दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे जल बोर्ड के 700 कर्मचारियों को स्थायी करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के 700 संविदा कर्मचारियों की नौकरी को स्थायी कर दिया गया है और इस फैसले की गूंज देश के अन्य हिस्सों में भी सुनाई देगी। केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली जल बोर्ड के 700 संविदा कर्मियों को पर्मानेंट सर्विस का सर्टिफिकेट्स सौंपा। स्थायी बनाए गए डीजेबी कर्मियों को सर्टिफिकेट्स देने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केजरीवाल ने कहा कि यह एक मिथक है कि कच्चे (संविदा) कर्मी को पक्का (स्थायी) नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि इससे वे आलसी हो जाते हैं और अधिक काम नहीं करते, लेकिन 2015 में पहली बार हमारी सरकार बनने के बाद जब हम शिक्षा विभाग में क्रांति लेकर आए या जब हमने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार किया, तो यह काम केवल सरकारी शिक्षकों, डॉक्टरों और नर्स ने ही किया। UP Election: उत्तर प्रदेश में कल होने वाले पहले चरण के मतदान से पहले राज्य की सभी सीमाएं सील, 50,000 सुरक्षाकर्मी तैनात, पढ़िए सभी अपडेट उन्होंने कहा कि इस कदम ने इस मिथक को भी तोड़ दिया और अब सुरक्षा की भावना होने के कारण वे पहले से दोगुना काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने डीजबी में जो बड़ा फैसला किया है, उसकी गूंज देश को अन्य हिस्सों में भी सुनाई देगी और अन्य राज्यों के लोग भी सवाल करने लगेंगे कि यदि यह दिल्ली में किया जा सकता है, तो अन्य राज्यों में क्यों नहीं किया जा सकता। सीएम ने कहा कि जिन 700 कर्मचारियों को पक्का किया जा रहा है, अब ये कर्मचारी और दिल से काम करेंगे। केजरीवाल ने कहा कि सरकारी क्षेत्र को बेहतर बनाने का काम सरकारी डॉक्टरों ने किया है, तो ऐसा कहना झूठ है कि सरकारी कर्मचारी काम नहीं करते। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार अगर चाह ले तो स्कूलों और अस्पतालों को बहुत बेहतर तरीके से चला सकती है। उन्होंने कहा कि जो सरकार स्कूल और अस्पताल नहीं चला सकती, उस सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए। केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार अन्य विभागों में भी संविदा कर्मचारियों की नौकरी को स्थायी बनाना चाहती है, लेकिन केंद्र सरकार पर प्रशासनिक निर्भरता के कारण उसके पास ऐसा करने के लिए पर्याप्त शक्तियां नहीं है। उन्होंने कहा कि डीजेबी एक स्वायत्त संस्था है, इसलिए इसमें ऐसा करना संभव था। डीजेबी ने कल सीवरेज नेटवर्क को शिफ्ट करने और एजेंसियों द्वारा विकास परियोजनाओं के निष्पादन के दौरान रिसाव से बचने के लिए अनुमोदन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
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