Rice Prices Rising in India: भारत दुनिया का सबसे बड़ा बासमती एक्सपोर्टर है। बीते 5 सालों में बासमती एक्सपोर्ट 48% बढ़ा है। FY25 में $5944 मिलियन का बासमती एक्सपोर्ट FY25 में $6528 मिलियन का नॉन-बासमती एक्सपोर्ट है। देश में चावल का कैसा हाल है,बासमती की एक्सपोर्ट मांग कैसी है ? इस पर सीएनबीसी - आवाज के साथ चर्चा करते हुए श्यामजी ग्रुप के दीपक अग्रवाल ने कहा कि चावल पर मौजूदा पॉलिसी बड़ी समस्या है। अब सरकार का नजरिया बदल रहा है। सरकार भी एक्सपोर्ट बढ़ाने पर विचार कर रही है। देश में चावल का बड़ी मात्रा में स्टॉक मौजूद है। चावल एक्सपोर्ट नहीं किया तो परेशानी होगी।
उन्होंने आगे कहा कि एक्सपोर्ट के लिए रेट सबसे बड़ी समस्या है। चावल के बाजार में बहुत बड़ी मंदी है। 7-8 गुना ज्यादा स्टॉक सब जगह पड़ा है। बड़े खरीदार चावल नहीं खरीद रहे हैं।
इस बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार एक्सपोर्ट बाजार को बढ़ावा देना चाहिए। सरकार भी इंडस्ट्री को सपोर्ट कर रही है। मार्च के बाद हालात में सुधार होने की उम्मीद है। उनका कहना है कि सरकार से सब्सिडी नहीं सपोर्ट चाहिए। सपोर्ट मिला तो भारत का एक्सपोर्ट बढ़ेगा। दुनिया भारत का चावल चाहती है। 20-22 मिलियन टन से ज्यादा चावल एक्सपोर्ट की उम्मीद है।
भारत का चावल एक्सपोर्ट बढ़ने की उम्मीद
IREF के प्रेसिडेंट डॉ प्रेम गर्ग ने कहा कि भारत का चावल एक्सपोर्ट बढ़ने की उम्मीद है। इंटरनेशनल मार्केट में चावल के दाम गिरे हैं। 180 हजार करोड़ के कारोबार की उम्मीद है।
प्रेम गर्ग ने कहा कि एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए वैल्यू एडिशन करने की जरूरत । बाजार में चावल की नई नई वैरायटी लॉन्च कर रहे है। बासमती की खेती सिर्फ पंजाब, हरियाणा तक सीमित नहीं है। आज बासमती की खेती देश के कई राज्यों हो रही है। कई वैरायटी $2000 से ज्यादा के दाम पर बिकती है। पहले हम चावल बेचने लोगों के घर जाते थे। अब खरीदार हमारे घर पर चावल खरीदने आ रहे हैं। भारतीय चावल के भाव थाइलैंड के भाव से ज्यादा है। स्टार्टअप को सबसे ज्यादा फियदा मिलने की उम्मीद है।
(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
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