Saturday, July 16, 2022

Sri Lanka Fuel Crisis: गंभीर तेल संकट के बीच श्रीलंकाई सरकार ने पेट्रोल बेचने के लिए लॉन्च की अनूठी योजना

Sri Lanka Fuel Crisis: श्रीलंका इन दिनों आर्थिक, राजनीतिक, मानवीय और गंभीर खाद्य संकट से जुझ रहा है। आर्थिक संकट के कारण खाद्य सामग्री, दवाओं, रसोई गैस, ईंधन और टॉयलेट पेपर की भारी किल्लत हो गई है। कई महीनों से वहां लोगों को खाने से लेकर पेट्रोल-डीजल जैसे रोजमर्रा की चीजों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। लोगों को ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों के बाहर घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। लोग पेट्रोल पंपों पर तेल भरवाने के लिए दो से तीन दिनों तक लाइनों में लग रहे हैं। श्रीलंका में आर्थिक बदहाली के कारण आम नागरिकों के साथ यहां के क्रिकेटरों को भी परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा है। ये भी पढ़ें- Rupee Fall: जानें रुपये में लगातार हो रही गिरावट से क्या-क्या हो जाएगा महंगा, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर श्रीलंका के क्रिकेटर चमका करुणारत्ने को गाड़ी में तेल भरवाने के लिए लंबी कतार में 2 दिन तक इंतजार करना पड़ा। उन्होंने समाचार एजेंसी से कहा, "हम बड़ी समस्या में हैं। मैं पिछले 2 दिनों से तेल भरवाने के लिए कतार में खड़ा हूं। मैंने 10,000 रुपये में भरवाया है, जो 2-3 दिनों तक चलेगा।" सरकार ने शुरू की अनोखी योजना गंभीर आर्थिक संकट के बीच श्रीलंकाई पॉवर और एनर्जी मंत्री कंचना विजेसेकेरा (Kanchana Wijesekara) ने शुक्रवार को "नेशनल फ्यूल पास" योजना के नाम से एक फ्यूल रेस्ट्रिक्शन प्रोग्राम शुरू की। यह नया पास साप्ताहिक आधार पर ईंधन कोटे के आवंटन की गारंटी देगा। उन्होंने बताया कि व्हीकल पहचान संख्या और अन्य डिटेल्स वेरीफाई होने के बाद, प्रत्येक राष्ट्रीय पहचान पत्र संख्या (NIC) के लिए एक QR कोड दिया जाएगा। प्रोग्राम के तहत रजिस्टर्ड वाहन मालिकों को उनकी रजिस्ट्रेशन संख्या के लास्ट डिजिट के आधार पर उनकी बारी आएगी। इसके अलावा मौजूदा तेज संकट के बीच कोलंबो में पर्यटकों और विदेशियों को ईंधन लेने को प्राथमिकता दी जाएगी। विजेसेकेरा ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि हमने विभिन्न देशों से (फ्यूल के लिए) अनुरोध किया है। कोई भी देश जो हमारी मदद के लिए आता है, तो हम उसकी सराहना करते हैं। अभी तक भारत ही एकमात्र देश है जो मदद के लिए आगे आया है। उन्होंने कहा कि हम रूसी सरकार के साथ भी चर्चा कर रहे हैं... शुरुआती बैठकें रूस में हुई हैं। हमने अपनी जरूरतें बता दी हैं और हम उस पर काम कर रहे हैं। हम यह सुनने का इंतजार कर रहे हैं कि श्रीलंका को किस तरह की सुविधा दी जाएगी। 60 लाख से अधिक लोग 'खाद्य असुरक्षा' का कर रहे हैं सामना विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने कहा है कि श्रीलंका की कुल आबादी में से 60 लाख यानी 28 प्रतिशत से अधिक लोग ''खाद्य असुरक्षा'' का सामना कर रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, ये हालात और खराब होने की आशंका है, क्योंकि सबसे बदतर आर्थिक संकट से जूझ रहे देश में संकट गहराता जा रहा है। श्रीलंका फिलहाल गिरते विदेशी मुद्रा भंडार के कारण गंभीर संकट जूझ रहा है और सरकार आवश्यक आयात के लिए भुगतान करने में सक्षम नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से कम से कम 65,600 लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। डब्ल्यूएफपी ने आगाह किया कि यदि तत्काल हस्तक्षेप नहीं किया गया तो यह संख्या तेजी से बढ़ सकती है। डब्ल्यूएफपी ने कहा कि भोजन की आसमान छूती कीमतों के कारण लोगों के लिए खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करना मुश्किल हो रहा है। लगभग 67 लाख लोग पर्याप्त आहार नहीं ले पा रहे हैं।

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