किशोर बियानी की अगुआई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (Future Retail Limited) ने शुक्रवार को कहा कि उसके शेयरधाहोल्डरों और क्रेडिटर्स की अगले सप्ताह होने वाली बैठक नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) के जारी निर्देशों के मुताबिक है। इस बैठक में Future Retail Limited (FRL) की रिटेल संपत्तियों को अरबपति बिजनेसमैन मुकेश अंबानी की अगुआई वाली रिलायंस रिटेल को बेचने को मंजूरी देने पर विचार किया जाएगा। इससे पहले अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन ने इस बैठक को 'अवैध' बताते हुए इसका विरोध किया था। बता दें कि फ्यूचर ग्रुप और एमेजॉन के बीच कानूनी विवाद चल रहा है, जो फ्यूचर ग्रुप के रिटेल एसेट्स को 24,713 करोड़ रुपये की एक डील में रिलायंस को बेचने से जुड़ा है। फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) ने शेयर बाजारों को भेजे एक स्पष्टीकरण में एमेजॉन के विरोध को खारिज किया और बताया कि उसने यह बैठक 28 फरवरी 2022 को जारी NCLT के निर्देशों के तहत बुलाई है। यह भी पढ़ें- Elon Musk को 'पॉइजन पिल' से रोकेगी Twitter, जानिए क्या होता है यह और क्या इससे बच जाएगी कंपनी? फ्यूचर रिटेल ने अपने स्पष्टीकरण में कहा, "NCLT ने यह निर्देश सभी पक्षों की तरफ से प्रस्तुत किए गए तथ्यों और जानकारियों पर विचार विमर्श करने के बाद जारी किया था। इसमें Amazon.Com NV Investment Holdings LLC की तरफ से रखी आपत्तियों और सुप्रीम कोर्ट के इस संबंध में 15 फरवरी 2022 को दिए आदेशों पर भी गौर किया गया था।" फ्यूचर रिटेल ने 20 अप्रैल को शेयरहोल्डरों की बैठक बुलाई है और 21 अप्रैल को क्रेडिटर्स की बैठक बुलाई है। बैठक में रिलायंस के साथ प्रस्तावित 24,713 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी देने पर विचार किया जाएगा। एमेजॉन ने 16 पन्नों का लेटर लिख जताया था विरोध इससे पहले बीते 12 अप्रैल को एमेजॉन ने किशोर बियानी और अन्य प्रमोटरों को 16 पन्नों का एक लेटर भेजा था। लेटर में कहा गया था कि इस तरह की बैठकें अवैध हैं। लेटर में कहा गया ये बैठकें 2019 की उन शर्तों का उल्लंघन है, जिसके आधार पर एमेजॉन ने उस वक्त फ्यूचर रिटेल की प्रमोटर फर्म में निवेश किया था। साथ ही सिगांपुर आर्बिट्रेशन ट्राइब्यूनल के उस आदेश का भी उल्लंघन है, दो उसने रिलायंस को रिटेल संपत्ति बेचने के मामले में जारी किया था। Amazon.Com NV Investment Holdings LLC की तरफ से लिखे इस लेटर में कहा गया था कि किशोर बियानी को आर्बिट्रेशन की तरफ से दिए निर्देश का सख्ती से पालन करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस ट्रांजैक्शन की दिशा में कोई और कदम न बढाया जाए। डिस्क्लेमर –मनीकंट्रोल, नेटवर्क18 ग्रुप का हिस्सा है। नेटवर्क18 का नियंत्रण इंडिपेंडेट मीडिया ट्रस्ट करता है, जिसकी रिलायंस इंडस्ट्रीज एकमात्र लाभार्थी है।
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