Russia-Ukraine conflict : हफ्तों की टेंशन के रूस ने आज ऐलान किया कि वह यूक्रेन बॉर्डर पर तैनात अपने कुछ सैनिकों को वापस बुला रहा है। इससे रूप से पश्चिमी देशों के टकराव में कमी का पहला संकेत माना जा रहा है। कोल्ड वार के बाद इसे पश्चिमी देशों और रूस के बीच सबसे खराब संकट कहा जा सकता है। तनाव कम होने के कारण, अमेरिका ने पिछले हफ्ते यूक्रेन की राजधानी कीव पर बड़े हमले की चेतावनी दी थी। रूस ने चेतावनी के बाद ब्लैक सी पर कई वर्षों में के बाद बड़ा नौसेना अभ्यान शुरू किया था। Apple Watch ने जांच से पहले ही लगा लिया था थायरॉइड पता, नर्सिंग स्टूडेंट का दावा आज सुबह रूस के रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने एएफपी से बातचीत में कहा कि यूक्रेन की सीमा पर तैनात कुछ सैनिकों ने अभ्यास पूरा कर लिया है और वे वापस लौट रहे हैं। रूस-यूक्रेन संकट (Russia-Ukraine crisis) को समझने के लिए हम इससे जुड़े 5 अहम बिंदुओं के बारे में बता रहे हैं : 1. बीते साल नवंबर में, सैटेलाइट इमेज से खुलासा हुआ कि वेस्ट यूक्रेन की सीमाओं पर 1 लाख रूसी सैनिक और भारी मिलिट्री सामान जमा हैं। दिसंबर में, जो बाइडेन ने यूक्रेन पर हमले की स्थिति में रूस को आर्थिक प्रतिबंधों की चेतावनी दी। Elon Musk ने गुमनाम ट्रस्ट को दान में दिया ₹45,000 करोड़, बने इतिहास के सबसे बड़े दानवीर 2. क्रेमलिन ने पश्चिमी देशों से कई मांग कीं। रूस ने नाटो से यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि यूक्रेन को कभी भी एक सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। रूस ने यह मांग भी की कि नाटो को पूर्वी यूरोप में अपनी सभी सैन्य गतिविधियां रोक देनी चाहिए। 3. जनवरी में, बाइडेन ने यूक्रेन के प्रेसिडेंट Volodymyr Zelenskyy को भरोसा दिलाया कि यदि रूस, यूक्रेन पर हमला करता है तो अमेरिका “निर्णायक प्रतिक्रिया” देगा। नाटो ने अपनी सेनाएं तैयार कर दिया था और पूर्वी यूरोप में अपने शिप और फाइटर जेट्स की मौजूदगी बढ़ा दी थी। Free Fire : भारत ने चीनी ऐप पर लगाया बैन और Tencent के निवेश वाली कंपनी के डूब गए 16 अरब डॉलर 4. अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन, आयरलैंड, बेल्जियम, लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, कनाडा, नॉर्वे, एस्टोनिया, लिथुआनिया, बुल्गारिया, स्लोवेनिया, ऑस्ट्रेलिया, जापान, इजरायल, सऊदी अरब और यूएई सहित कई देशों ने पूर्ण युद्ध छिड़ने की आशंकाओं के बीच अपने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कह दिया। कई देशों ने चेतावनी दी थी कि अगर तनाव बढ़ता रहा तो सेनाओं को हटाना संभव नहीं हो सकता। 5. अमेरिका और रूसी अधिकारियों के बीच कूटनीतिक बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला, क्योंकि वाशिंगटन ने दोहराया कि वे क्रेमलिन की मांगों को स्वीकार नहीं कर सकते। व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने कहा कि उनकी चिंताओं को अभी तक दूर नहीं किया गया है, लेकिन वह बातचीत के लिए तैयार हैं। बाइडेन की फरवरी में संभावित हमले की चेतावनी के बाद उन्होंने यूक्रेन पर हमले की योजना से इनकार किया।
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