New Rules For Mobile Number Portability: मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) नियम में सरकार ने बदलाव करने का फैसला किया गया है। टेलीकॉम नियामक संस्था भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने कहा है कि सिम स्वैप और रिप्लेसमेंट धोखाधड़ी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी नियमों में संशोधन 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे। ट्राई के अनुसार, सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट का मतलब मौजूदा ग्राहक द्वारा चोरी हो चुके या काम न करने वाले सिम कार्ड के स्थान पर नया सिम कार्ड लेने की एक प्रक्रिया है।
क्या होगा बदलाव?
सिम कार्ड चोरी, गुम या डैमेज होने की स्थिति में अब ग्राहकों को थोड़ा इंतजार करना होगा। पहले सिम कार्ड चोरी या डैमेज होने के बाद आपको संबंधित टेलीकॉम कंपनी के स्टोर से तुरंत नया सिम कार्ड मिल जाती थी। लेकिन अब यूजर्स को 7 दिन तक इंतजार करना होगा, इसके बाद ही यूजर्स को नया सिम कार्ड मिलेगा। दरअसल, इसका लॉकिंग पीरियड बढ़ा दिया गया है। अगले सात दिन के बाद ही आपको ये सिम कार्ड मिलेगा जो MNP रूल्स में बदलाव के बाद लागू किया गया है। रेगुलेटर द्वारा जारी बयान में कहा गया है, "भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 14 मार्च, 2024 को दूरसंचार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (9वां संशोधन) विनियम, 2024 जारी किए, जो 1 जुलाई, 2024 से लागू होंगे।"
ये है नया नियम
ट्राई के नियमों के अनुसार, यूजर्स मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) सुविधा भी चुन सकते हैं, जो उन्हें एक एक्सेस प्रोवाइडर से दूसरे एक्सेस कंपनी में जाने पर अपना मोबाइल नंबर बनाए रखने की अनुमति देता है। समय-समय पर MNP प्रक्रिया में सुधार करने के उद्देश्य से दूरसंचार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी विनियम, 2009 में पहले 8 बार संशोधन किया जा चुका है। ट्राई ने इन संशोधन विनियमों के माध्यम से यूनिक पोर्टिंग कोड के आवंटन के अनुरोध को अस्वीकार करने के लिए एक अतिरिक्त मानदंड शुरू करने का भी निर्णय लिया है।
बता दें कि फ्रॉड और धोखाधड़ी रोकने के लिहाज से ये फैसला लिया गया है। कई मामलों में सामने आया था कि एक बार सिम कार्ड चोरी होने के मामले में किसी अन्य सिम कार्ड पर नंबर एक्टिवेट करवा लिया गया था। इसके बाद किसी अन्य घटना को अंजाम दे दिया जाता है।
नए कानून ने यूनिक पोर्टिंग कोड के रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने का अधिकार दिया गया है। खासकर वैसी स्थित में यूनिक पोर्टिंग कोड के रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जा सकता है, जिनमें सिम को स्वैप करने या रिप्लेस किए जाने के बाद 7 दिनों के भीतर पोर्ट कोड का रिक्वेस्ट भेजा गया हो।
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इसमें आगे कहा गया है कि यदि सिम स्वैप या मोबाइल नंबर रिप्लेसमेंट की डेट से सात दिन की समाप्ति से पहले यूपीसी के लिए अनुरोध किया गया है, तो UPC आवंटित नहीं किया जाना चाहिए, जो पहले 10 दिन था। ट्राई ने कहा, "इन संशोधन विनियमों का उद्देश्य बेईमान तत्वों द्वारा धोखाधड़ी वाले सिम स्वैप के माध्यम से मोबाइल नंबरों की पोर्टिंग को रोकना है।"
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