देश का सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) बदलाव के दौर से गुजर रहा है। वजीरएक्स के दो को-फाउंडरों, निश्चल शेट्टी (Nischal Shetty) और सिद्धार्थ मेनन (Siddharth Menon) ने खुद को फर्म के रोजाना के कामकाज से अलग कर लिया है और अब वे अपने नए प्रोजेक्ट पर फोकस कर रहे हैं। इस मामले से वाकिफ लोगों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी। वजीरएक्स (WazirX) का नवंबर 2019 में दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बाइनेंस (Binance) ने अधिग्रहण कर लिया था। मनीकंट्रोल को पता चला है कि दोनों को-फाउंडर्स ने WazirX के एक्टिव ऑपरेशंस से खुद को दूर कर लिया है और वे अब केवल सलाहकार की भूमिका में ही इससे जुड़े रहेंगे। सिद्धार्थ मेनन जहां निष्क्रिय क्षमता के साथ जुड़े रहेंगे, वहीं निश्चल शेट्टी फर्म के रोजाना के कामकाज से हट गए हैं। तीसरे को-फाउंडर और फर्म के मौजूदा चीफ टेक्निकल ऑफिसर (CTO) समीर म्हात्रे अपनी मौजूदा भूमिका में बने रहेंगे। WazirX में ये बदलाव ऐसे समय में आए हैं जब क्रिप्टो इंडस्ट्री में कॉम्पिटीशन की तीव्रता बढ़ती जा रही है। कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) और कॉइनस्विच (Coinswitch) जैसी प्रतिद्वंदी कंपनियां यूनिकॉर्न बन गई हैं। हालांकि इन सबके बीच देश में क्रिप्टो के रेगुलेशन को लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के देश में भविष्य को लेकर सरकार और आरबीआई की तरफ से मिलेजुले संकेत मिल रहे हैं। यह भी पढ़ें- Zomato, Paytm, Nykaa के शेयरों ने छुआ अपना सबसे निचला स्तर, इनमें पैसा लगाने वाले निवेशक अब क्या करें? एक सूत्र ने बताया कि Binance (जिसके पास वजीरएक्स का मालिकाना हक है) भारत में अपने आपरेशंस को देखने के लिए एक मैनेजमेंट टीम बनाने पर विचार कर सकता है क्योंकि पिछले साल से देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लोगों में दिलचस्पी काफी बढ़ी है और इसी के साथ इस फील्ड में कॉम्पिटीशन भी काफी तेज हो गया है। भारत में WazirX की प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में Coinswitch, CoinDCX, Unocoin, Zebpay और Bitbns शामिल हैं। देश में क्रिप्टो के रेगुलेशन पर अनिश्चितता के अलावा सरकार ने हाल में बजट के दौरान क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है और इससे भी क्रिप्टो इंडस्ट्री का कारोबार प्रभावित होने की उम्मीद है। कुछ दिनों पहले, RBI के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाना "शायद भारत के लिए सबसे उचित विकल्प है।" इससे पहले, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी भारत की व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा है और इस पर दांव लगाने वाले निवेशक इसे अपने जोखिम पर कर रहे हैं।
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