उनके मुताबिक, आर माधवन ने कहा, "भारतीय रॉकेट में 3 इंजन (ठोस, तरल और क्रायोजेनिक) नहीं थे। जो पश्चिमी रॉकेटों को मंगल की कक्षा में ले जाने में मदद करते हैं। तब चूंकि भारतीय के पास इसकी कमी थी, तो उन्होंने रॉकेट लॉन्च के लिए पंचांग का इस्तेमाल किया।" उन्होंने कहा, "इसमें अलग-अलग ग्रहों, गुरुत्वाकर्षण खिंचाव, सूर्य की चमक विक्षेपण आदि की सभी जानकारी के साथ आकाश नक्शा है। इन सभी की गणना 1000 साल पहले ही कर ली गई थी और इसलिए इस जानकारी का इस्तेमाल करके लॉन्च के माइक्रो-सेकंड की गणना की गई थी। रॉकेट लॉन्च किया गया और वो पृथ्वी, चंद्रमा और बृहस्पति के चंद्रमा के चारों ओर घूमता हुआ, एक खेल की तरह मंगल की कक्षा में पहुंच गया।"I deserve this for calling the Almanac the “Panchang” in tamil. Very ignorant of me.Though this cannot take away for the fact that what was achieved with just 2 engines by us in the Mars Mission.A record by itself. @NambiNOfficial Vikas engine is a rockstar. https://t.co/CsLloHPOwN
— Ranganathan Madhavan (@ActorMadhavan) June 26, 2022
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उनके इस बयान पर ट्विटर पर एक शख्स ने लिखा, "एक ही फिल्म डायरेक्टर करते हुए, इनको सब कुछ पता चल गया?" एक दूसरे यूजर ने ट्वीट किया, "विज्ञान हर किसी के बस की बात नहीं है। विज्ञान को नहीं जानते हो, ठीक है।" एक और व्यक्ति ने कहा, "आर माधवन अब एक चॉकलेट बॉय से Whatsapp अंकल बन गए हैं।" वहीं आर माधवन अब रॉकेट्री: द नांबी इफेक्ट में दिखाई देंगे। इस फिल्म को आर माधवन ने ही लिखा और डायरेक्ट भी किया है। यह ISRO के पूर्व वैज्ञानिक और एयरोस्पेस इंजीनियर नंबी नारायणन पर एक बायोपिक है, जिस पर जासूसी का झूठा आरोप लगाया गया था। यह फिल्म 1 जुलाई को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी।from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/xu2c6ZR
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