भारतीय बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर खराब क्रेडिट साइकिल और कोविड -19 महामारी के असर से उबर चुका है। यह एक बार फिर ग्रोथ के रास्ते पर लौट आया है। एनालिस्ट ने इस सेक्टर के EPS के अनुमान को बढ़ा दिया है। हालांक, कुछ एनालिस्ट का मानना है कि लोन ग्रोथ के मोर्चे पर मुश्किलें खत्म नहीं हुई हैं। BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेस और इंश्योरेंस) सेक्टर की चौथी तिमाही का प्रदर्शन मजबूत रहा है। स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड बैंकों के नेट प्रॉफिट में सालाना आधार पर 87 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। मुनाफे में आई इस बढ़ोतरी में लोअर प्रोविजनिंग और डूबे कर्ज में गिरावट का अहम योगदान रहा है। चौथी तिमाही में डायवर्सिफाइड एनबीएफसी कंपनियों के मुनाफे में सालाना आधार पर 20 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है। वहीं इंश्योरेंस कंपनियों के मुनाफे में सालाना आधार पर 68 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है। बैंकों के प्रोविजन में गिरावट के कारण बैंकों के मुनाफे में बढ़ोतरी देखने को मिली है। इसके अलावा बैंकिंग सेक्टर की एसेट क्वालिटी में भी अच्छा सुधार देखने को मिल रहा है। आगे के आउटलुक पर बात करते हुए एनालिस्ट का कहना है कि इस समय बैंकिंग शेयरों की वैल्यूएशन काफी अच्छी नजर आ रही हैं। बैंक शेयरों में हाल में आई गिरावट की वजह खराब मैक्रो आंकड़े रहे हैं। इसके अलावा ग्लोबल ग्रोथ और महंगाई को लेकर बड़ी चिंता के कारण भी बैकिंग सेक्टर पर दबाव बढ़ा है। Kotak Institutional Equities का कहना है कि नतीजों का सीजन समाप्त होने के साथ ही हमें बैकिंग सेक्टर में लोअर प्रोविजनिंग की वजह से अर्निंग में मजबूत रिकवरी देखने को मिली है। इसके अलावा इस सेक्टर की एसेट क्वालिटी में भी सुधार हो रहा है। IT sector Outlook : सप्लाई से जुड़ी चुनौतियों ने चौथी तिमाही में बढ़ाई मुश्किलें, लेकिन मांग में मजबूती से आगे कायम रहेगा जोश एनालिस्ट का मानना है कि वित्त वर्ष 2023 में बैंकिंग सेक्टर की कोर अर्निंग में बढ़ोतरी होती दिखेगी। सेक्टर को इंटरेस्ट रेट साइकिल में तेजी का फायदा मिलेगा। इसके अलावा लोन की मांग में भी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। बता दें कि मार्च महीने में लोन की मांग सिंगल डिजिट में थी जो अप्रैल में बढ़कर 11.3 फीसदी पर आ गई। एनालिस्ट का कहना है कि NBFC कंपनियों का प्रदर्शन वित्त वर्ष 2022 में मिलाजुला रहा है। हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में मजबूत ग्रोथ देखने को मिली है जबकि कैपिटल मार्केट पर फोकस करने वाली एनबीएफसी की ग्रोथ हल्की रही है। एनालिस्ट का मानना है कि यह ट्रेंड आगे भी कायम रहेगा। Bajaj Finance का शेयर एनालिस्ट्स का सबसे पसंदीदा शेयर है। हालांकि इसका वैल्यूएशन अभी काफी महंगा नजर आ रहा है। डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
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