होम लोन की ईएमआई घटने का इंतजार कर रहे लोगों को 7 फरवरी को बड़ी राहत मिली। आरबीआई ने रेपो रेट 6.5 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी कर दिया है। इसके बाद बैंक होम लोन के इंटरेस्ट रेट में कमी करेंगे। आरबीआई ने 2020 में रेपो रेट बढ़ाना शुरू किया था। इनफ्लेशन को कंट्रोल में करने के लिए उसने तब से कुल 7 बार रेपो रेट बढ़ाया था। इससे होम लोन की ईएमआई काफी बढ़ गई थी। अब होम लोन लेने वाले लोगों की ईएमआई में कमी आएगी। एक्सपर्ट्स का कहना है कि होम लोन के इंटरेस्ट पर होने वाले खर्च को आप 5 तरीकों से कम कर सकते हैं।
1. ज्यादा डाउन पेमेंट करें
बैंक (Bank) और एनबीएफसी (NBFC) ग्राहकों को घर की कीमत का बड़ा हिस्सा लोन के रूप में देते हैं। यह 85-90 फीसदी तक हो सकता है। बाकी पैसे का पेमेंट ग्राहको को अपनी जेब से करना पड़ता है। इसे डाउन पेमेंट कहते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज्यादा डाउन पेमेंट करना समझदारी है। इससे आपको इंटरेस्ट के रूप में कम पैसे चुकाने पड़ेंगे। चूंकि होम लोन का पीरियड ज्यादा होता है, जिससे ग्राहक को इंटरेस्ट का पेमेंट कई साल तक करना पड़ता है। ज्यादा डाउन पेमेंट होने पर ग्राहक का लोन अमाउंट कम होगा। इससे इंटरेस्ट पर होने वाला खर्च भी कम रहेगा।
2. लोन अमाउंट का प्री-पेमेंट करें
लोन अमाउंट का कुछ हिस्सा प्री-पेमेंट करने से आपका प्रिंसिपल कम हो जाता है। हर साल कुछ हिस्से का प्री-पेमेंट करने पर बड़ा फर्क पड़ता है। आपका होम लोन जल्द खत्म हो जाता है। इससे इंटरेस्ट पर होने वाला खर्च भी कम हो जाता है। अगर आप नौकरी करते हैं तो आपको हर साल इंक्रीमेंट मिलता होगा। आपको बोनस भी मिलता होगा। आप बोनस के एक हिस्से का इस्तेमाल लोन के प्री-पेमेंट के लिए कर सकते हैं। अच्छा इंक्रीमेंट होने पर आप EMI का अमाउंट भी बढ़ा सकते हैं।
3. अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाएं
बैंक उन लोगों को कम इंटरेस्ट रेट पर लोन देते हैं, जिनका क्रेडिट स्कोर अच्छा होता है। इसकी वजह यह है कि बैंकों को ऐसे लोन के डूबने का डर नहीं होता है। शानदार क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहक बैंक से इंटरेस्ट रेट में रियायत की मांग कर सकते हैं। हर बैंक की दिलचस्पी ज्यादा क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को लोन देने में होती है। इसलिए अगर आपका क्रेडिट स्कोर बहुत अच्छा है तो आपको आसानी से लोन मिल जाएगा। साथ ही बैंक इंटरेस्ट रेट में भी रियायत देगा।
4. लोन ट्रांसफर कराएं
अगर आपका बैंक आपके होम लोन पर ज्यादा इंटरेस्ट रेट वसूल रहा है तो आप अपने होम लोन को दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं। इसके लिए आपको दूसरे बैंकों के होम लोन के इंटरेस्ट रेट की स्टडी करनी पड़ेगी। अगर आपके लोन पेमेंट का रिकॉर्ड अच्छा है तो दूसरा बैंक आपको लोन ट्रांसफर कराने की इजाजत दे सकता है। लेकिन, यह ध्यान में रखना होगा कि इंटरेस्ट रेट में अच्छी रियायत मिलने पर ही लोन ट्रांसफर कराना फायदेमंद होगा।
यह भी पढ़ें: इंटरेस्ट रेट घटने से आपके होम लोन की EMI कितनी कम हो जाएगी? यहां समझें पूरा कैलकुलेशन
5. फ्लोटिंग रेट लोन का चुनाव करें
फिक्स्ड रेट के मुकाबले फ्लोटिंग रेट वाला लोन फायदेमंद होता है। इसकी वजह यह है कि इस लोन में बेंचमार्क रेट में बदलाव होने पर लोन का इंटरेस्ट रेट भी बदल जाता है। अगर किसी होम लोन का बेंचमार्क रेट रेपो है तो रेपो घटने पर होम लोन की ईएमआई घट जाएगी। हालांकि, रेपो रेट बढ़ने पर EMI बढ़ जाएगी। लेकिन, आम तौर पर सरकार की कोशिश रेपो रेट कम रखने की होती है। इससे इंडस्ट्री को कम रेट पर लोन मिल जाता है, जिससे इकोनॉमी की ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है।
from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/xT6YouL
via
No comments:
Post a Comment