Tur Dal Prices: अरहर दाल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र ने अरहर दाल की कीमतों के बढ़ने के साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि स्टॉकिस्ट और व्यापारी अपने पास रखी अरहर दाल की मात्रा के बारे में खुलासा करें। प्रमुख उत्पादक राज्यों कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भारी बारिश से अरहर की फसल खराब हुई है। पिछले दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि अरहर दाल की बिक्री को जानबूझकर सीमित किया जा रहा है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार अरहर के उत्पादन में इस साल कमी आने की आशंकाओं के कारण देश में अरहर दाल की कीमत बढ़ रही है। केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से कहा है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में तूर यानी अरहर दाल के स्टॉक की निगरानी करें। साथ ही राज्य के सभी व्यापारियों द्वारा जमा किए गए स्टॉक की जानकारी लेकर केंद्र सरकार को सौंपें। ये भी पढ़ें- दिल्ली एयरपोर्ट पर चेक-इन की लंबी लाइन से मिलेगा छुटकारा, समय बचाने के लिए इस ऐप का करें इस्तेमाल फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे अपने क्षेत्र में मौजूद अरहर स्टॉक के आंकड़े डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स के ऑनलाइन मॉनिटरिंग पोर्टल के जरिए अपडेट करते रहें। सरकार ने अरहल दाल की कीमतों पर काबू पाने के लिए सभी राज्य सरकारों से आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 (Essential Commodities Act, 1955) के प्रावधानों को लागू करने के लिए भी कहा है। दालों की कीमतों पर केंद्र की नजर पीटीआई के मुताबिक, केंद्र दालों की कीमतों पर करीब से नजर रखे हुए है। मौजूदा समय में केंद्र के पास बफर स्टॉक में 38 लाख टन दाल हैं और इसे घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने के लिए बाजार में जारी किया जा रहा है। शुक्रवार को उपभोक्ता मामले विभाग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 (2) (H) और 3 (2) (I) के तहत व्यपारियों के लिए तूर के भंडार के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने की व्यवस्था लागू करने का निर्देश जारी किया। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) को भी स्टॉक की निगरानी और सत्यापन करने के लिए कहा गया है। एक सरकारी बयान के अनुसार, इसके अलावा उन्हें भंडार रखने वाले संस्थाओं को विभाग के ऑनलाइन निगरानी पोर्टल पर साप्ताहिक आधार पर अपने स्टॉक का आंकड़ा अपलोड करने के लिए निर्देश जारी करने को कहा गया है। इसमें कहा गया है कि ऐसी खबरें हैं कि स्टॉकिस्ट और व्यापारियों के कुछ वर्ग कीमतों को बढ़ाने के लिए कृत्रिम कमी पैदा करने के प्रयास के तहत सीमित मात्रा में बिक्री का सहारा ले रहे हैं। पिछले साल की तुलना में खरीफ की बुवाई में धीमी प्रगति के बाद जुलाई के दूसरे सप्ताह से अरहर दाल की खुदरा कीमतों में तेजी का रुख है। बारिश के कारण कई राज्यों में बुवाई प्रभावित कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख तूर दाल उत्पादक राज्यों के कुछ हिस्सों में अधिक बारिश और जल भराव की स्थिति के कारण बुवाई प्रभावित हुई है। बयान में कहा गया है कि केंद्र घरेलू और विदेशी बाजारों में दालों की समग्र उपलब्धता और कीमतों पर करीब से नजर रख रहा है ताकि आगामी त्योहारों के महीनों की अधिक मांग की स्थिति में अनपेक्षित मूल्य वृद्धि की स्थिति में जरूरी कार्रवाई की जा सके। ये भी पढ़ें- खुदरा क्षेत्र में मजबूत मांग को देखते हुए भारत में और अधिक शॉपिंग मॉल खोलने की तैयारी कर रहा है लुलु ग्रुप केंद्र ने कहा कि घरेलू बाजार में दालों की पर्याप्त उपलब्धता है। फिर भी, वह अपने 38 लाख टन के बफर स्टॉक से दालों को बाजार में आपूर्ति बढ़ाने के लिए जारी कर रहा है। इस खरीफ बुवाई सत्र में 12 अगस्त तक दलहन बुवाई का रकबा घटकर 122.11 लाख हेक्टेयर रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 127.22 लाख हेक्टेयर था। अरहर (तूर) दाल का रकबा 47.55 लाख हेक्टेयर से घटकर 42 लाख हेक्टेयर रह गया है।
from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/1FtpTBc
via
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
-
A mysterious dissident group accused of breaking into the North Korea's embassy in Madrid last month said on Thursday it was temporarily...
-
The Doha accord would see thousands of American troops quit Afghanistan in a phased plan after more than 18 years in return for various secu...
-
Tony Chung, 20, was charged with secession, under a sweeping national security law, and money laundering in October 2020. from Top World N...
No comments:
Post a Comment