शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक जून के अपने 52 हफ्ते के निचले स्तर से 9 फीसदी से ज्यादा चढ़ चुके हैं। इस दौरान 40 कंपनियों के शेयरों ने 20-50 फीसदी रिटर्न दिए हैं। अभी बीएसई 500 के 90 फीसदी शेयर हरे निशान में हैं। निफ्टी इस साल 17 जून को 15,191 अंक पर आ गया था। गुरुवार (20 जुलाई) को यह 16,600 पर पहुंच गया। यह 1,400 अंक का उछाल है। इस दौरान बीसई 50,900 से 55,600 पर पहुंच गया है। इसमें 4,600 अंक की तेजी आई है। यह भी पढ़ें : Tesla Second Quarter Results: Tesla का रेवेन्यू अप्रैल-जून तिमाही में 42% बढ़कर 16.93 अरब डॉलर रहा, शेयर उछले बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप की भी इस तेजी में हिस्सेदारी रही है। दोनों में करीब 14-14 फीसदी तेजी आई है। वैश्विक बाजार में रिकवरी की वजह से घरेलू बाजार में सेंटिमेंट में सुधार हुआ है। क्रूड की कीमतों में स्थिरता आई है। विदेशी इनवेस्टर्स की बिकवाली की रफ्तार भी सुस्त पड़ी है। इधर, घरेलू संस्थागत निवेशकों की अच्छी खरीदारी जारी है। 17 जून से आई तेजी में हर सेक्टर की हिस्सेदारी रही है। ऑटो, बैंक, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, एफएमसीजी, इंडस्ट्रियल्स, पावर और रियल्टी के शेयर 10-16 फीसदी तक चढ़े हैं। जेएम फाइनेंशियल सर्विसेज में पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर राकेश पारेख ने कहा कि विदेशी इनवेस्टर्स की बिकवाली के बीच घरेलू संस्थागत निवेशकों की अच्छी खरीदारी जारी है। इसलिए बिकवाली का ज्यादा असर नहीं पड़ा है। इधर पिछले पांच साल में बैंकों और कंपनियों की बैलेंसशीट में सुधार आ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर ऑयल की कीमतों में उछाल को छोड़ दें तो घरेलू स्थितियां अच्छी हैं। पीएमआई, टैक्स कलेक्शन, सीपीआई इनफ्लेशन में कमी से इसके संकेत मिलते हैं। डेट और जीडीपी का रेशिया करीब 90 फीसदी है। विदेशी मुद्रा भंडार भी अच्छे लेवल पर है। बीएसई500 के 40 शेयरों में एक महीना में 20-50 फीसदी की तेजी आई है। ITI, Adani Transmission, Tube Investments और शोभा के शेयरों की कीमतें 40-50 फीसदी तक बढ़ी हैं इस दौरान Ceat, Anupam Rasayan India, Adani Total Gas, KRBL, SBI Card, Aster DM Healthcare, Gruanules India, Gujarat Flurochemicals, Jubilant Ingrevia, Bajaj Electricals, Minda Corporation और Responsive Industries के शेयरों में 25-33 फीसदी की तेजी आई है। विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख में बदलाव दिखा है। पिछले साल अक्टूबर के बाद से उन्होंने करीब 3.8 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं। इस दौरान बड़ी गिरावट के बाद शेयर की कीमतें अट्रैक्टिव लेवल पर आ गई हैं। पिछले तीन सत्रों नें विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इंडियन मार्केट में खरीदारी की है।
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