Thursday, March 3, 2022

Eveready Industries के चेयरमैन-MD का इस्तीफा, Burman Group की अधिग्रहण की कोशिशों के बीच बड़ी खबर

Eveready Industries :  डाबर की प्रमोटर बर्मन फैमिली (Burmans) की तरफ से अधिग्रहण के लिए बिड आने के बाद एवरेडी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर ने इस्तीफा दे दिया है। हाल की एक मीडिया रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। बर्मन फैमिली द्वारा कोलकाता की ड्राई सेल बैटरी कंपनी के लिए ऑफर लाने के दो दिन बाद आदित्य खेतान (Aditya Khaitan) और अमृतांशु खेतान (Amritanshu Khaitan) ने इस्तीफा दिया है। एक फाइलिंग के मुताबिक, सुवामॉय साहा (Suvamoy Saha) कंपनी के नए एमडी का कार्यभार संभाल लेंगे। हाल में ओपन ऑफर लाया बर्मन ग्रुप ओपन मार्केट से एवरेडी की 5.26 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदे जाने के बाद बर्मन फैमिली, सेबी (SEBI) के टेकओवर रूल्स (takeover rules) के तहत अनिवार्य ओपन ऑफर (open offer) लेकर आई है। ओपन मार्केट से शेयर खरीदने से बर्मन की कंपनी में कुल हिस्सेदारी बढ़कर 25.11 फीसदी हो गई थी। टेकओवर बिड से पहले बर्मन 19.85 फीसदी स्टेक के साथ कंपनी में सबसे बड़े शेयरहोल्डर थे। Anand Rathi ने Info Edge के शेयर में दी खरीदारी की सलाह, 1 महीने में 17% भाग सकता है ये स्टॉक बिजनेस को नए लेविल पर ले जाएंगे : बर्मन डाबर ग्रुप के मोहित बर्मन (Mohit Burman) ने कहा कि हम ढाई साल से ज्यादा समय से शेयरहोल्डर हैं और वह कुछ समय से कंपनी हालात पर नजर रखे हुए थे। उन्होंने कहा, “हमें लगा कि कंपनी को अब सही दिशा की जरूरत है। अच्छी बात यह है कि ग्रुप के फाइनेंशियल इश्यूज के बावजूद इसकी फाइनेंशियल स्थिति अच्छी है। हमें कंपनी का फ्यूचर अच्छा नजर आता है। हमें लगता है कि हम इसमें वैल्यू जोड़ने में सक्षम होंगे और इस बिजनेस को नए लेविल पर ले जाएंगे।” एक बयान में कहा गया कि डाबर इंडिया (Dabur India) एवरेडी के अधिग्रहण की प्रक्रिया में सीधे तौर पर शामिल नहीं है। दो दशक से खेतान ग्रुप की कंपनी है एवरेडी एवरेडी दो दशकों से बीएम खेतान ग्रुप (BM Khaitan group) से संबंधित है। यह 1993 में ग्रुप में शामिल हो गई थी, जब इसे यूनियन कार्बाइड इंडिया (Union Carbide India) से खरीदा गया था और इसका नाम बदलकर एवरेडी इंडस्ट्रीज इंडिया (Eveready Industries India) कर दिया गया था। 44 फीसदी से 4.8 फीसदी रह गई प्रमोटर्स की हिस्सेदारी पिछले दो साल में एवरेडी में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी घटकर 44.1 फीसदी से घटकर 4.8 फीसदी रह गई है। इसकी मुख्य वजह लोन डिफॉल्ट रही, जिसके चलते लेंडर्स ने गिरवी पड़े शेयर बेच दिए। खेतान ने मैकनैली भारत इंजीनियरिंग का कर्ज चुकाने के लिए एवरेडी और चाय उत्पादक कंपनी मैकलॉयड रसेल (McLeod Russel) में अपनी हिस्सेदारी गिरवी रख दी थी।

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