Saturday, February 8, 2025

हम तो डूबेंगे सनम और तुमको भी...दिल्ली में आप की सबसे बड़ी दुशमन बनी कांग्रेस! जानें क्या कहते हैं आंकड़े

Delhi Election Result 2025 : हम तो डूबे हैं सनम तुम को भी ले डूबेंगे... किसी बॉलीवुड फिल्मी का ये डायलॉग आज के दिल्ली चुनाव पर सटीक बैठता है। शनिवार को जैसे-जैसे दिल्ली चुनाव के नतीजे सामने आते गए आप नेताओं के चेहरे पर मायूसी और भाजपा नेताओं के चेहरे पर खुशी की लहर देखने को मिली।  नतीजों में दिल्ली की सत्ता पर 27 साल बाद भाजपा की वापसी हो रही है। भाजपा 48 सीटों पर जीत की तरफ बढ़ रही है तो आम आदमी पार्टी 40 सीटों पर हार की तरफ। दिल्ली चुनाव के नतीजों में कांग्रेस के प्रदर्शन में कोई परिवर्तन नहीं आया। पिछले दो चुनाव की तरह इस चुनाव में भी देश की सबसे पुरानी पार्टी दिल्ली के इस चुनाव में भी 0 की तरफ बढ़ती दिखी। नतीजें सामने आने के बाद सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा होने लगी कि कांग्रेस, ये चुनाव खुद के जीतने के लिए नहीं बल्कि दूसरों का सियासी समीकरण बिगाड़ने के लिए लड़ रही थी।

नतीजें सामने आने के बाद सियासी गलियारों में इस बात की भी काफी चर्चा रही कि, दिल्ली में आम आदमी पार्टी को हराने के लिए कांग्रेस ने कोई कसर नहीं छोड़ा था। आइए आंकड़ों के हिसाब से जानते हैं क्या दिल्ली के इस चुनाव में आप की सबसे बड़ी दुशमन भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस बनी।

नई दिल्ली सीट पर क्या कहते हैं समीकरण

शुरुआत करते हैं राजधानी की नई दिल्ली सीट से। दिल्ली चुनाव का ये सबसे हाईप्रोफाइल सीट था। इस सीट से खुद आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल चुनावी मैदान में थे। वहीं भाजपा मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे दिखाई देने वाले परवेश वर्मा और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी इसी सीट से ताल ठोंक रहे थे। वहीं आज आए नतीजों में भाजपा के परवेश वर्मा ने बड़ा उलटफेर कर दिया।

12 साल पहले जैसे अरविंद केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हराकर सत्ता से बाहर किया था ठीक उसी तरफ परवेश वर्मा ने केजरीवाल की विदाई तय कर दी। नई दिल्ली सीट से परवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को 4 हजार वोटों से हरा दिया। परवेश वर्मा को 30088 वोट मिले तो वहीं केजरीवाल को करीब 26 हजार वोट मिले। नतीजों में सबसे हैरान करने वाली बात ये रही कि यहां से कांग्रेस को उतने ही वोट मिले जितना भाजपा और आप के बीच जीत हार का अंतर रहा। कांग्रेस के संदीप दीक्षित को नई दिल्ली सीट से 4568 वोट मिले।

जंगपुरा के जंग में हारे मनीष सिसोदिया

वहीं अब बात करते हैं जंगपुरा सीट की। दिल्ली चुनाव की दूसरी हाईप्रोफाइल सीट थी जंगपुरा। जंगपुरा से खुद आम आदमी पार्टी के दूसरे सबस बड़े नेता मनीष सिसोदिया चुनाव लड़ रहे थे। इस सीट पर बीजेपी से तरविंदर सिंह मरवा खड़े थे, वहीं कांग्रेस ने यहां से फरहद सूरी को मैदान में उतारा था। वहीं इस सीट के नतीजे सामने आए तो यहां से भाजपा ने फिर से सबको चौंका दिया। जंगपुरा से मनीष सिसोदिया लगभग 600 वोटों से हार गए। इस सीट पर भाजपा को 38859 वोट मिले तो आप को 38184 वोट मिले। वहीं कांग्रेस को इस सीट पर 7350 वोट मिले।

मंत्री जी की भी ना चली

अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसा ही हाल आप सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज का भी रहा। सौरभ भारद्वाज को भी ग्रैटर कैलाश से हार का सामना करना पड़ा है। केजरीवाल की करीबी सौरभ भारद्वाज को बीजेरी की शिखा राय ने हराया है। भाजपा के शिखा राय को 49594 वोट मिले तो वहीं सौरभ भारद्वाज को 46406 वोट मिले। सौरभ को इस सीट से 3188 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। वहीं कांग्रेस के गर्वित सिंघवी को इस सीट से 6711 वोट मिले।

सोमनाथ भारती का भी पत्ता साफ

वहीं मालवीय नगर से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता सोमनाथ भारती को भी हार का सामना करना पड़ा है। एक समय दिल्ली की राजनीति में उभरता हुआ चेहरा और जानें माने वकील भारती, इस बार अपने ही गढ़ में चुनाव हार गए। सोमनाथ भारती को मालवीय नगर से 37433 वोट मिले वहीं इसी सीट से भाजपा के सतीश उपाध्याय को 39564 वोट मिले। भाजपा और आप के बीच जीत हार का अंतर 2131 वोटों का रहा। वहीं मालवीय नगर से कांग्रेस के जितेंद्र कुमार को 6770 वोट मिले।

मादीपुर में भी वही हाल

दिल्ली की मादीपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी ने बाजी मार ली है। अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व यह सीट हाई प्रोफाइल सीट बन गई थी, क्योंकि यहां से पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी की नेता राखी बिड़ला चुनाव लड़ रही थीं। हालांकि उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी के कैलाश गंगवाल ने उन्हें 10 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया। कैलाश गंगवाल को 52019 वोट मिले तो वहीं राखी बिड़ला को 41120 वोट मिले। भाजपा और आप के बीच हार जीत का अंतर 10899 वोटों का रहा। वहीं इस सीट पर कांग्रेस को 17 हजार से ज्यादा वोट मिले।

दिल्ली की शकूर बस्ती विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी से सत्येंद्र जैन मैदान को भी हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा उम्मीदवार करनैल सिंह ने उन्हें 20 हजार से ज्यादा वोटों से हरा दिया है।



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Friday, February 7, 2025

इन 5 टिप्स का करेंगे इस्तेमाल तो होम लोन के इंटरेस्ट पर घट जाएगा आपका खर्च

होम लोन की ईएमआई घटने का इंतजार कर रहे लोगों को 7 फरवरी को बड़ी राहत मिली। आरबीआई ने रेपो रेट 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया है। इसके बाद बैंक होम लोन के इंटरेस्ट रेट में कमी करेंगे। आरबीआई ने 2020 में रेपो रेट बढ़ाना शुरू किया था। इनफ्लेशन को कंट्रोल में करने के लिए उसने तब से कुल 7 बार रेपो रेट बढ़ाया था। इससे होम लोन की ईएमआई काफी बढ़ गई थी। अब होम लोन लेने वाले लोगों की ईएमआई में कमी आएगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि होम लोन के इंटरेस्ट पर होने वाले खर्च को आप 5 तरीकों से कम कर सकते हैं।

1. ज्यादा डाउन पेमेंट करें

बैंक (Bank) और एनबीएफसी (NBFC) ग्राहकों को घर की कीमत का बड़ा हिस्सा लोन के रूप में देते हैं। यह 85-90 फीसदी तक हो सकता है। बाकी पैसे का पेमेंट ग्राहको को अपनी जेब से करना पड़ता है। इसे डाउन पेमेंट कहते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादा डाउन पेमेंट करना समझदारी है। इससे आपको इंटरेस्ट के रूप में कम पैसे चुकाने पड़ेंगे। चूंकि होम लोन का पीरियड ज्यादा होता है, जिससे ग्राहक को इंटरेस्ट का पेमेंट कई साल तक करना पड़ता है। ज्यादा डाउन पेमेंट होने पर ग्राहक का लोन अमाउंट कम होगा। इससे इंटरेस्ट पर होने वाला खर्च भी कम रहेगा।

2. लोन अमाउंट का प्री-पेमेंट करें

लोन अमाउंट का कुछ हिस्सा प्री-पेमेंट करने से आपका प्रिंसिपल कम हो जाता है। हर साल कुछ हिस्से का प्री-पेमेंट करने पर बड़ा फर्क पड़ता है। आपका होम लोन जल्द खत्म हो जाता है। इससे इंटरेस्ट पर होने वाला खर्च भी कम हो जाता है। अगर आप नौकरी करते हैं तो आपको हर साल इंक्रीमेंट मिलता होगा। आपको बोनस भी मिलता होगा। आप बोनस के एक हिस्से का इस्तेमाल लोन के प्री-पेमेंट के लिए कर सकते हैं। अच्छा इंक्रीमेंट होने पर आप EMI का अमाउंट भी बढ़ा सकते हैं।

3. अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाएं

बैंक उन लोगों को कम इंटरेस्ट रेट पर लोन देते हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है। इसकी वजह यह है कि बैंकों को ऐसे लोन के डूबने का डर नहीं होता है। शानदार क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहक बैंक से इंटरेस्ट रेट में रियायत की मांग कर सकते हैं। हर बैंक की दिलचस्पी ज्यादा क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को लोन देने में होती है। इसलिए अगर आपका क्रेडिट स्कोर बहुत अच्छा है तो आपको आसानी से लोन मिल जाएगा। साथ ही बैंक इंटरेस्ट रेट में भी रियायत देगा।

4. लोन ट्रांसफर कराएं

अगर आपका बैंक आपके होम लोन पर ज्यादा इंटरेस्ट रेट वसूल रहा है तो आप अपने होम लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं। इसके लिए आपको दूसरे बैंकों के होम लोन के इंटरेस्ट रेट की स्टडी करनी पड़ेगी। अगर आपके लोन पेमेंट का रिकॉर्ड अच्छा है तो दूसरा बैंक आपको लोन ट्रांसफर कराने की इजाजत दे सकता है। लेकिन, यह ध्यान में रखना होगा कि इंटरेस्ट रेट में अच्छी रियायत मिलने पर ही लोन ट्रांसफर कराना फायदेमंद होगा।

यह भी पढ़ें: इंटरेस्ट रेट घटने से आपके होम लोन की EMI कितनी कम हो जाएगी? यहां समझें पूरा कैलकुलेशन

5. फ्लोटिंग रेट लोन का चुनाव करें

फिक्स्ड रेट के मुकाबले फ्लोटिंग रेट वाला लोन फायदेमंद होता है। इसकी वजह यह है कि इस लोन में बेंचमार्क रेट में बदलाव होने पर लोन का इंटरेस्ट रेट भी बदल जाता है। अगर किसी होम लोन का बेंचमार्क रेट रेपो है तो रेपो घटने पर होम लोन की ईएमआई घट जाएगी। हालांकि, रेपो रेट बढ़ने पर EMI बढ़ जाएगी। लेकिन, आम तौर पर सरकार की कोशिश रेपो रेट कम रखने की होती है। इससे इंडस्ट्री को कम रेट पर लोन मिल जाता है, जिससे इकोनॉमी की ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है।



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Thursday, February 6, 2025

भारत समेत दक्षिण एशिया में अगले 20 साल में कुल 2,800 जेट विमानों की होगी डिलीवरी

विमान बनाने वाली दुनिया की अग्रणी कंपनी बोइंग (Boeing ) का कहना है कि भारत और बाकी दक्षिण एशियाई देश अगले 20 साल में अपने बेड़े में 2,835 कमर्शियल विमान जोड़ सकते हैं, जो मौजूदा लेवल का चार गुना है। बोइंग का कहना है कि मिडिल क्लास की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी और शानदार इकोनॉमिक ग्रोथ की वजह से ऐसा हुआ है।

इससे पहले विमान बनाने वाली इस अमेरिकी कंपनी ने अगले 20 साल के लिए 2,705 जेट का अनुमान जताया था। यह अनुमान पिछले साल पेश किया गया था। बोइंग में कमर्शियल मार्केटिंग (भारत और साउथ एशिया) के मैनेजिंग डायरेक्टर अश्विन नायडू ने बताया, ‘लोगों के पास एयर ट्रैवल की ज्यादा पहुंच होगी और इस रीजन की एयरलाइंस को अगले दो दशक में ज्यादा आधुनिक बेड़े की जरूरत होगी।’

प्लेन बनाने वाली कंपनी ने अपने अनुमान में कहा है कि इन दोनों क्षेत्रों में कुल 2,445 सिंगल-आइल विमानों की डिलीवरी होगी, जबकि वाइडबॉडी फ्लीट साइज (370 विमानों की बढ़ोतरी) भी चौगुना हो जाएगा।

अनुमानों के मुताबिक, 2043 तक इस रीजन के एयर ट्रैफिक में सालाना 7 पर्सेंट की बढ़ोतरी होगी। अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबस बड़ा डोमेस्टिक एविएशन मार्केट है। देश की दो प्रमुख एयरलाइंस में इंडिगो (IndiGo) और एयर इंडिया (Air India) शामिल हैं।

आंकड़ों के मुताबिक, विमान बनाने वाली ग्लोबल कंपनियों के पास भारतीय एयरलाइंस से 1,800 विमानों के ऑर्डर हैं और इस साल 130 जेट की डिलीवरी होनी है। हालांकि, दुनिया भर में एयरलाइंस को समय पर जेट की डिलीवरी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। दरअसल, सप्लाई चेन संबंधी दबाव की वजह से बोइंग और एयरबस के प्रोडक्शन पर दबाव है।

पिछले साल यानी 2024 में हड़ताल की वजह से बोइंग की डिलीवरी कोविड के बाद से सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई थी। हालांकि, अब विमान कंपनी का का कहना है कि उसने विमानों के प्रोडक्शन की दिशा में अच्छी प्रगति की है।



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CA Results 2025: जानें कब जारी होगा सीए फाउंडेशन का रिजल्ट,सामने आई बड़ी अपडेट

सीए फाउंडेशन परीक्षा के परिणाम का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिए अहम सूचना आई है। परिणाम जल्द ही घोषित हो सकते हैं और उम्मीदवार इसे आधिकारिक वेबसाइट icaiexam.icai.org पर चेक कर सकेंगे। परीक्षा में शामिल हुए लगभग 1,20,609 कैंडिडेट्स के लिए यह पल बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे अब अपने परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। आईसीएआई द्वारा आयोजित इस परीक्षा की तारीखें 12, 16, 18 और 20 जनवरी 2025 थीं। परिणाम घोषित होने के बाद परीक्षार्थी अपनी स्कोरशीट का प्रिंटआउट लेकर इसे सुरक्षित रख सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीए फाउंडेशन परीक्षा के परिणाम मार्च के पहले सप्ताह में जारी हो सकते हैं।

इसकी सही तारीख जानने के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा। इसके साथ ही, अगले सत्र की परीक्षा तारीखें भी निर्धारित हो चुकी हैं, जो उम्मीदवारों के लिए एक और बड़ा अवसर है।

परीक्षा और परिणाम की तारीख

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) द्वारा सीए फाउंडेशन परीक्षा 12, 16, 18 और 20 जनवरी 2025 को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में लगभग 1,20,609 उम्मीदवारों ने भाग लिया था। अब, सभी को रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार है, और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नतीजे मार्च के पहले सप्ताह तक जारी हो सकते हैं। हालांकि, परिणाम की सटीक तारीख जानने के लिए उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट पर चेक करना होगा। पिछले साल, आईसीएआई ने दिसंबर 2023/जनवरी 2024 की सीए फाउंडेशन परीक्षा का परिणाम 7 फरवरी 2024 को घोषित किया था।

आगामी परीक्षा सत्र

सीए फाउंडेशन मई 2025 सत्र की परीक्षाएं 15 से 21 मई तक आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा, सीए इंटरमीडिएट परीक्षाएं 3 मई से 14 मई तक और सीए फाइनल परीक्षाएं 2 मई से 13 मई तक आयोजित की जाएंगी। इस सत्र के लिए परीक्षा फॉर्म 1 मार्च 2025 से भरे जाएंगे।

सीए फाउंडेशन रिजल्ट चेक करने के आसान स्टेप्स

1-सबसे पहले, उम्मीदवारों को आधिकारिक वेबसाइट icaiexam.icai.org पर जाना होगा।

2-होमपेज पर रिजल्ट लिंक पर क्लिक करें।

3-आवश्यक विवरण भरें और सबमिट करें।

3-रिजल्ट आपके सामने प्रदर्शित हो जाएगा।

4-उम्मीदवार रिजल्ट की कॉपी डाउनलोड करके भविष्य के लिए सुरक्षित रख सकते हैं।

अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवार आईसीएआई की वेबसाइट पर जा सकते हैं।

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Wednesday, February 5, 2025

BSE पर 312 करोड़ बकाया होने से लिक्विडिटी की शर्त को पूरा करने में नाकाम रही NSE की इकाई

देश के सबसे स्टॉक एक्सचेंज NSE की क्लियरिंग इकाई एनएसई क्लियरिंग लिमिटेड (NSE Clearing Ltd) लिक्विटडी की शर्तों को पूरा करने में नाकाम रही है। ऑडिटर्स का कहना है कि लिक्विडिटी में गिरावट की मुख्य वजह बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के पास NSE Clearing की बकाया राशि का होना है। BSE के पास NSE Clearing Ltd के 312.37 करोड़ रुपये बकाया है।

NSE के प्रवक्ता ने बताया, ' NSE Clearing के ऑडिटर्स ने तीसरी तिमाही के फाइनेंशियल्स की जांच-पड़ताल के दौरान पाया कि कंपनी को बीएसई लिमिटेड से अब तक 300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की बकाया रकम वापस नहीं मिली है। NSE Clearing इस सिलसिले में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज से बात करने की तैयारी में है।'

मिनिमम लेवल बनाए रखना क्यों है जरूरी?

लिक्विड एसेट्स का मिनिमम लेवल बनाए रखना इसलिए जरूरी है क्योंकि सभी लेन-देन को क्लियर और सेटल करने का काम क्लियरिंग कॉरपोरेशन का होता है। इसके अलावा एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर जो भी ट्रेड एग्जेक्यूट हो रहे हैं, उन सभी के लिए काउंटर-पार्टी गारंटी मुहैया कराती है। यह मिनिमम लिमिट बाजार नियामक सेबी ने सेट की है। एनएसई ने तिमाही नतीजे के साथ खुलासा किया कि एनएसई क्लियरिंग ने सेबी को 9 जनवरी 2025 को ही बता दिया था कि मिनिमम लिक्लिड एसेट्स से इसके पास ₹176.65 करोड़ कम हैं और इसकी वजह ये है कि बीएसई ने ₹312.37 करोड़ का बकाया नहीं चुकाया है। अब इसकी भरपाई मार्च 2025 तक आंतरिक जुटान या रिसीवेबल्स की रिकवरी के जरिए की जाएगी। इसके अलावा एनएसई क्लियरिंग ने इस डेफिसिट का कैलकुलेशन करते समय 31 दिसंबर 2024 तक ₹424.35 करोड़ के अर्जित ब्याज को शामिल नहीं किया था।

कितना बड़ा है NSE?

एनएसई देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है जिसकी कैश मार्केट में 94 फीसदी हिस्सेदारी है। इक्विटी फ्चूयर्स में तो इसकी 99.9 फीसदी हिस्सेदारी है और दिसंबर तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक इक्विटी ऑप्शंस में 87.5 फीसदी हिस्सेदारी। दिसंबर तिमाही में कैश और इक्विटी फ्यूचर्स 30 फीसदी से अधिक बढ़े। करेंसी फ्यूचर्स में इसका 93 मार्केट पर कब्जा है। वैश्विक मार्केट में बात करें तो कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या के हिसाब से एनएसई दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज है और ट्रेड्स की संख्या के हिसाब से दूसरा। पिछले साल 2024 में एनएसई पर एशिया में सबसे अधिक आईपीओ आए और दुनिया भर में सबसे अधिक इक्विटी कैपिटल जुटाया। नतीजे की बात करें तो अप्रैल-दिसंबर 2024 में एनएसई ने एसटीटी के रूप में सरकार को ₹37,271 करोड़ दिए। इसके अलावा इसने सरकार को ₹3,639 करोड़ का इनकम टैक्स और जीएसटी और ₹2,976 करोड़ की स्टांप ड्यूटी दी।

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Tuesday, February 4, 2025

Technical View: निफ्टी 1 महीने के उच्च स्तर पर पहुंचा, जानें 5 फरवरी को कैसा रहेगा मार्केट का मिजाज

Technical View: निफ्टी 50 इंडेक्स ने पिछले सत्र के नुकसान को मिटा दिया। आज 4 फरवरी को एफएमसीजी को छोड़कर सभी सेक्टरों में खरीदारी के कारण निफ्टी 23,700 से ऊपर चढ़कर उच्च स्तर पर बंद हुआ। ट्रम्प प्रशासन द्वारा कनाडा और मैक्सिको पर अपने नियोजित टैरिफ को रोकने के बाद पॉजिटिव एशियाई बाजारों को ट्रैक करते हुए इंडेक्स 23500 से ऊपर खुला। इंडेक्स में दिन बढ़ने के साथ बढ़त में और इजाफा देखने को मिला। इंडेक्स इंट्राडे में 23750 को पार कर गया। इंडेक्स 1.62 प्रतिशत ऊपर दिन के उच्च स्तर 23,739.25 के करीब बंद हुआ।

सेक्टोरल मोर्चे पर, एफएमसीजी को छोड़कर, अन्य सभी सेक्टोरल इंडेक्सेस जैसे निफ्टी पीएसयू बैंक, इंफ्रा, एनर्जी और ऑयल एंड गैस में 2 प्रतिशत की बढ़त के साथ हरे निशान में बंद हुए।

निफ्टी मिडकैप इंडेक्स में 1.6 प्रतिशत और स्मॉलकैप इंडेक्स में 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

निफ्टी पर श्रीराम फाइनेंस, एलएंडटी, अदाणी पोर्ट्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, इंडसइंड बैंक सबसे बड़े गेनर्स स्टॉक्स रहे। जबकि ट्रेंट, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज, हीरो मोटोकॉर्प, नेस्ले इंडिया और आयशर मोटर्स प्रमुख लूजर्स स्टॉक्स रहे।

बुधवार 5 फरवरी को कैसी रह सकती है निफ्टी की चाल

LKP Securities के रूपक डे ने कहा कि आज फॉलिंग वेज पैटर्न रीटेस्ट के बाद निफ्टी ऊपर चला गया है। ये शॉर्ट टर्म में एक अच्छी रैली की संभावना का संकेत दे रहा है। इसके अतिरिक्त, इंडेक्स डेली टाइमफ्रेम पर महत्वपूर्ण 21EMA से ऊपर बना हुआ है। RSI एक तेजी के दौर में है और डेली टाइमफ्रेम पर बेस बनाने के बाद बढ़ रहा है। इससे ये मजबूत मोमेंटम का संकेत दे रहा है।

उन्होंने कहा कि शॉर्ट टर्म में, इंडेक्स 24,050 और इससे ऊपर की ओर बढ़ सकता है। जबकि इसमें 23,500 और 23,250 पर सपोर्ट नजर आ रहा है।

Kotak Securities की निफ्टी में गिरावट में खरीदारी और उछाल में बिकवाली की राय

Kotak Securities के श्रीकांत चौहान ने कहा कि आज, बेंचमार्क इंडेक्सेस में तेज उछाल देखने को मिला। निफ्टी 378 अंक ऊपर और सेंसेक्स 1397 अंक ऊपर बंद हुआ। सेक्टोरल इंडेक्सेस लगभग सभी प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स पॉजिटिव जोन में कारोबार कर रहे थे। ऑयल एंड गैस और पीएसयू बैंक इंडेक्सेस ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए 2 प्रतिशत से अधिक की बढ़त हासिल की। तकनीकी रूप से, एक गैप-अप ओपनिंग के बाद, बाजार ने सफलतापूर्वक निफ्टी/सेंसेक्स में 23,500/77800 रेजिस्टेंस जोन को पार कर लिया। इसमें ब्रेकआउट के बाद, पॉजिटिव मोमेंटम तेज हो गया। इसके अतिरिक्त, डेली चार्ट पर एक बुलिश कैंडल और इंट्राडे चार्ट पर एक अपट्रेंड कंटीन्यूएशन फॉर्मेशन मौजूदा स्तरों से इसके और आगे बढ़ने का संकेत दे रहा है।

चौहान ने आगे कहा कि हमारा मानना ​​है कि मौजूदा बाजार का स्वरूप तेजी का है। कल के लिए ट्रेडर्स के लिए "इंट्राडे गिरावट पर खरीदें और रैलियों पर बेचें" ये आदर्श रणनीति होगी। ट्रेडर्स के लिए अब निफ्टी/सेंसेक्स में बुल्स के लिए 23,600/78100 और 23,500/77800 प्रमुख सपोर्ट जोन होंगे। जबकि 23,800/78700 और 23,850/78900 प्रमुख रेजिस्टेंस जोन के रूप में नजर आ सकते हैं।

(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)

 

 



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Monday, February 3, 2025

Gold Rate Today: शुरुआत में नरमी के बाद अच्छी खरीदारी से चढ़ा गोल्ड, 3000 डॉलर पार कर सकता है भाव

गोल्ड में 3 फरवरी को उतारचढ़ाव देखने को मिला। पहले कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में गोल्ड फ्यूचर्स में नरमी दिखी। लेकिन, अमेरिकी डॉलर में कमजोरी के बाद गोल्ड में अच्छी खरीदारी हुई। इससे एमसीएक्स में गोल्ड की कीमतें 82,815 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। पहले बार एमसीएक्स में गोल्ड इस लेवल पर पहुंचा है।

डॉलर फिसलने से चढ़ा सोना

एचडीएफसी सिक्योरिटीज में कमोडिटी और करेंसी के हेड अनुज गुप्ता ने कहा कि शुरुआत में डॉलर में मजबूती से गोल्ड (Gold) में नरमी देखने को मिली। लेकिन, डॉलर दो साल के सबसे ऊंचे लेवल पर टिक नहीं सका। डॉलर में कमजोरी आने पर सोने में खरीदारी बढ़ी। डॉलर में कमजोरी से विदेशी मुद्रा में सोना खरीदना सस्ता हो जाता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि डॉलर में उतारचढ़ाव का असर सोने पर देखने को मिलेगा।

अमेरिका के टैरिफ लगाने से डॉलर में आई थी तेजी

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा, मैक्सिको और चीन पर टैरिफ लगाने से 3 जनवरी को डॉलर में तेजी आई थी। इससे गोल्ड की कीमतें करीब 1 फीसदी तक गिर गई थीं। स्पॉट गोल्ड 0.9 फीसदी गिरकर 2,776.05 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया था। यूएस गोल्ड फ्यूचर्स में भी नरमी देखने को मिली थी। यह 0.9 फीसदी की कमजोरी के साथ 2,820.80 डॉलर प्रति औंस तक आ गया था।

3000 डॉलर प्रति औंस तक जा सकता है गोल्ड

डोनाल्ड ट्रंप ने 1 फरवरी को कनाडा और मैक्सिको पर 25-25 फीसदी और चीन पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसका असर डॉलर और क्रूड के साथ ही दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिखा। 3 जनवरी को इंडिया सहित एशिया शेयर बाजार कमजोरी के साथ खुले। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ट्रेड वॉर बढ़ता है तो गोल्ड में तेजी देखने को मिल सकती है। सिटी ने गोल्ड की कीमतें 3,000 डॉलर प्रति औंस के बार पहुंच जाने की उम्मीद जताई है।

यह भी पढ़ें: Gold Price Today: बजट के बाद सस्ता हुआ सोना, 3 फरवरी बसंत पंचमी के दिन ये रहा गोल्ड रेट

गोल्ड में तेजी जारी रहने के आसार

एनालिस्ट्स का कहना है कि कनाडा और मैक्सिको ने जवाबी कार्रवाई में अमेरिकी इंपोर्ट पर टैरिफ लगा दिया है। चीन के भी ऐसा करने के आसार हैं। अगर टैरिफ वॉर बढ़ता है तो इसका असर गोल्ड सहित कई कमोडिटी की कीमतों पर देखने को मिल सकता है। इंडिया दुनिया में गोल्ड का दूसरे सबसे कंज्यूमर है। गोल्ड को निवेश के लिए सबसे सुरक्षित एसेट माना जाता है। दुनिया में उथलपुथल बढ़ने पर सोने में तेजी आती है।



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