दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टकरेंसी Bitcoin का प्राइस 19,000 डॉलर से नीचे चला गया। दिसंबर 2020 के बाद पहली बार बिटकॉइन का प्राइस इस लेवल पर आया है। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम (ETH) ने भी 1,000 डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर को तोड़ दिया है। अभी बिटकॉइन का प्राइस 10 फीसदी गिरकर 19,040 डॉलर है। कॉइनमार्केट कैप के आंकड़ों के मुताबिक, आज इसका प्राइस 18,905 डॉलर तक गिर गया था। ETH का प्राइस 10 फीसदी टूटकर 992 डॉलर रह गया है। क्रिप्टोकरेंसी में आई गिरावट से क्रिप्टोकरेंसी के कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन में बड़ी गिरावट आई है। पिछले 24 घंटे में यह 5 फीसदी घटकर 90 करोड़ डॉलर से कम रह गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि मार्केट कैपिटलाइजेशन 90 करोड़ डॉलर से कम होने से इनवेस्टर्स के भरोसे को चोट लगी है। पिछले 24 घंटे में बिटकॉइन के 10 करोड़ डॉलर के फ्यूचर सौदे काटे गए हैं। इसका असर भी इनवेस्टर्स के सेंटिमेंट पर पड़ा है। यह भी पढ़ें : इस साल 2 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं FII, आपके लिए यह खरीदारी का मौका, इन शेयरों में कर सकते हैं निवेश BigOne Exchange के चेयरमैन एंडी लियन ने कहा कि बिटकॉइन के 20,000 डॉलर से नीचे गिरने का मतलब है कि फ्यूचर्स के और सौदे काटे जाएंगे। खासकर वे इनवेस्टर्स अपनी पॉजिशन खत्म करेंगे, जिन्होंने सौदों के लिए कर्ज लिया था। उन्होंने कहा, "अभी इनफ्लेशन में तेजी का रुख है, इंटरेस्ट रेट बढ़ रहा है, यूक्रेन क्राइसिस जारी है और इकोनॉमी कोरोना के असर से उबरने की कोशिश कर रही है। इन स्थितियों में पहली बार बिटकॉइन को इंतहान से गुजरना पड़ रहा है।" उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति में बदलाव के बाद ही बिटकॉइन और इथेरियम में रिकवरी की उम्मीद की जा सकती है। BitMEX के पूर्व सीईओ अर्थर हेज ने कहा कि स्पॉट मार्केट में बिकवाली का बड़ा दिख सकता है। इसकी वजह यह है कि BTC 20,000 डॉलर से नीचे आ गया है। ETH ने 1,000 डॉलर का लेवल तोड़ दिया है। ऐसे में डीलर खुद को लॉस से बचाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि यह भी हो सकता है कि कुछ OTC डीलर्स जिन्होंने पर्याप्त हेजिंग नहीं की होगी, वे दिवालिया हो सकते हैं। Bitcoin सहित प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट की वजह यह है कि अभी इनवेस्टर्स रिस्की एसेट से दूरी बना रहे हैं। यही वजह है कि दुनियाभर के शेयर बाजारों में भी बड़ी गिरावट आई है।
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