स्पाइसजेट (SpiceJet) ने दिसंबर तिमाही में 23.28 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया है। इससे पहले इंडिगो (Indigo) ने दिसंबर तिमाही के नतीजों का ऐलान किया था। उसने 129.8 करोड़ रुपये प्रॉफिट कमाया है। लगातार सात तिमाही लॉस के बाद दोनों एयरलाइंस ने प्रॉफिट कमाया है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि स्पाइसजेट के प्रॉफिट की वजह अमेरिकी कंपनी बोइंग से मिला मुआवजा है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला। स्पाइसजेट 13 बोइंग 737 मैक्स विमानों का इस्तेमाल नहीं कर सकी। इसकी वजह डिजाइन में कमी के चलते 2019 में हुई दो बड़ी दुर्घटनाएं थीं। इसके बाद दुनियाभर में मैक्स विमानों के उड़ान भरने पर रोक लगा दी गई थी। तब इंडिया में स्पाइसजेट एकमात्र एयरलाइंस थी, जिसके पास मैक्स विमान थे। दोबारा 2021 में इन विमानों को उड़ान भरने की इजाजत मिली। स्पाइसेजट ने 205 बोइंग 737 मैक्स एयरक्राफ्ट खरीदने का ऑर्डर दिया है। इसमें से 155 कनफर्म ऑर्डर हैं, जबकि 50 के लिए विकल्प है। स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा, "हम मुआवजे के हकदार हैं, क्योंकि मैक्स विमानों के उड़ान नहीं भरने से हमें बहुत लॉस उठाना पड़ा। इसमें हमारी कोई गलती नहीं थी।" वित्तीय नतीजों के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि नतीजें हमारे असल प्रदर्शन को बयां करते हैं। इन्हें पूरी पारदर्शिता के साथ तैयार किया गया है। यह भी पढ़ें : अब CBI कर रही चित्रा रामकृष्णा से पूछताछ, कैसे स्टॉक एक्सचेंज की Queen से कंट्रोवर्सी क्वीन बन गईं चित्रा ? प्रवक्ता ने कहा कि हमें बोइंग से मुआवजा मिला है। इससे मैक्स एयरक्राफ्ट्स के उड़ान नहीं भरने से हुए नुकसान की भरपाई हुई है। उन्होंने कहा, "हम कुछ सालों तक लॉस उठाते रहे। फिर रिकवरी को नकारात्मक क्यों माना जा रहा है?" हालांकि, स्पाइसजेट की समस्या खत्म होने नहीं जा रही है। ऑडिटर्स वाकर चंडियोक एंड कंपनी ने कई बार स्पाइसजेट का कामकाज जारी रहने को लेकर संदेह जताया है। वाकर ने कहा कि 31 दिसंबर तक कंपनी को हुए कुल 5,453 करोड़ रुपये के नुकसान ने इसका नेटवर्थ पूरी तरह से खत्म कर दिया है। कोरोना की महामारी से पैदा हुई अनिश्चितता के साथ कुछ दूसरी अनिश्चितताएं भी हैं, जो आगे कंपनी का कामकाज जारी रहने को लेकर संदेह पैदा करती हैं। लेकिन, स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने इन अनिश्चितताओं को खत्म कर दिया। उन्होंने कहा कि ये अकाउंटिंग पॉलिसीज/कॉन्सेप्ट हैं और इसलिए इन्हें इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा, "लॉजिस्टिक्स बिजनेस के ट्रांसफर से 2,555.77 करोड़ रुपये मिलेंगे। इससे निगेटिव नेट वर्थ में बड़ी कमी आएगी। बोइंग के साथ सेटलमेंट होने से एयरलाइंस को अपनी फ्लीट नया बनाए रखने में मदद मिलेगी। इससे ऑपरेशनल एफिशियंसी बढ़ेगी और कैश-प्रॉफिटेबल ऑपरेशंस को सपोर्ट मिलेगा।" फाइनेंशियल प्रॉब्लम के साथ ही स्पाइसजेट कानूनी अड़चनों का सामना कर रही है। क्रेडिट सुइस एजी ने कोर्ट में स्पाइसजेट को बंद करने की अर्जी लगाई है। उसका दावा है कि स्पाइसजेट पर उसका 2.4 करोड़ डॉलर से ज्यादा बकाया है।
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