Sunday, July 31, 2022

Sanjay Arora: कुख्यात वीरप्पन और लिट्टे के आतंकियों से कर चुके हैं मुकाबला, जानें कौन हैं दिल्ली के नए पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा

सीनियर इंडियन पुलिस सर्विस (IPS) ऑफिसर संजय अरोड़ा (Sanjay Arora) को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिल्ली पुलिस का नए कमिश्नर नियुक्त किया गया है। संजय अरोड़ा 1988 बैच और AGMUT कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। वह फिलहाल ITBP में महानिदेशक (Director General) पद पर कार्यरत हैं। 31 जुलाई को राकेश अस्थाना को कमिश्नर पद के लिए मिले एक साल का सेवा विस्तार की अवधि पूरी हो रही है। उन्हें रविवार शाम 5 बजे दिल्ली पुलिस द्वारा विदाई प्रदान की जाएगी। उसके बाद कल यानी एक अगस्त को संजय अरोड़ा औपचारिक तौर पर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर के तौर पर पद ग्रहण करेंगे। संजय अरोड़ा के नए पुलिस कमिश्नर बनने के बाद दिल्ली पुलिस मुख्यालय में काफी चर्चा शुरू हुई, क्योंकि इस नाम को लेकर अभी तक कहीं कोई चर्चा तक नहीं थी। रविवार को अचानक पता चला कि तमिलनाडु कैडर के अधिकारी संजय अरोड़ा को AGMUT में बदलाव किया गया है। उसके बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर पर उनके नाम का औपचारिक तौर पर आर्डर 31 जुलाई को केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किया गया। कौन हैं संजय अरोड़ा? चंदन की लकड़ियों और हांथी के दांतों की तस्करी करने वालों का कुख्यात सरगना वीरप्पन और उसके गैंग के खिलाफ तमिलनाडु में जब स्पेशल टास्क फोर्स (Special Task Force) का गठन किया गया तो उस वक्त इन्होंने कई बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया। वीरप्पन के खिलाफ जब आखिरी बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया जा रहा था, उस वक्त संजय अरोड़ा स्पेशल टास्क फोर्स के SP (Superintendent of police) थे। ये भी पढ़ें- CWG 2022: भारतीय वेटलिफ्टर जेरेमी लालरिनुंगा ने देश को दिलाया एक और गोल्ड, भारत ने जीता 5वां पदक उस ऑपरेशन के बाद उन्हें उनकी वीरता के लिए गैलेंटरी पदक से भी नवाजा गया था। अरोड़ा ने तमिलनाडु पुलिस में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी हैं। वह स्पेशल टास्क फोर्स के पुलिस अधीक्षक रहे, जहां वीरप्पन गिरोह के खिलाफ उन्होंने महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। इस शौर्य के लिए उन्हें मुख्यमंत्री के वीरता पदक से सम्मानित किया गया। इसके अलावा संजय अरोड़ा प्रतिबंधित आतंकी संगठन लिट्टे के आतंकियों से मुकाबला और सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं। साल 1991 में NSG से प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उन्होंने उस दौर में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को सुरक्षा प्रदान करने के लिए विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जब लिट्टे के आतंकवाद का दौर चरम पर था। अरोड़ा तमिलनाडु के विभिन्न जिलों के पुलिस अधीक्षक के रूप में भी कार्य किया। श्रीलंका से आए कई लिट्टे के आतंकियों के तमिलनाडु में घुसपैठ करने की खबर मिली थी। उस वक्त ये भी जानकरी मिली थी कि लिट्टे के आतंकियों द्वारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को निशाना बनाया जा सकता है। लिहाजा उस वक्त विशेष सुरक्षा समूह (SPG) के गठन के बाद सुरक्षा व्यवस्था को बेहद मजबूत बनाने के दौरान आईपीएस अधिकारी संजय अरोड़ा की बेहद मजबूत भूमिका रही। इसके साथ ही तमिलनाडु पुलिस में अपर पुलिस आयुक्त (यातायात), चेन्नई, ए.डी.जी.पी. (ऑपरेशन्स) और ए.डी.जी.पी. (प्रशासन) के रूप में अपने कर्तव्‍यों का निर्वाह किया। ये भी पढ़ें- Sanjay Raut: पात्रा चॉल मामले में शिवसेना नेता संजय राउत को 9 घंटे की पूछताछ के बाद ED ने हिरासत में लिया वर्ष 2002 से 2004 तक उन्होंने पुलिस आयुक्त, कोयंबटूर शहर के रूप में अपने कर्तव्‍यों का बखूबी निर्वहन किया। इसके अलाव वह विल्लुपुरम रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक के पद पर तैनात रहे। महानिरीक्षक, रेलवे के पद पर नियुक्त होने से पहले वह उप निदेशक, सतर्कता और एंटी-करप्शन (ACB) के महत्‍वपूर्ण पद पर कार्यरत रहे। ITBP की संभाली कमान संजय अरोड़ा जब तमिलनाडु कैडर के बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आए, उसके बाद इन्होंने 1997 से 2002 तक भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) में बतौर कमान्डेंट सेवाएं दीं। इसके साथ ही 1997 से 2000 तक बल की सीमा सुरक्षा बल (BSF) में तैनात मातली (उत्तराखंड) स्थित बटालियन के सेनानी के रूप में सेवाएं प्रदान की। एक प्रशिक्षक के तौर पर 2000 से 2002 तक आईटीबीपी अकादमी, मसूरी उत्तराखंड में कॉम्बैट विंग में सेनानी (प्रशिक्षण) के रूप में प्रशिक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। BSF और CRPF में बतौर महानिरीक्षक और सीआरपीएफ में अपर महानिदेशक के सेवाएं दी हैं। महानिदेशक, आईटीबीपी का पदभार संभालने से पहले अरोड़ा स्‍पेशल डीजी. सीआरपीएफ (जम्मू-कश्मीर) जोन के पद पर कार्यरत थे।

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