सरकार ने कल PSU कंपनियों के डिविडेंड, बोनस, शेयर बायबैक और स्टॉक स्प्लिट के गाइडलाइन में बदलाव किया है। DIPAM सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे ने CNBC आवाज़ से खास बातचीत में कहा की इससे कंपनियां ज्यादा कैपेक्स कर सकेंगी साथ ही शेयरहोल्डर्स के हितों का भी ध्यान रखा गया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा की जल्द ही और कई कंपनियों के आईपीओ आ सकते हैं। ग्रीन एनर्जी से जुड़ी सरकारी कंपनियों का IPO आ सकते हैं। DIPAM सेक्रेटरी से खास बातचीत की सीएनबीसी-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने। यहां हम आपके लिए इस बातचीत का संपादित अंश दे रहे हैं।
शेयरधारकों के हितों को ध्यान में रखकर लिए जा रहे फैसले
तुहिन कांत पांडे ने कहा कि शेयरधारकों के हितों को ध्यान में रखकर फैसले लिए जा रहे हैं। सरकारी कंपनियों के लिए नेटवर्थ शर्त आसान होने से कैपेक्स के लिए ज्यादा पैसा बचेगा। जिसके कंपनियां अपनी विकास योजनाओं पर ज्यादा खर्च कर पाएंगी। डिविडेंड कितना देना है इस पर अंतिम फैसला कंपनी का होगा। सरकारी NBFCs के लिए 4 फीसदी नेटवर्थ की शर्त हटाई गई है। NBFCs के लिए कैपिटल उर्जा की तरह है। इस फैसले से NBFCs की कैपिटल जरूरतें पूरी होगी और सरकारी NBFCs ज्यादा लेंडिंग कर सकेंगे।
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सरकारी बैंकों और इंश्योरेंस के लिए आएंगे अलग गाइडलाइन
इस बातचीत में उन्होंने आगे कहा कि नियमों में बदलाव सभी कंपनियों पर लागू नहीं होंगे। सरकारी बैंक और इंश्योरेंस कंपनियों पर ये नियम लागू नहीं होंगे। सरकारी बैंकों और इंश्योरेंस के लिए अलग गाइडलाइन आएंगे। बायबैक नियमों से शेयरहोल्डर्स को फायदा पहुंचाने का लक्ष्य है। कैश के इस्तेमाल के लिए बायबैक नियमों में बदलाव किया गया है। बायबैक में हिस्सा लेकर शेयरहोल्डर फायदा उठा सकेंगे। तुहिन कांत पांडे ने आगे बताया कि पावर, ऑयल और कोल से जुड़ी ग्रीन पोर्टफोलियो वाली कंपनियों के IPO भी आ सकते हैं।
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