Monday, February 7, 2022

Ashneer Grover को निकालने के लिए BharatPe को क्यों पड़ी PwC को नियुक्त करने की जरूरत

BharatPe Co-founder Ashneer Grover : भारतपे के बोर्ड का स्वतंत्र ऑडिट के लिए अकाउंटिंग फर्म पीडब्ल्यूसी (PwC) को नियुक्त करने का फैसला को-फाउंडर और एमडी अशनीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर की सेवाएं समाप्त करने की दिशा में एक कदम है। इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी देते हुए कहा कि 4 बड़ी ऑडिट कंपनियों में से एक की रिपोर्ट के बाद ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। क्या कहता है शेयर परचेज एग्रीमेंट एक सूत्र ने कहा, “शेयर परचेज एग्रीमेंट कहता है कि बोर्ड अशनीर और माधुरी की सेवाएं समाप्त कर सकता है, लेकिन उन्हें फ्रॉड की पुष्टि करने के लिए चार बड़ी कंपनियों में से एक के सर्टिफिकेट की जरूरत है और इसीलिए, पीडब्ल्यूसी (PWC) को नियुक्त किया गया है।” भले ही शेयर परचेज एग्रीमेंट एक प्राइवेट डॉक्यूमेंट है, लेकिन मनीकंट्रोल ने भारतपे के 2021 के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (एओए) पर नजर डाली है जिसमें इस तरह के फैसले लेने के लिए टॉप 4 अकाउंटिंग कंपनियों में से एक की भूमिका का संक्षिप्त रूप से उल्लेख किया गया है। BharatPe के Ashneer Grover ने कहा- मैं कंपनी चलाऊंगा या 4,000 करोड़ रुपये दीजिए, कोई तीसरा ऑप्शन नहीं है टॉप 4 में से एक कंपनी की रिपोर्ट होगी अहम एओए कहता है, “कंपनी से कोई संबंध नहीं रखने वाली चार बड़ी कंपनियों में से एक के द्वारा घोर लापरवाही या जानबूझकर गलत आचरण की पुष्टि पर ऐसे फाउंडर के बारे में बोर्ड द्वारा एक सामान्य मेजॉरिटी के आधार पर फैसला लिया जाएगा, जो चार बड़ी कंपनियों में नियुक्त की गई एक कंपनी की रिपोर्ट के आधार पर नेचुरल जस्टिस के सिद्धांतों का पालन करते हुए किया जाएगा।” ग्रोवर ने उठाए थे सवाल पिछले सप्ताह मनीकंट्रोल के साथ बातचीत में, ग्रोवर ने भी उल्लेख किया था कि बोर्ड उन्हें जबर्दस्ती कंपनी से बाहर करना चाह रहा है। यही वजह है कि 2019 से भारतपे की ऑडिटिंग कर रही स्टैच्युरी ऑडिटर डेलॉय को इस कवायद से दूर रखा गया है। हालांकि वह 2024 तक कंपनी की स्टैच्युरी ऑडिटर बनी रहेगी। Exclusive: अशनीर ग्रोवर मामले की कॉर्पोरेट एंगल से जांच कर सकता है आरबीआई इसके अलावा, मैनेजमेंट कंसल्टैंड और रिस्क एडवाइजरी फर्म अलवारेज एंड मार्सल (Alvarez and Marsal) व्यापक स्तर पर कंपनी का गवर्नेंस रिव्यू कर रही है। भारतपे ने इस स्टोर पर कोई टिप्पणी नहीं की, हालांकि उसने पहले पुष्टि की थी कि पीडब्ल्यूसी कंपनी का गवर्नेंस रिव्यू कर रही है। सामान्य हैं ऐसे क्लॉज नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर एक कंप्लायंस लॉयर ने कहा, “विशेष रूप से उन कंपनियों में ऐसे क्लॉज बेहद सामान्य हैं, जहां टाइगर ग्लोबल जैसे बड़े इनवेस्टर निवेश करते हैं। यदि आपको एक फाउंडर की सेवाएं समाप्त करनी होती हैं तो आपको बड़ी 4 कंपनियों में से एक की रिपोर्ट की जरूरत होती है। बोर्ड सिर्फ एकजुट होकर किसी को बाहर नहीं कर सकता।” सभी आरोपों से इनकार कर चुके हैं ग्रोवर हालांकि, हालात ऐसे मुकाम पर है जहां अलवारेज एंड मार्सल के  शुरुआती निष्कर्ष कंपनी में वित्तीय अनियमितताओं की ओर इशारा करते हैं, वहीं ग्रोवर ने सभी आरोपों से इनकार किया है। सोशल मीडिया पर लीक हुए अलवारेज और मार्सल के शुरुआती रिव्यू के चुनिंदा स्क्रीनशॉट्स से वेंडर्स के साथ डीलिंग में अनियमितताओं और वेंडर और कंसल्टैंट्स को पेमेंट पर सवाल उठाए गए थे।

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