Sunday, April 3, 2022

Koo के सभी यूजर्स अब पा सकते हैं 'आइडेंटिफिकेशन टिक', कंपनी ने बताया 'येलो टिक' के लिए कैसे करें अप्लाई

माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के भारतीय प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी कू अपने वेरिफिकेशन कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने के लिए सभी यूजर्स के लिए स्वैच्छिक आधार पर ‘आइडेंटिफिकेशन टिक (identification tick)’ का विकल्प देने की तैयारी में है। बता दें कि आइडेंटिफिकेशन टिक एक तरह का वेरिफिकेशन टिक है जो कू प्लेटफॉर्म पर प्रमुख यूजर्स को दिया जाता है। कू के सह-संस्थापक एवं सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने पीटीआई के साथ बातचीत में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वेरिफिकेशन कार्यक्रम का दायरा बढ़ाने के लिए कू अपने सभी यूजर्स को ‘आइडेंटिफिकेशन टिक’ की सुविधा देने की योजना बना रही है। यूजर्स के लिए आइडेंटिफिकेशन टिक पाना हो जाएगा आसान अप्रमेय राधाकृष्ण ने आइडेंटिफिकेशन टिक के प्रस्ताव पर कहा कि इस व्यवस्था को यूजर्स के लिए वैकल्पिक आधार पर दिया जाएगा और इसमें किसी तरह की बाध्यता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि हमारे पास पहले से ही एक एमिनेंस टिक सुविधा है। आइडेंटिफिकेशन टिक के जरिए हमारे आम यूजर्स यह कह पाएंगे कि वे असली हैं। ये भी पढ़ें- China COVID-19: चीन में कोरोना से एक बार फिर हाहाकार, 2 साल बाद सामने आए 13,000 से अधिक नए केस उन्होंने कहा कि आइडेंटिफिकेशन टिक को जल्द ही उन सभी यूजर्स के लिए मुहैया करा दिया जाएगा, जो इसका इस्तेमाल करना चाहेंगे। देखने में भी आइडेंटिफिकेशन टिक पीले रंग की एमिनेंस टिक से अलग होगी। दूसरे देश में विस्तार की अभी योजना नहीं राधाकृष्ण ने कहा कि स्वदेशी स्तर पर विकसित इस माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफार्म का विस्तार दूसरे देशों में भी करने की मंशा है, लेकिन कंपनी इसमें जल्दबाजी नहीं करना चाहती है। उन्होंने कहा कि विदेशों में विस्तार कंपनी की तात्कालिक प्राथमिकता में नहीं है। उन्होंने कहा कि कंपनी की नजर फिलहाल घरेलू स्तर पर बाजार की अगुवा बनने पर है और स्थानीय संस्कृतियों एवं मूल्यों के अनुरूप खुद को ढालने से जुड़े सभी जरूरी सबक भारत में काम करते हुए ही सीख लेना चाहती है। कू का नाइजीरिया में भी परीक्षण चल रहा है। कब आएगा IPO? कंपनी का IPO लाने की योजना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह अभी बहुत दूर की बात है और कू अभी अपनी वृद्धि पर नजरें टिकाए हुए है। कू को तीन करोड़ से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया हुआ है। भारत में कू वेरिफिकेशन टिक के रूप में येलो टिक प्रदान करता है, जबकि ट्विटर के पास वेरिफिकेशन अकाउंट के लिए ब्लू टिक है।

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