Friday, June 17, 2022

मंदी की आहट से दुनियाभर के बाजारों में घबराहट, जानिये भारतीय बाजारों का हाल कितना हुआ बेहाल

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन बुल्स और बियर के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। निफ्टी 15300 के ऊपर टिकने की कोशिश में करता दिखा। हालांकि बैक निफ्टी आज आउटपरफॉर्म कर रहा है। पूरे हफ्ते में निफ्टी ढ़ाई परसेंट तो बैंक निफ्टी 5% से ज्यादा फिसला है। इस हफ्ते मेटल और IT सेक्टर में तगड़ी बिकवाली देखने को मिली। दोनों सेक्टर 8% से ज्यादा फिसले हैं। टाटा स्टील, वेदांता और हिंडाल्को 10 से 15% तक गिरे। वहीं, रियलिटी, एनर्जी और NBFCs में भी दबाव देखने को मिला। वैश्विवक आधार पर नजर डालें तो दुनियाभर के बाजारों में हाहाकार है। मंदी की आहट में बाजारों में घबराहट है। निवेशकों के लाखों करोड़ डूब चुके हैं। जानते हैं कि भारतीय बाजारों का हाल कितना बेहाल है- सीएनबीसी-आवाज़ के सुमित मेहरोत्रा ने कहा कि दुनिया भर के बाजारों के साथ ही भारतीय बाजारों में भी गिरावट देखने को मिल रही है। भारतीय बाजार साल के निचले स्तरों पर पहुंच गये हैं। निफ्टी की बात करें तो ये अपने उच्चतम स्तर से करीब 17 प्रतिशत टूट चुका है। वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप भी लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप में 20 से 30 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखने को मिली है। बाजार में लगातार छठे दिन बिकवाली का दबाव, जानें निफ्टी एवं बैंक निफ्टी की रेंज और शेयरखान गौरव रत्नपारखी के दमदार पिक्स सुमित ने आगे कहा कि शेयरों की बात करें तो इनमें भी जोरदार गिरावट देखने को मिली है। शेयरों में बड़ी गिरावट यानी 30 से 40 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। निफ्टी के 25 शेयर ऊपरी स्तरों से बहुत ज्यादा फिसल चुके हैं। ये 25 शेयर इस समय साल के निचले स्तरों पर कारोबार कर रहे हैं। मार्केट कैप के लिहाज से देखें तो निफ्टी की मार्केट कैप में भी जोरदार गिरावट आई है। निफ्टी के निवेशकों के लाखों करोड़ रुपये इस मंदी में स्वाहा हो गये हैं। निफ्टी के उच्चतम स्तर से गणना करें तो अब तक निवेशकों के 25 लाख करोड़ रुपये डूब गये हैं। जबकि इस साल यानी 2022 की शुरुआत से अब तक निवेशकों के 15.50 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गये हैं। दूसरी तरफ इस साल अब तक FIIs भारतीय बाजारों से रूठे हुए नजर आ रहे हैं। उनके रूठने की वजह से भी बाजारों का टूटना भी लगातार जारी है। सुमित ने कहा कि अब तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2022 में अबतक FIIs ने 2.52 लाख करोड़ की बिकवाली की है। यदि मासिक आधार पर इसका एवरेज देखें तो विदेशी निवेशकों की ओर से हर महीने करीब 50 हजार करोड रुपये की बिकवाली भारतीय बाजारों में की गई है। इंडेक्सेस पर नजर डालें तो ज्यादातर इंडेक्सेस में गिरावट देखने को मिली है। कई इंडेक्स साल के निचले स्तरों के करीब गिरकर कारोबार कर रहे हैं। ये इंडेक्सेस लाल निशान में कारोबार करते हुए नजर आ रहे हैं। बैंक निफ्टी, IT, फार्मा, मेटल और रियल्टी इस समय साल के निचले स्तरों पर कारोबार कर रहे हैं। कमजोर बाजार में कल Vakrangee, Welspun India, Ramco System, Bharat Gears और SIS ने दिखाई तेजी, जानिये आज स्टॉक में क्या हो रणनीति? बता दें कि भारतीय बाजार में हाहाकार मचने के कई कारण है। इसमें से एक कारण तो दुनियाभर के बाजारों में आई हुई गिरावट है। वहीं महंगाई, बढ़ती ब्याज दरों से भी सेंटिमेंट खराब हो रहा है। बाजारों में ग्लोबल मंदी की आहट भी सुनाई पड़ रही है। इसके अलावा निवेश करने की बजाय FIIs की बिकवाली जारी ही है। जबकि दूसरी तरफ क्रूड गरम हुआ है और रुपया नरम हुआ है। (डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें। )      

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