Monday, November 18, 2024

Post Office: पोस्ट ऑफिस की सुपरहिट स्कीम, 5 साल तक हर महीने मिलेंगे 9,250 रुपये

Post Office Income: क्या आप अपने निवेश पर नियमित मंथली इनकम चाहते हैं? सरकार की गारंटी के साथ सुरक्षित विकल्प तलाश रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) आपके लिए एक बेस्ट ऑप्शन हो सकता है। यह योजना रिटायरमेंट के बाद पैसे की दिक्कत से बचाने और सेविंग को सुरक्षित रखने का अच्छा तरीका है।

क्या है पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS)?

POMIS एक छोटी सेविंग योजना है, जिसे सरकार ने स्थिर मंथली इनकम देने क लिए डिजाइन किया है। ये हैं इसके फायदे।

न्यूनतम जमा: ₹1,000 (₹1,000 के मल्टीपल में)

अधिकतम जमा: ₹9 लाख (सिंगल अकाउंट) या ₹15 लाख (जॉइंट अकाउंट)

पीरियड: 5 साल (तय)

ब्याज दर (2024)

ब्याज दर: 7.4% प्रति साल

पात्रता

सिंगल वयस्क

अधिकतम तीन वयस्कों तक के जॉइंट अकाउंट

अभिभावक नाबालिगों या मानसिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए

10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग अपने नाम पर

मंथली इनकम कैसे कैलकुलेट करें?

POMIS के तहत मंथली इनकम की कैलकुलेशन का फॉर्मूला:

मंथली इनकम = जमा राशि × ब्याज दर ÷ 12

उदाहरण:

₹5 लाख → ₹3,083 मंथली

₹9 लाख → ₹5,550 मंथली

₹15 लाख → ₹9,250 मंथली

पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम

न्यूनतम ₹1,000 से खाता खोला जा सकता है।

एक व्यक्ति के सभी खातों में जमा ₹9 लाख से अधिक नहीं हो सकता।

जॉइंट अकाउंट में ₹15 लाख तक का निवेश संभव है।

ब्याज का पेमेंट

ब्याज हर महीने क्रेडिट किया जाता है।

पेमेंट ECS या लिंक्ड सेविंग अकाउंट में ऑटो-क्रेडिट के माध्यम से लिया जा जा सकता है।

अनक्लेम्ड ब्याज पर कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलता।

ब्याज इनकम टैक्सेबल है।

प्रीमैच्योर पैसा निकालना

1 साल के बाद निकासी की अनुमति, लेकिन जुर्माने के साथ:

1–3 साल: 2% कटौती।

3–5 साल: 1% कटौती।

मैच्योरिटी के फायदे

खाता 5 साल बाद मैच्योर होता है।

मैच्योरिटी पर जमा की गया बेसिक अमाकउंट वापस कर दिया जाता है।

खाता धारक की मृत्यु होने पर नामित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी खाता बंद कर सकते हैं।

POMIS क्यों चुनें?

सुरक्षित रिटर्न: सरकार इसे चला रही है और इसमें पैसा पूरे तरीके से सेफ है।

नियमित इनकम: रिटायर व्यक्तियों और कंजर्वेटिव निवेशकों को होगा फायदा।

 



from HindiMoneycontrol Top Headlines https://ift.tt/ARbHc38
via

No comments:

Post a Comment