Pakistan Crisis: प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के भाग्य का फैसला करने के लिए नेशनल असेंबली (National Assembly) का सत्र लगातार कई स्थगन और लंबी देरी के बाद फिर से शुरू हो गया है। सत्र को मूल रूप से दोपहर 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था, लेकिन विपक्ष और सरकार के सदस्यों की बैठक के कारण इसमें देरी हुई। नेशनल असेंबली का यह सत्र शनिवार सुबह 10:30 बजे शुरू हुआ, लेकिन हंगामे और नारेबाजी के चलते इस दो बार स्थगित किया गया। उधर GEO News ने सूत्रों के हवाले से बताया कि सत्र को जानबूझकर लंबा खींचा जा रहा है और इमरान खान की PTI पार्टी के मंत्री सत्र के दौरान अपने भाषणों को लंबा करने की कोशिश करेंगे। सूत्रों के अनुसार, अब रात 8 बजे के बाद, यानी इफ्तार के बाद, अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव (No Trust Vote) पर मतदान दिन के एजेंडे में चौथा आइटम है। जबकि विपक्ष पूरी ताकत से सामने आया, सत्र स्थगित होने से पहले ट्रेजरी बेंच के बहुत कम सदस्य उपस्थित थे। प्रधानमंत्री इमरान खान भी खुद सत्र में मौजूद नहीं हैं। सत्र शुरू होने के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि देश फैसला करेगा। भूल जाओ कि मैं पीटीआई के सदस्य के रूप में बोल रहा हूं। मैं अब एक पाकिस्तानी के रूप में बोल रहा हूं, कृपया इस देश को संवैधानिक संकट में न डालें। Exclusive: क्यों इस्तीफा नहीं देना चाहते इमरान...पाक सेना और विपक्ष के बीच क्या है संबंध? वहीं PM इमरान खान के रूस दौरे को लेकर महमूद कुरैशी ने कहा कि मैं पटल पर लाना चाहता हूं कि अमेरिका के NSA ने हमारे NSA को कॉल कर न जाने के लिए कहा। मुझे बताएं कि ऐसा कहां होता है कि एक संप्रभु देश को उसके द्विपक्षीय दौरे से रोका जाए?। भारत के साथ संबंध और बातचीत पर कुरैशी ने कहा कि हमने कभी वार्ता से इंकार नहीं किया है। हमारे PM ने हमेशा कहा है कि अगर वह (भारत) शांति का एक कदम लेगा, तो हम दो लेंगे। वहां (भारत में) जो हिंदुत्व की सोच आई हुई है, जो RSS की सोच दिल्ली में काबिज है, वो बातचीत नहीं चाहती। उन्होंने आगे कहा, "वह कश्मीरियों को जकड़े रखना चाहती है। वह जुल्म की चक्की में कश्मीरियों को पीसना चाहती है।" विपक्ष और सरकार की हुई बैठक Dawn.Com के मुताबिक, सत्र स्थगित होने के बाद अध्यक्ष के कक्ष में ट्रेजरी और विपक्षी बेंच के बीच एक बैठक हुई, जहां बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार, कार्यवाही करने का आह्वान किया गया। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और PTI नेता आमिर डोगर ने सरकार की ओर से हिस्सा लिया, जबकि बिलावल भुट्टो-जरदारी, राणा सनाउल्लाह, अयाज सादिक, नवीद कमर और मौलाना असद महमूद ने विपक्ष का प्रतिनिधित्व किया। इसके बाद विपक्ष के संसदीय दल की बैठक विपक्षी नेता के कक्ष में बुलाई गई। अलग से, सरकार ने डिप्टी स्पीकर के 3 अप्रैल के फैसले को खारिज करने और नेशनल असेंबली को बहाल करने के शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर की।
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