Saturday, December 7, 2024

एक साथ फिल्म करने को तैयार बॉलीवुड के तीनों खान, बस इस चीज का है इंतजार, आमिर खान ने किया बड़ा खुलासा

Aamir Khan On Working With SRK- Salman: आमिर खान, सलमान खान और शाहरुख खान तीनों भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार्स हैं। 90 के दशक में इन तीनों ने बॉलीवुड में अपने कदम रखे और देखते ही देखते सफलता की ऊंचाईयों को छू लिया। हालांकि, फैंस की लंबे समय से इच्छा रही है कि वे इन तीनों को एक साथ किसी फिल्म में देखें, लेकिन यह इंतजार अभी तक जारी है। हाल ही में आमिर खान ने इस बात को कंफर्म किया की तीनों खान एक साथ फिल्म करने के लिए तैयार है।

रेड सी फिल्म फेस्टिवल के दौरान आमिर खान ने खुलासा किया कि, वे, शाहरुख खान और सलमान खान साथ में एक फिल्म करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि करीब 6 महीने पहले तीनों के बीच इस विषय पर चर्चा हुई थी और तीनों अब बस एक सही स्क्रिप्ट का इंतजार कर रहे हैं।

अच्छी कहानी का है इंतजार-आमिर खान

आमिर खान ने कहा कि, अगर तीनों खान एक साथ फिल्म नहीं करते हैं, तो यह काफी दुखद होगा। आमिर ने सलमान और शाहरुख के साथ चर्चा की कि इतने सालों से इंडस्ट्री में काम करते हुए भी वे साथ नहीं आए हैं, तो यह दर्शकों के साथ अन्याय होगा। इस विचार पर सभी सहमत हैं और एक बेहतरीन कहानी की इंतजार कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है जब आमिर ने इस विषय पर बात की है। साल की शुरुआत में 'द ग्रेट इंडियन कपिल शो' में भी उन्होंने इस बात का जिक्र किया था। तीनों खानों का साथ आना निश्चित रूप से बॉलीवुड में एक ऐतिहासिक क्षण होगा।

इन फिल्मों में सलमान-शाहरुख ने किया है काम

गौरतलब है कि आमिर खान ने सलमान खान के साथ फिल्म 'अंदाज अपना अपना' में काम किया था, जबकि शाहरुख और सलमान कई फिल्मों में साथ नजर आए हैं, जिसमें ‘हम तुम्हारे हैं सनम’, ‘ट्यूबलाइट’, ‘कुछ कुछ होता है’ और ‘पठान’ जैसी कई फिल्में शामिल है। उम्मीद की जा रही है कि तीनों खानों का जादू जल्द ही बड़े पर्दे पर दिखाई देगा।

Pushpa 2 Collection Day 2: बॉक्स ऑफिस पर 'पुष्पा 2' ने मचाया तहलका, अल्लू अर्जुन की फिल्म ने दूसरे दिन कमाए इतने करोड़



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/lhZm80A
via

Friday, December 6, 2024

Gainers & Losers: इन शेयरों ने दिखाया दम, सुस्त मार्केट में भी बरसाया ताबड़तोड़ पैसा

Gainers & Losers: इस महीने के पहले कारोबारी हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन आरबीआई ने मौद्रिक नीतियों का ऐलान किया। आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया तो मार्केट में कुछ खास हलचल नहीं दिखी। इसके ऐलान के एक दिन पहेल घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 में एक फीसदी की तेजी आई थी और आज दोनों रेड जोन में लगभग फ्लैट बंद हुए हैं। सेंसेक्स 56.74 प्वाइंट्स यानी 0.07%फीसदी की गिरावट के साथ 81709.12 और निफ्टी 0.12% यानी 30.60 प्वाइंट्स की फिसलन के साथ 4677.80 पर बंद हुआ है। इंडिविजुअल स्टॉक्स की बात करें तो सुस्त मार्केट में भी आज कई में तेज उतार-चढ़ाव रहा, उनमें से कुछ की डिटेल्स नीचे दी जा रही है, वजह के साथ।

इन शेयरों में रहा तेज उतार-चढ़ाव

Garden Reach Shipbuilders & Engineers | मौजूदा भाव: ₹1,779

गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने जर्मनी में 4 अतिरिक्त 7,500 DWT मल्टी-पर्पस जहाजों की सीरीज से दूसरे जहाज को बनाने और डिलीवरी के लिए एग्रीमेंट किया तो इसके शेयर 1 फीसदी उछल गए।

Ceigall India | मौजूदा भाव: ₹371

ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (GMADA) के मामले में ₹54.21 करोड़ का ऑर्बिट्रेशन अवार्ड मिलने के ऐलान पर सीगल इंडिया के शेयर 4 फीसदी उछल गए। यह अवार्ड इसे मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 के तहत मिला है। मामला मुल्लनपुर/UT बाउंड्री से लेकर 'T' जंक्शन, कुराली-सीसवान सड़क तक 200 फुट चौड़ी सड़क के साथ सर्विस रोड बनाने के प्रोजेक्ट से संबंधित था।

Mishtann Foods | मौजूदा भाव: ₹12.42

कंपनी के ₹100 करोड़ के फंड पर सेबी से कारण बताओ नोटिस मिला तो शेयर 20 फीसदी टूट गए। सेबी ने ग्रुप कंपनियों के जरिए हेराफेरी का आरोप लगाया है। हालांकि कंपनी ने इन सबसे इनकार किया है।

BSE Ltd | मौजूदा भाव: ₹5,400

F&O सेगमेंट में एंट्री और बढ़ती वॉल्यूम एक्टिविटी के चलते बीएसई के शेयर हर दिन ऊपर चढ़ रहे हैं। आज यह 4 फीसदी उछला है और रिकॉर्ड हाई बनाया। तीन कारोबारी दिनों में इसने 19 फीसदी का रिटर्न दिया।

Multi-Commodity Exchange | मौजूदा भाव: ₹6,932

भारी वॉल्यूम एक्टिविटी के चलते मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज के शेयर आज करीब 7 फीसदी उछल गए।

Zaggle Prepaid Ocean Services | मौजूदा भाव: ₹524.55

सिर्फ दो दिनों में तीन ऑर्डर मिलने पर जैगल प्रीपेड ओशन सर्विसेज के शेयर 5 फीसदी उछल गए। इन ऑर्डर्स की बात करें तो कंपनी को एक ऑर्डर AGP सिटी गैस से जैगल के फ्लीट प्रोग्राम के लिए पांच साल का कॉन्ट्रैक्ट है। दूसरा ऑर्डर Hitachi India से एक साल का है जिसके तहत यह हिताची इंडिया को अपनी ज़ैगल प्रोपेल रिवॉर्ड सॉल्यूशन प्रदान करेगी। तीसरा ये कि कंपनी ने Blink Commerce के साथ दो साल का मास्टर एग्रीमेंट किया जिसमें इसे अपनी Zoyer सॉल्यूशन प्रदान करनी है।

Newgen Software | मौजूदा भाव: ₹1,353

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने न्यूजेन के ग्रोथ की मजबूत संभावनाओं पर खरीदारी की रेटिंग बरकरार रखा और 1500 रुपये का टारगेट प्राइस फिक्स किया तो इसके शेयर आज 3 फीसदी उछल गए।

RITES | मौजूदा भाव: ₹295.40

आईआईएम रायपुर से राइट्स को एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला तो राइट्स के शेयर 3 फीसदी उछल गए। ₹148.25 करोड़ (GST छोड़कर) के इस ऑर्डर के तहत कंपनी को आईआईएम रायपुर के दूसरे चरण के विकास के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट (PMS) के रूप में काम करना है। यह प्रोजेक्ट 23 महीने का है।

HEG | मौजूदा भाव: ₹560.74

हालिया ताबड़तोड़ तेजी के बाद आज मुनाफावसूली के चलते एचईजी के शेयर 4 फीसदी टूट गए। इसके शेयरों में एक हफ्ते में 40 फीसदी की तेजी आई थी। यह तेजी इसलिए आई थी क्योंकि चीन ने अमेरिका को ग्रेफाइट के निर्यात पर सख्ती बढ़ी दी। इसके अलावा चीन ने जर्मेनियम और गैलियम जैसे दोहरे इस्तेमाल वाली कमोडिटीज के निर्यात पर रोक लगा दी। इससे वैश्विक स्तर पर सप्लाई की चिंताएं बढ़ी दी जिससे एचईजी के शेयरों को सपोर्ट मिला। पिछले कारोबारी सत्र में यह छह साल के हाई पर चला गया था।

Vibhor Steel Tubes | मौजूदा भाव: ₹241.18

विभोर स्टील ट्यूब्स ने ओडिशा के सुंदरगढ़ में स्थित अपनी यूनिट III प्लांट के पूरी तरह ऑपरेशन लायक होने का ऐलान किया तो शेयर 6 फीसदी उछल गए। कंपनी को उम्मीद है कि यह यूनिट जनवरी 2025 के अंत में चालू हो जाएगी।

Share Market: शेयर बाजार में 5 दिन बाद गिरावट, आईटी शेयरों ने बिगाड़ा मूड, निवेशकों ने फिर भी एक लाख करोड़ कमाए

बस 4 दिन, और FIIs ने तोड़ डाला नवंबर का रिकॉर्ड, इन शेयरों में किया ₹23,500 करोड़ का निवेश



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/nzIhYW8
via

Thursday, December 5, 2024

Suraksha Diagnostic IPO के लिस्टिंग की एक्सपर्ट स्ट्रैटेजी, ग्रे मार्केट से ये हैं संकेत

Suraksha Diagnostic IPO Lisitng Strategy: सुरक्षा डायग्नॉस्टिक के आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और अब इसके लिस्टिंग की तैयारी है। इसके शेयरों की कल 6 दिसंबर को बीएसई और एनएसई पर लिस्टिंग की तैयारी है। ग्रे मार्केट से मिले संकेतों के मुताबिक निवेशकों को खास मुनाफे की उम्मीद नहीं है। ग्रे मार्केट में इसकी GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) 13 रुपये यानी 2.95 फीसदी है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक लिस्टिंग गेन का ग्रे मार्केट से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि यह लिस्टिंग के दिन मार्केट की परिस्थिति और कंपनी के फंडामेंटल्स-फाइनेंशियल्स पर निर्भर करता है।

Suraksha Diagnostic IPO Lisitng Strategy: एक्सपर्ट्स का क्या कहना है?

स्टॉक्सबॉक्स के रिसर्च एनालिस्ट प्रथमेश मासदेकर (Prathamesh Masdekar) का कहना है कि आईपीओ के अपर प्राइस बैंड के हिसाब से पियर्स के मुकाबले इसका वैल्यूएशन काफी महंगा है। इसके अलावा इसकी कारोबारी सेहत में भी उतार-चढ़ाव रहा है लेकिन हालिया तिमाहियों में रिकवरी के भी संकेत मिले। ऐसे में जिन आईपीओ निवेशकों को इसके शेयर अलॉट हुए हैं, उन्होंने इसे होल्ड करने की सलाह दी है और आने वाली तिमाहियों में कंपनी के परफॉरमेंस पर नजर रखने की सलाह दी है।

वहीं दूसरी तरफ आनंद राठी शेयर्स के फंडामेंटल रिसर्च-इनवेस्टमेंट सर्विसेज के प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने निवेशकों को सतर्क रहने को कहा है। हाई वैल्यूएशन के अलावा उन्होंने डायग्नोस्टिक सेक्टर में हाई कॉम्पटीशन और इसकी देश के पूर्वी हिस्से में ही मौजूदगी के चलते यह रुझान दिखाया।

Suraksha Diagnostic IPO को मिला-जुला रिस्पांस

सुरक्षा डायग्नॉस्टिक का ₹846.25 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 29 नवंबर से 3 दिसंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का मिला-जुला रिस्पांस मिला था और हर कैटेगरी के लिए आरक्षित हिस्सा पूरा नहीं भर पाया। ओवरऑल यह 1.27 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 1.74 गुना, नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 1.40 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 0.94 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत कोई नया शेयर नहीं जारी हुआ है और ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत 2 रुपये की फेस वैल्यू वाले 19,189,330 शेयरों की बिक्री हुई है।

Suraksha Diagnostic के बारे में

वर्ष 2005 में बनी सुरक्षा डायग्नॉस्टिक पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी टेस्टिंग और मेडिकल कंसल्टेंसी सर्विसेज ऑफर करती है। जून 2024 तक के नेटवर्क में इसके नेटवर्क में पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और मेघालय में 40 डायग्नॉस्टिक सेंटर्स और 166 सैंपल कलेक्शन सेंटर समेत 8 सैटेलाइट लैबोरेटरीज और 215 कस्टमर टचप्वाइंट्स के साथ 1 सेंट्रल रेफरेंस लैब है।

कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 20.82 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में गिरकर 6.07 करोड़ रुपये पर आ गया। हालांकि अगले ही वित्त वर्ष 2024 में स्थिति सुधरी और मुनाफा तेजी से रिकवर होकर 23.13 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी के रेवेन्यू में भी उतार-चढ़ाव रहा। वित्त वर्ष 2022 में यह 225.77 करोड़ रुपये से गिरकर वित्त वर्ष 2023 में 193.69 करोड़ रुपये पर आ गया लेकिन अगले ही वित्त वर्ष में रिकवर होकर 222.26 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में इसे 7.67 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा और 61.85 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हो चुका है।

Agarwal Toughened Glass IPO Listing: ₹108 का शेयर ₹135 पर लिस्ट, निचले स्तर से शानदार रिकवरी, अपर सर्किट पर बंद

डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/mcnT7GP
via

Wednesday, December 4, 2024

Gainers & Losers: Zomato समेत इन शेयरों में रही तेज हलचल, उठा-पटक के बीच यहां बना तगड़ा पैसा

Gainers & Losers: घरेलू स्टॉक मार्केट मे आज काफी उठा-पटक रही। बैंकिंग और रियल्टी शेयरों ने मार्केट को काफी ऊपर ले जाने की कोशिश की लेकिन ऑयल एंड गैस, टेलीकॉम और ऑटो स्टॉक्स की बिकवाली ने इस पर दबाव बनाया। इस रस्साकसी में घरेलू इक्विटी बेंचमार्क इंडेक्स बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 की अधिकतर तेजी हवा हो गई। दिन के आखिरी में सेंसेक्स 110.58 प्वाइंट्स यानी 0.14 फीसदी की बढ़त के साथ 80,956.33 और निफ्टी 0.04% यानी 10.30 प्वाइंट्स के मामूली उछाल के साथ 24,467.45 पर बंद हुआ है। मार्केट की इस उठा-पटक में कई शेयरों ने सर्किट छुआ और कई में तेज उतार-चढ़ाव रहा, उनमें से कुछ की डिटेल्स नीचे दी जा रही है, वजह के साथ।

Gainers & Losers: अधिक उतार-चढ़ाव वाले स्टॉक्स

Steelman Telecom | मौजूदा भाव: ₹155

रिलायंस प्रोजेक्ट्स और प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सर्विसेज लिमिटेड (जियो) से 147 करोड़ रुपये का एक बड़ा वर्क ऑर्डर मिलने पर स्टीलमैन टेलीकॉम के शेयर 20 फीसदी के अपर सर्किट पर पहुंच गए।

PB Fintech | मौजूदा भाव: ₹1,995

पॉलिसीबाजार की पैरेंट कंपनी पीबी फिनटेक के बोर्ड ने इसे हेल्थकेयर सर्विसेज सेगमेंट के लिए एक सब्सिडियरी बनाने की मंजूरी दी तो शेयर 3 फीसदी से अधिक उछल गए।

Wonderla Holidays | मौजूदा भाव: ₹883

क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (QIP) खुलने पर वंडर्ला हॉलिडेज के शेयर 7 फीसदी से अधिक उछल गए।

RattanIndia Enterprises | मौजूदा भाव: ₹72

रतनइंडिया एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी रिवोल्ट मोटर्स की नवंबर में मजबूत सेल्स आंकड़ों पर शेयर 5 फीसदी से अधिक उछल गए। रिवोल्ट मोटर्स के गाड़ियों की बिक्री में नवंबर में सालाना आधार पर 197 फीसदी उछलकर 1,994 यूनिट्स पर पहुंच गई। अक्टूबर में बेची गई 952 यूनिट्स की तुलना में नवंबर में वाहन बिक्री में दो गुना से अधिक वृद्धि हुई।

Honasa Consumer | मौजूदा भाव: ₹278

को-फाउंडर और CEO वरुण अलघ ने होनासा कंज्यूमर के 4.5 करोड़ रुपये के अतिरिक्त शेयर खरीदे तो यह 6 फीसदी से अधिक उछल गया। इस खरीदारी के साथ अलघ की कंपनी में हिस्सेदारी 31.88 प्रतिशत से बढ़कर 31.93 प्रतिशत हो गई।

Bajaj Auto | मौजूदा भाव: ₹9,000

बजाज ऑटो ने अपनी फ्रीडम 125 (दुनिया की पहली CNG मोटरसाइकिल) की कीमतों में लॉन्च करने के सिर्फ पांच महीने बाद ही कटौती की तो शेयर 2 फीसदी टूट गए। ब्रोकरेज फर्म UBS सिक्योरिटीज के मुताबिक कंपनी ने फ्रीडम 125 के एंट्री-लेवल वेरिएंट की कीमत में 5,000 रुपये और मिड-लेवल वेरिएंट की कीमत में 10,000 रुपये की कटौती की है, जबकि दीपावली के बाद कुछ पल्सर वेरिएंट्स की कीमतें भी घटाई गई हैं।

Oberoi Realty | मौजूदा भाव: ₹2,168

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने ओबेरॉय रियल्टी को खरीदारी की रेटिंग दी और मंगलवार के क्लोजिंग प्राइस से 21 फीसदी से अधिक तेजी का अनुमान लगाया तो आज इसके शेयर 5 फीसदी से अधिक उछल गए और 2,176.55 रुपये की रिकॉर्ड हाई पर पहुंच गए।

Zomato | मौजूदा भाव: ₹286

ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने जोमैटो की आउटपरफॉर्म रेटिंग को बरकरार रखा है और टारगेट प्राइस बढ़ाकर 370 रुपये कर दिया। इसके चलते जोमैटो के शेयर 2 फीसदी से अधिक उछल गए।

Reliance Power | मौजूदा भाव: ₹41

सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) ने रिलायंस पावर के खिलाफ जारी की गई प्रतिबंध नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया है और अब यह और इसकी सहायक कंपनियां (रिलायंस NU BESS को छोड़कर) सेकी के सभी टेंडर्स में हिस्सा ले सकेंगी। इसके चलते रिलायंस पावर के शेयर 5 फीसदी के अपर सर्किट पर पहुंच गए।

EPACK Durable | मौजूदा भाव: ₹439 

स्पेशल इंटेलिजेंस एंड इंवेस्टिगेशन ब्रांच (SIIB) ने 2 दिसंबर को राजस्थान के भिवाड़ी में स्थित ईपैक ड्यूरबल के मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटी में तलाशी ली। हालांकि जांच एक ही दिन में पूरी हो गई और कोई दस्तावेज या सामान जब्त नहीं हुआ लेकिन घबराहट के चलते शेयरों में 2 फीसदी से अधिक गिरावट आई।

Wonderla Holidays Shares: QIP के ऐलान पर 14% उछले शेयर, चेक करें फ्लोर प्राइस

Policybazaar Shares: बोर्ड ने दी मंजूरी, 4% उछलकर शेयर पहुंचे रिकॉर्ड ऊंचाई पर



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/Nd9iFDb
via

Tuesday, December 3, 2024

Suzlon Energy Vs Inox Wind: किसका वैल्यूएशन है बेहतर? टेक्निकल से Q2 नतीजों तक पूरी डिटेल

Suzlon Energy Vs Inox Wind: रिन्यूएबल एनर्जी स्टॉक सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड और आईनॉक्स विंड लिमिटेड ने अपने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। हालांकि, पिछले कुछ समय से ये शेयर दबाव में हैं। सुजलॉन की बात करें तो यह शेयर अपने 52-वीक हाई से अब भी करीब 24 फीसदी नीचे है। वहीं, आईनॉक्स विंड का शेयर अपने 52-वीक हाई से 21 फीसदी टूट चुका है। सुजलॉन एनर्जी के शेयरों में आज 1.12 फीसदी की गिरावट आई है और यह 65.41 रुपये के भाव पर आ गया है। हालांकि, आईनॉक्स विंड के शेयर 2.94 फीसदी की बढ़त के साथ 206.75 रुपये के भाव पर बंद हुए हैं।

हाल ही में करेक्शन के बावजूद सुजलॉन एनर्जी ने 2024 में अब तक 70 फीसदी का रिटर्न दिया है। इसी अवधि के दौरान आईनॉक्स विंड के शेयरों में 57% की तेजी देखी गई है। ये दोनों मल्टीबैगर स्टॉक इस साल की शुरुआत में अपने नए हाई पर पहुंच गए थे। सुजलॉन एनर्जी ने 12 सितंबर को 86.04 रुपये और आईनॉक्स विंड ने 23 सितंबर को 261.90 रुपये के लेवल को छू लिया था।

Suzlon Vs Inox Wind: टेक्निकल

टेक्निकल इंडिकेटर्स की बात करें तो दोनों स्टॉक एक जैसे लगते हैं। सुजलॉन एनर्जी के शेयरों का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 51.6 पर है, जबकि आईनॉक्स विंड के शेयरों का RSI 50 है। ये आंकड़े दिखाते हैं कि वर्तमान में दोनों स्टॉक ओवरबॉट या ओवरसोल्ड जोन में नहीं है।

हालांकि, दोनों के बीच वोलैटेलिटी अलग-अलग है। सुजलॉन एनर्जी का एक साल का बीटा 1.1 है, जो हाई वोलैटेलिटी को दिखाता है, जबकि आईनॉक्स विंड का एक साल का बीटा 1.4 है, जिसका मतलब है कि इसमें बहुत अधिक वोलैटेलिटी है।

Suzlon Vs Inox Wind: Q2 रिजल्ट

सुजलॉन एनर्जी का रेवेन्यू सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 48 फीसदी बढ़कर ₹2103 करोड़ हो गया। वहीं, कंपनी का नेट प्रॉफिट पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में लगभग दोगुना होकर ₹200 करोड़ हो गया। तिमाही के दौरान EBITDA में 31.3 फीसदी की वृद्धि देखी गई, जो ₹293.7 करोड़ हो गया।

सुजलॉन का वर्तमान ऑर्डर बुक 5.1 गीगावाट के ऑल टाइम हाई पर है, जिसमें से 54% कमर्शियल और इंडस्ट्रियल (C&I) सेगमेंट, 23% सेंट्रल और स्टेट बिड्स के लिए है, और अन्य 23% PSU से है। सुजलॉन को उम्मीद है कि आगे चलकर उसका कंसोलिडेटेड EBITDA मार्जिन घटेगा क्योंकि उसका कोर विंड टर्बाइन बिजनेस ऑपरेशनल और मेंटेनेंस (OMS) बिजनेस की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है।

सीएनबीसी-टीवी18 के साथ पहले की बातचीत में सुजलॉन ग्रुप के सीएफओ हिमांशु मोदी ने बताया था कि चूंकि WTG बिजनेस सुजलॉन एनर्जी के लिए कम मार्जिन वाला बिजनेस है, इसलिए वर्तमान में यह हाई-सिंगल डिजिट में है, जबकि OMS बिजनेस में आमतौर पर 40% के रेंज में मार्जिन देखा जाता है।

Inox Wind की बात करें तो कंपनी ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 90 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में उसे 27 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। तिमाही रेवेन्यू में सालाना 93% की वृद्धि हुई और यह 384 करोड़ रुपये से बढ़कर 742 करोड़ रुपये हो गया।

Inox Wind ने कहा कि वह FY25 में अपने अब तक के बेस्ट-एवर फुल ईयर प्रॉफिटेबिलिटी हासिल करने की राह पर है। इसे 1.2 गीगावाट के ऑर्डर मिले हैं और अब ऑर्डर बुक 3.3 गीगावाट पर है। इसके कस्टमर्स में पब्लिक सेक्टर की कंपनियां, इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर, कमर्शियल और इंडस्ट्रियल और रिटेल कंज्यूमर्स शामिल हैं। कंपनी ने दूसरी तिमाही में 140 मेगावाट के ऑर्डर पूरे किए, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 77 मेगावाट था। कंपनी ने वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में मजबूत प्रदर्शन के कारण अपने मार्जिन गाइडेंस को 15% से बढ़ाकर 17% कर दिया है।

InoxGFL ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर देवांश जैन ने कहा, "हमने गाइडेंस को अपग्रेड किया है क्योंकि Q1 और Q2 हमारे लिए काफी मजबूत रहे हैं। Q3 और Q4 इसे सामान्य कर देंगे, लेकिन हमने गाइडेंस को 15% से बढ़ाकर 17% कर दिया है, इस चेतावनी के साथ कि कुछ फैक्टर्स के कारण इसमें और वृद्धि हो सकती है।" बैलेंस शीट में भी पॉजिटिव बदलाव दिखा, जिसमें Inox Wind ने नेट कैश को पॉजिटिव बनाया और ₹278 करोड़ के कैश रिजर्व की जानकारी दी।

सुजलॉन एनर्जी के विंड टर्बाइन प्रोडक्शन में मार्केट लीडर होने के बावजूद Inox Wind ने ऑर्डर बुक में हाई ग्रोथ के साथ वित्त वर्ष 21 से अपने रेवेन्यू को तीन गुना बढ़ा दिया है। मेहता इक्विटीज के प्रशांत तापसे का मानना ​​है कि आगे बढ़ते हुए, यह उम्मीद है कि हाई एग्जीक्यूशन और मजबूत ऑर्डर पाइपलाइन के कारण इसी तरह का ट्रेंड जारी रहेगा।

Suzlon Vs Inox Wind: वैल्यूएशन और एक्सपर्ट्स की राय

टेक्निकल्स की बात करें तो दोनों स्टॉक ब्रेकआउट के कगार पर हैं। सुजलॉन का वर्तमान प्राइस करीब ₹66 है। तापसे का मानना है कि अगर वीकली बेसिस पर यह ₹72 से ऊपर बंद होता है, तो शॉर्ट टर्म में ₹85-90 तक पहुंच सकता है। इस बीच, Inox Wind का वर्तमान प्राइस 206 रुपये है, अगर यह ₹210 से ऊपर बंद होता है, तो शॉर्ट टर्म में ₹240 की ओर मजबूत कदम बढ़ा सकता है।

वैल्यूएशन की बात करें तो तापसे का मानना ​​है कि सुजलॉन अधिक आकर्षक है, जो 90 के प्राइस-टू-अर्निंग (PE) रेश्यो के करीब कारोबार कर रहा है। दूसरी ओर, Inox Wind लगभग 140 के PE पर है और महंगा प्रतीत होता है।

सुजलॉन पर कवरेज करने वाले पांच एनालिस्ट्स में से तीन ने अब स्टॉक पर 'Buy' रेटिंग दी है, जबकि अन्य दो ने 'होल्ड' की सिफारिश की है। Inox Wind स्टॉक के लिए पांच एनालिस्ट्स ने 'Buy' रेटिंग दी है, जबकि एक ने 'होल्ड' की सिफारिश की है।



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/WeykC1v
via

Monday, December 2, 2024

Rama Steel Tubes के शेयरों में 10% की दमदार रैली, इस एक ऐलान के बाद जमकर हुई खरीदारी

Rama Steel Tubes share: रामा स्टील ट्यूब्स के शेयरों में आज 2 दिसंबर को करीब 10 फीसदी की दमदार रैली देखी गई। यह स्टॉक BSE पर 9.96 फीसदी की बढ़त के साथ 13.47 रुपये के भाव पर बंद हुआ है। दरअसल, कंपनी ने एक्सचेंज को बताया कि उसने रिन्यूएबल एनर्जी स्पेस में कारोबार करने के लिए एक नई यूनिट शुरू की है। इस खबर के बाद आज कंपनी के शेयरों में खरीदारी देखी गई। आज की तेजी के साथ कंपनी का मार्केट कैप बढ़कर 2,093.55 करोड़ रुपये हो गया। स्टॉक का 52-वीक हाई 17.51 रुपये और 52-वीक लो 9.91 रुपये है।

Rama Steel Tubes ने बनाई सब्सिडियरी कंपनी 

रामा स्टील ट्यूब्स की नई पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी ONIX IPP प्राइवेट लिमिटेड है, जिसका ऑथराइज्ड कैपिटल ₹1 लाख है। एक्सचेंज फाइलिंग में कहा गया है कि भारत में इनकॉर्पोरेट होने वाली प्रस्तावित कंपनी ग्रीन एनर्जी और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में कारोबार करेगी। रामा स्टील ट्यूब्स ने कहा कि वह कैश में शेयर कैपिटल का 10% हिस्सा लेगा।

Rama Steel Tubes ने ओनिक्स रिन्यूएबल के साथ की साझेदारी

रामा स्टील ट्यूब्स ने हाल ही में तब सुर्खियां बटोरीं, जब कंपनी ने सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए स्टील स्ट्रक्चर और सिंगल-एक्सिस ट्रैकर्स की सप्लाई के लिए ओनिक्स रिन्यूएबल लिमिटेड के साथ साझेदारी की। कंपनी ने भविष्य में डुअल-एक्सिस ट्रैकर्स तक विस्तार करने की योजना बनाई है।

कंपनी ने स्पेशलाइज्ड स्टील स्ट्रक्चर और ट्रैकर ट्यूब डेवलप किए हैं, जो सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए जरूरी हैं। सितंबर तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार कंपनी के प्रमोटरों के पास वर्तमान में 47.96% हिस्सेदारी है, जो जून 2024 में 56.33% से कम है।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/gNlam8J
via

Sunday, December 1, 2024

Mutual Funds: क्या लो-वोलैटिलिटी वाले फंड लॉन्ग टर्म के लिए हैं बेहतर? एक्सपर्ट्स की ये है राय

Mutual Funds: निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। इस समय उतार-चढ़ाव से भरे बाजार में लो-वोलैटिलिटी वाले म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में उभरे हैं। ये फंड अक्सर बाजार में दबाव के दौरान बेहतर प्रदर्शन करते हैं, लेकिन बाजार में तेज उछाल के दौरान मध्यम रिटर्न दे सकते हैं। ICICI प्रूडेंशियल AMC में इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के प्रिंसिपल चिंतन हरिया ने यहां बताया है कि ये फंड कैसे काम करते हैं और बैलेंस्ड इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी में उनकी क्या भूमिका है।

वोलेटाइल मार्केट में मजबूत प्रदर्शन

हरिया ने कहा, "लो-वोलैटिलिटी वाले फंड ने कई मार्केट कंडीशन में लगातार लचीलापन दिखाया है।" आंकड़ों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि FY23 में निफ्टी 50 TRI में 0.6% की गिरावट आई। वहीं, निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 TRI ने 3.8% की बढ़त हासिल की।

उन्होंने बताया कि ये फंड रिस्क और रिटर्न को प्रभावी ढंग से बैलेंस करते हैं, जिससे निवेशकों को बाजार में गिरावट के दौरान स्थिरता मिलती है। उन्होंने कहा, "फरवरी 2018 से दिसंबर 2019 जैसे कंसंट्रेटेड रैलियों की अवधि में भी लो-वोलैटिलिटी इंडेक्स का 4.9% रिटर्न निफ्टी 50 TRI के 6.8% के करीब था, जो बाजार की रिकवरी में भाग लेने की उनकी क्षमता को दिखाता है।"

क्या निवेशकों को मार्केट रिबाउंड के दौरान बाहर निकल जाना चाहिए?

हरिया के अनुसार, जब बाजार में रिकवरी होती है तो लो-वोलैटिलिटी वाले फंड से बाहर निकलना हमेशा अच्छी रणनीति नहीं होती। उन्होंने कहा, "ये फंड लगातार रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न प्रदान करते हैं और इनमें कम गिरावट होती हैं, जिससे वे लॉन्ग टर्म इनवेस्टर्स के लिए वैल्यूएबल बन जाते हैं।" रिबाउंड के दौरान रिटर्न बढ़ाने की चाह रखने वालों के लिए हरिया ने अन्य स्मार्ट बीटा रणनीतियों की खोज करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा, "मोमेंटम फंड बाजार के अपट्रेंड का लाभ उठा सकते हैं, क्वालिटी फंड वित्तीय रूप से मजबूत कंपनियों पर फोकस करते हैं, और वैल्यू फंड रिबाउंड क्षमता वाले अंडरवैल्यूड स्टॉक्स को टारगेट करते हैं। स्मार्ट बीटा स्ट्रेटेजी में डायवर्सिफाइड एप्रोच बेहतर है।"

रिबाउंड के दौरान फंड स्विच करने से अतिरिक्त टैक्स लायबिलिटी और ट्रांजेक्शन कॉस्ट हो सकती है। हरिया ने लो-वोलैटिलिटी वाले फंड के लॉन्ग टर्म बेनिफिट्स पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "इन फंड को मार्केट सायकल में स्थिर रिटर्न प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। उदाहरण के लिए 10 वर्षों में निफ्टी 100 लो वोलैटिलिटी 30 TRI ने 15.65% का CAGR दिया, जो निफ्टी 100 टीआरआई (13.99%) और निफ्टी 50 TRI (13.45%) से बेहतर प्रदर्शन है।"

कितना एलोकेट करें?

लो-वोलैटिलिटी वाले फंडों में एलोकेशन निवेशक की रिस्क उठाने की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। हरिया ने सुझाव दिया, "कंजर्वेटिव इनवेस्टर्स इक्विटी पोर्टफोलियो का 30% से 50% लो-वोलैटिलिटी वाले फंडों में आवंटित कर सकते हैं, जो उन्हें जरूरी स्टेबिलिटी प्रदान कर सकता है।" वहीं, अग्रेसिव इनवेस्टर्स के लिए उन्होंने ग्रोथ पोटेंशियल को बनाए रखते हुए स्टेबिलिटी के लिए करीब 10% से 20% के छोटे एलोकेशन की सिफारिश की। उन्होंने कहा, "लो-वोलैटिलिटी वाले फंड डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो की नींव के रूप में कार्य कर सकते हैं, जो मोमेंटम, वैल्यू या क्वालिटी वाले फंड जैसी रणनीतियों का पूरक हो सकते हैं।"

लो-वोलैटिलिटी वाले फंड उतार-चढ़ाव वाले बाजारों के बीच स्थिरता और स्थिर रिटर्न चाहने वाले निवेशकों के लिए एक मजबूत विकल्प बने हुए हैं। हालांकि तेज उछाल के दौरान उनकी अपसाइड क्षमता कम हो सकती है, लेकिन उनका लचीलापन और लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस उन्हें एक बेहतर विकल्प बनाता है।

डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/VfzDyZ2
via