Chhattisgarh Bijapur Naxal Encounter: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में बुधवार (3 दिसंबर) को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में पांच नक्सलियों को मार गिराया। एनकाउंटर के दौरान एक जवान की भी मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर जिले के गंगालूर इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ अभी चल ही रही है। बीजापुर जिले के SP जितेंद्र यादव ने बताया कि सुरक्षाबलों ने इस मुठभेड़ में पांच नक्सलियों को मार गिराया। इस दौरान जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के एक जवान की भी दुखद मौत हो गई। जबकि एक अन्य जवान घायल हो गया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गंगालूर क्षेत्र के जंगल में नक्सली गतिविधि की सूचना मिलने पर जिला रिजर्व गार्ड, एसटीएफ और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के संयुक्त दल को रवाना किया गया था। इस दल को देखते ही नक्सलियों ने उसपर गोलीबारी शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि उसके बाद सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की।
अधिकारियों के अनुसार अब तक घटनास्थल से पांच नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। अभियान के दौरान डीआरजी के एक जवान की भी जान चली गई। जबकि एक अन्य जवान घायल हो गया। अधिकारियों ने बताया कि घायल जवान को अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में अभियान अब भी जारी है तथा इस संबंध में अधिक जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई के साथ इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ में 268 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 239 बीजापुर समेत सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र में मारे गए। वहीं 27 नक्सली रायपुर क्षेत्र के अंतर्गत गरियाबंद जिले में मारे गए।
राज्य के दुर्ग क्षेत्र के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में दो नक्सली मारे गए। पुलिस के अनुसार, पिछले 23 महीनों में छत्तीसगढ़ में 2,200 से ज्यादा नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें शीर्ष नक्सली भी शामिल हैं। केंद्र ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है।
दंतेवाड़ा में 37 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
इससे पहले 30 नवंबर को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में 37 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 27 पर कुल 65 लाख रुपये का इनाम घोषित था। दंतेवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गौरव राय ने बताया कि 12 महिलाओं समेत इन नक्सलियों ने पूना मारगेम (पुनर्वास से सामाजिक एकीकरण तक) पहल के तहत पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया। उन्होंने कहा कि बस्तर रेंज के पुलिस द्वारा शुरू की गई यह पहल बस्तर क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए एक परिवर्तनकारी अभियान के रूप में उभर रही है।
आत्मसमर्पण करने वालों में कुमाली उर्फ अनीता मंडावी, गीता उर्फ लक्ष्मी मड़कम, रंजन उर्फ सोमा मंडावी और भीमा उर्फ जहाज कलमू शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि इन सभी पर 8-8 लाख रुपये का इनाम था। उन्होंने कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 50,000 रुपये की तत्काल सहायता के साथ-साथ कौशल विकास के लिए ट्रेनिंग, कृषि भूमि समेत अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
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अधिकारी ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीतियों से प्रेरित होकर दंतेवाड़ा जिले में पिछले 20 महीनों में 508 से अधिक माओवादी हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं, जिनमें से 165 पर इनाम घोषित है। राय ने बताया कि वरिष्ठ नेताओं से लेकर अपने आधार क्षेत्रों में सक्रिय कार्यकर्ताओं तक, बड़ी संख्या में माओवादी प्रतिबंधित संगठन को छोड़ चुके हैं।
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