Zomato Share price: म्यूचुअल फंडों (Mutual Funds) ने जोमैटो (Zomato) के शेयरों में आई गिरावट का खूब फायदा उठाया। जुलाई के म्यूचुअल फंडों के 'बाय एंड सेल' डेटा से इसका पता चला है। जुलाई में ज्यादातर म्यूचुअल फंड हाउसेज ने अपने पोर्टफोलियो में जोमैटो के शेयरों की हिस्सेदारी बढ़ाई। इसकी वजह यह है कि पिछले महीने फूड डिलीवरी कंपनी के शेयरों की कीमतें गिरकर सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थीं। निप्पॉन म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजरों ने जोमैटो के शेयरों में जुलाई में सबसे ज्यादा निवेश किया। उन्होंने पिछले महीने इसके 7 करोड़ से ज्यादा शेयर खरीदे। निप्पॉन म्यूचुअल फंड की कई स्कीमों ने जोमैटो के शेयरों में निवेश किया। इनमें स्मॉलकैप फंड, रिटायरमेंट फंड, लार्जकैप फंड, ग्रोथ फंड, इक्विटी हाइब्रिड फंड और इंडिया वैल्यू फंड शामिल हैं। यह भी पढ़ें : Tata Sons और Tata Trusts में अलग-अलग होंगे चेयरमैन, 103 अरब डॉलर का समूह क्यों करने जा रहा यह बदलाव? जोमैटो के शेयरों को खरीदने का फंड मैनजरों का फैसला अब सही साबित हुआ है। इसकी वजह यह है कि जुलाई के रिकॉर्ड लो लेवल से जोमैटो का शेयर 50 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुका है। 26 जुलाई को जोमैटो का शेयर 41 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया था। 17 अगस्त को यह 65.30 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, जोमैटो का शेयर पिछले साल के अपने सबसे ऊंचे लेवल से अब भी 60 फीसदी नीचे है। हाल में जोमैटो के शेयरों में आई गिरावट की वजह इसमें लॉक-इन पीरियड खत्म होना था। इससे कंपनी के बारे में ज्यााद जानकारी रखने वाले इनवेस्टर्स ने इसके शेयरों की खूब बिकवाली की। दुनियाभर में इंटरनेट से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में आई गिरावट का असर भी जोमैटो के शेयरों पर पड़ा। लेकिन, कम कीमत पर म्यूचुअल फंडों की खरीदारी और जून तिमाही के अच्छे नतीजों के बाद जोमैटो के शेयरों में अच्छी रिकवरी आई है। जून तिमाही के नतीजों के बाद जोमैटो ने बताया कि उसका लॉस घटकर आधा रह गया है। उसका फूड डिलीवरी बिजनेस इबिड्टा लेवल पर ब्रेक-इवन (न फायदा न नुकसान) पर आ गया है। कंपनी ने दूसरी तिमाही में कुल बिजनेस के ब्रेक-इवन पर आ जाने का लक्ष्य तय किया है। जुलाई में जोमैटो के शेयरों में निवेश बढ़ाने वाले अन्य म्यूचुअल फंडों में Franklin Templeton (2.54 करोड़ शेयर), मोतीलाल ओसवाल एएमसी (1.3 करोड़ शेयर), HDFC Mutual Fund (99 लाख शेयर) और UTI MF (38 लाख) शामिल हैं। ये डेटा ईस्ट इंडिया सिक्योरिटीज के हैं।
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