RBI ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए करेंट फाइनेंशियल ईयर में इनफ्लेशन के अनुमान को बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। इनफ्लेशन को लेकर बाजार में भी चिंता है। इस वजहसे इस हफ्ते सेंसेक्स 1,466 अंक यानी 2.63 गिर गया। निफ्टी भी 2.3 फीसदी यानी 382 अंक की कमजोरी के साथ 16,202 पर आ गया। मार्केट पर तेजी से बढ़ती महंगाई के अलावा कई दूसरे फैक्टर का असर दिख रहा है। इनमें RBI के रुख में बदलाव, क्रूड की ऊंची कीमतें और ईसीबी के इंटरेस्ट रेट बढ़ाने की संभावना शामिल हैं। उधर, अमेरिका में इनफ्लेशन के डेटा ने भी चिंता बढ़ाई है। यह भी पढ़ें : कोरोना संकट से इंडिया ने दिखाई जबर्दस्त रिकवरी: CEA Anantha Nageswaran जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड ऑफ रिसर्च विनोद नायर ने कहा, "घरेलू बाजार का फोकस अब ग्लोबल फैक्टर्स पर है। फेडरल रिजर्व की पॉलिसी अगले हफ्ते आने वाली है। यूरोपीय सेंट्रल बैंक पहले ही इंटरेस्ट रेट बढ़ाने का संकेत दे चुका है।" इस हफ्ते ज्यादातर सेक्टर लाल निशान में रहे। इनमें ऑटो, एनर्जी, ऑयल एंड गैस शामिल हैं। बीएसई बैंक, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, एफएमसीजी, फाइनेंस, आईटी और मेटल में सबसे ज्यादा 2-3 फीसदी गिरावट आई। दूसरे सूचकांकों पर भी दबाव रहा। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमश: 1.25 फीसदी और 2 फीसदी गिर गए। खास बात यह है कि मार्केट में कमजोरी के बावजूद 28 स्मॉलकैप शेयरों में तेजी रही। इनमें मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल (39 फीसदी), फ्यूचर लाइफ स्टाइल फैशंस (27.5%), फ्यूचर सप्लाई चेन सॉल्यूशंस (27%) और फ्यूचर एंटरप्राइजेज (22 फीसदी) शामिल रहे। Chennai Petroleum Corporation, Navkar Corporation, Mangalore Chemicals and Fertilisers, Titagarh Wagons, Thyrocare Technologies, PNB Housing Finance, TV18 Broadcast और Kamdhenu के शेयरों में 10-19 फीसदी तेजी आई। मिडकैप शेयरों में ऑयल इंडिया 20 फीसदी उछला। RBI Bank, Biocon, TVS Motor company, Oberoi Realty, Max Financial Services, Apollo Hospital में 2-7 फीसदी तेजी आई। देश में कार बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजुकी के शेयरों में 3 फीसदी की तेजी आई। महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर 0.86 फीसदी मजबूत हुए। डॉ रेड्डीज के शेयर में 0.43 फीसदी और एनटीपीसी के शेयर में 0.1 फीसदी की मजबूती आई। लगातार आठ महीनों से विदेशी संस्थागत निवेशक इंडियन मार्केट में बिकवाली कर रहे हैं। सिर्फ जून में अब तक वे 19,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच चुके हैं। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशक खरीदारी कर बाजार को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। इस महीने अब तक उन्होंने 13,000 करोड़ रुपये की खरीदारी की है।
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