Friday, March 4, 2022

ED ने Coastal Energy के प्रमोटर को किया अरेस्ट, ₹564 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग का है आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बताया कि उसने चेन्नई स्थित कोस्टल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर अहमद एआर बुहारी को 564.48 करोड़ रुपये के एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। बुहारी पर आरोप है कि उन्होंने कोयले की कीमत को गलत तरीके अधिक वैल्यू दिखाई, जिसके चलते सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों (PSUs) ने कोल की खरीद के लिए अधिक रकम का भुगतान किया। सीबीआई ने पहले आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत बुहारी और सरकारी कंपनियों के अन्य अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। इसी FIR के आधार पर बाद में ईडी ने केस दर्ज किया और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। इस मामले की जांच डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (DRI) ने भी की थी। ED ने एक बयान में कहा, "जांच से पता चला है कि चेन्नई स्थित कोस्टल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, कोस्टल एनर्जेन प्राइवेट लिमिटेड, कोल एंड ऑयल ग्रुप दुबई सहित मॉरीशस और ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड में स्थित कई विदेशी संस्थाओं को अहमद बुखारी कंट्रोल करता था।" सरकारी कंपनियों (PSU) को उच्च क्वालिटी की जगह कम कैलोरी वैल्यू के कोयले की सप्लाई की गई थी। इसके लिए CEPL या MMTC द्वारा टेंडर मंगाए थे और CEPL की तरफ से कोयले की सप्लाई या तो सीधे या MMTC के जरिए की गई थी। यह भी पढ़ें- Stock Market में 2% से ज्यादा की गिरावट, Ukraine Tension सहित इन 4 वजहों से बना हुआ है प्रेशर खराब क्वालिटी के कोयले की सप्लाई के लिए फर्जी सर्टिफिकेट ऑफ सैंपलिंग एंड एनालिसिस (COSA) बनाए गए, जबकि कोयले की असली क्वालिटी दिखाने वाले ओरिजनल COSA को दबा दिया गया था। जांच में आगे पता चला कि बुहारी ने कोयले के अधिक वैल्यूएशन के जरिए ​​564.48 करोड़ रुपये की आपराधिक आय अर्जित की। बुहारी ने बाद में इसमे से 557.25 करोड़ रुपये की राशि यूएई स्थित सीईपीएल और सीएनओ ग्रुप की कंपनियों को डायवर्ट किया। बाद में इसी पैसे को फिर कोस्टल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड में निवेश करने के लिए मॉरीशस स्थित प्रीशियस एनर्जी होल्डिंग्स लिमिटेड, BVI और मुटियारा एनर्जी होल्डिंग्स लिमिटेड के जरिए भारत को वापस भेज दिया। ED इस मामले में पहले ही कोस्टल एनर्जेन प्राइवेट लिमिटेड के पास से 557.25 करोड़ रुपये तक की रकम को प्रोविजनी जब्त कर चुकी है। ED नेयह कार्रवाई 2020 में की थी।

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