सरकार एयरपोर्ट्स के निजीकरण की प्रक्रिया अगले वित्त वर्ष का बजट पेश होने के बाद शुरू करेगी। सरकार पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के तहत एयरपोर्ट्स का प्राइवेटाइजेशन और डेवलपमेंट करना चाहती है। इस मसले से जुड़े तीन लोगों ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी। मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के एक सीनियर अफसर ने बताया कि अगले चरण के एयरपोर्ट प्राइवेटाइजेशन के लिए कैबिनेट नोट करीब तैयार हो गया है। इसे अगले हफ्ते मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस को सौंप दिया जाएगा। उसके बाद इसे एप्रूवल के लिए कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।
प्री-बिडिंग कंसल्टेशन फरवरी में शुरू हो जाने की उम्मीद
उन्होंन बताया कि सरकार FY25 खत्म होने से पहले यह प्रोसेस शुरू कर देना चाहती है। इसके लिए प्री-बिडिंग कंसल्टेशन फरवरी में बजट (Budget 2025) पेश होने के बाद शुरू हो जाने की उम्मीद है। एक दूसरे अधिकारी ने मनीकंट्रोल को बताया कि अगले चरण का प्रोसेस शुरू करने पर तेजी से काम हो रहा है ताकि इसका ऐलान अगले साल फरवरी में पेश होने वाले बजट में वित्त मंत्री की तरफ से किया जा सके। दूसरे अधिकारी ने कहा, "नए चरण के तहत जिन एयरपोर्ट्स का निजीकरण होगा, उस लिस्ट को फाइनल एप्रूवल कैबिनेट देगा। हमने कुछ ऐसे एयरपोर्ट्स के नामों पर विचार किया है, जो पहले प्राइवेटाइजेशन प्लान का हिस्सा थे।"
लीज पर देने के लिए 25 एयरपोर्ट्स की पहचान हो चुकी है
इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए फाइनेंस मिनिस्ट्री और मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन को भेजे गए मेल का जवाब नहीं मिला। केंद्र सरकार की नेशनल मॉनेटाइेशन पाइपलाइन (NMP) के तहत 2022-2025 के बीच 25 एयरपोर्ट्स की पहचान लीज पर देने के लिए की गई थी। इनमें भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर, कालीकट, कोयंबतूर, नागपुर, पटना, मदुरई, सूरत, रांची, जोधपुर, चेन्नई, विजयवाड़ा, वडोदरा, भोपाल, तिरुपति, हुबली, इंफाल, अगरतला, उदयपुर, देहरादून और राजमुंदरी शामिल हैं।
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बेहतर मैनेजेंट के लिए लीज पर देने का प्लान
सरकार एयरपोर्ट्स लीज पर देना चाहती है। सरकार का मानना है कि इससे उनका मैनेजमेंट बेहतर हो सकेगा। इसमें प्राइवेट सेक्टर की क्षमता का इस्तेमाल हो सकेगा। इस बारे में सिविल एविएशन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने अगस्त में राज्यसभा में कहा था, "एयरपोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर और फैसिलिटीज बढ़ने से आखिर में यात्रियों को फायदा होगा। पीपीपी के तहत प्राइवेट सेक्टर एयरपोर्ट को ऑपरेट, मैनेज और डेवलप करता है।"
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