउंड की वैल्यू शुक्रवार को गिरकर 1.11 डॉलर पर पहुंच गई, जो 1985 के बाद का इसका सबसे निचला स्तर है ब्रिटेन की फाइनेंस मिनिस्टर क्वासी क्वार्टेंग (Kwasi Kwarteng) ने शुक्रवार को टैक्स कटौती के तहत कॉरपोरेट टैक्स की बढ़ी हुई दरों को वापस लेने का ऐलान किया। साथ ही पर्सनल इनकम टैक्स में अगले साल से कटौती का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि रहन-सहन की बढ़ी लागत से लोगों को राहत देने और मंदी की आशंका के बीत अर्थव्यवस्था में आ रही गिरावट को थामने के लिए यह कदम उठाया गया है। यह भी पढ़ें- Share Market: ग्लोबल मंदी की आशंका से 1,000 अंक लुढ़का सेंसेक्स, निवेशकों के एक दिन में डूब गए 5 लाख करोड़ रुपये क्वार्टेंग ने 2.5% के ग्रोथ का लक्ष्य रखा है। यह एक एक ऐसा स्तर जो 2008 के वित्तीय संकट के बाद ब्रिटेन अभी तक हासिल नहीं किया है। उन्होंने शुक्रवार को ब्रिटिश संसद में कहा, "हमने ग्रोथ को प्राथमिकता देने का वादा किया था। हमने एक नए युग के लिए एक नए नजरिए को अपनाने का वादा किया है।" बता दें कि ब्रिटेन की नई प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कहा है कि उनकी सरकार आर्थिक ग्रोथ के साथ टैक्स को कम करने पर जोर देगी। उन्होंने इस हफ्ते ऐलान किया था कि वह नौकरियों और निवेश को आकर्षित करने के लिए ''अलोकप्रिय फैसले'' करने के लिए भी तैयार हैं। ब्रिटिश सरकार के इस टैक्स पैकेज से अगले 5 सालों में उसके खजाने पर 161 अरब पाउंड का भार बढ़ेगा। यही कारण है कि इस टैक्स पैकेज के ऐलान के बाद से ही ब्रिटिश पाउंड और यूके गवर्नमेंट बॉन्ड दोनों में बिकवाली देखने को मिलेगी। निवेशकों और अर्थशास्त्रियों ने चिंता जताई कि ब्रिटेन पर पहले से ही कर्ज का भारी बोझ है और इस नए टैक्स प्लान से उसके लिए मुश्किलों और बढ़ सकती हैं।

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