ऐसा लगता है कि कर्नाटक (Karnataka) में मुख्यमंत्री चुनने का पेंच फंस गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस विधायक दल(CLP) ने सर्वसम्मति से कांग्रेस विधायक दल का नेता यानी मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाने का फैसाल AICC अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) पर छोड़ने का फैसला किया है। कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेताओं सिद्धरमैया (Siddaramaiah) और डी. के. शिवकुमार (DK Shivakumar) के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की दौड़ काफी तेज है। इस बीच पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे रविवार को दिल्ली लौट आए। उधर कर्नाटक में सरकार बनाने पर चर्चा के लिए कांग्रेस विधायक दल (CLP) की बैठक बेंगलुरु में एक होटल में हुई। दिल्ली पहुंचने के बाद खड़गे ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के पर्यवेक्षक कर्नाटक में पार्टी विधायकों की राय से आलाकमान को अवगत कराएंगे और इसके बाद मुख्यमंत्री के चयन को लेकर फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में पार्टी के लिए सब कुछ ठीक-ठाक रहा है और जल्द ही सरकार बनेगी। इससे पहले कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष शिवकुमार ने संकेत दिया कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं। उन्होंने कहा कि वह सभी को साथ लेकर चले और कभी भी अपने लिए कुछ नहीं मांगा। उन्होंने अपने और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के बीच मतभेदों की खबरों को भी खारिज कर दिया। शिवकुमार ने तुमकुरु के नॉनविनकेरे में पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस और विधायक दल कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री का फैसला करेंगे। CLP Resolution: The Congress Legislature Party (CLP) unanimously resolves that AICC President is hereby authorised to appoint the new Leader of the Congress Legislature Party. #KarnatakaResultsWithPTI pic.twitter.com/NzyuquWVTn — Press Trust of India (@PTI_News) May 14, 2023 इस सवाल पर कि लोगों की पसंद के बजाय मेहनत करने वालों को वरीयता दी जानी चाहिए, शिवकुमार ने कहा कि जब 2019 के उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद सिद्धरमैया और दिनेश गुंडू राव ने क्रमशः कांग्रेस विधायक दल के नेता और राज्य इकाई के प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था, तब कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन पर विश्वास जताया था और उन्हें राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया था। कर्नाटक से दोपहर में यहां लौटे खड़गे ने कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता राज्य के लोगों की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि पार्टी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि किस ने पार्टी को वोट दिया और किस ने नहीं दिया। राज्य में 224-सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीट जीतीं, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा की अगुवाई में जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीट जीतीं। 'आलाकमान अपना निर्णय लेगा' खड़गे ने यहां पहुंचने के बाद हवाईअड्डे पर पत्रकारों से कहा, ‘‘हमारे पर्यवेक्षक बेंगलुरू गए हैं, वे शाम को पहुंचेंगे। इसके बाद सीएलपी (कांग्रेस विधायक दल) की बैठक होगी, जिसके बाद जो भी राय बनेगी, उसके बारे में आलाकमान को अवगत कराया जायेगा। इसके बाद आलाकमान अपना निर्णय लेगा।’’ पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार दोनों ही मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। दोनों ने विधायक दल की बैठक से पहले अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठक की। विधानसभा चुनावों में पार्टी की शानदार जीत के बाद कर्नाटक से लौटने पर कांग्रेस अध्यक्ष का उनके 10 राजाजी मार्ग स्थित आवास पर जबरदस्त स्वागत किया गया और समर्थकों ने उनके पक्ष में नारे लगाये। अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में खड़गे ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हुई जीत लोगों की जीत है। उन्होंने कहा, ‘‘कर्नाटक की जनता ने भाजपा को नकार दिया है। महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से पीड़ित जनता ने कांग्रेस की भारी बहुमत से जीत सुनिश्चित की है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सबसे बड़ा जनादेश मिला है और वह राज्य में स्थिर सरकार चाहती है। खड़गे ने कहा कि लोगों, विशेषकर गरीबों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों और दलितों ने कांग्रेस की पांच गारंटी को स्वीकार किया है और उनकी अपेक्षाओं के अनुसार इन्हें लागू किया जायेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने मंत्रिमंडल के गठन के पहले दिन पांच गारंटी पर काम शुरू कर देंगे और इन्हें लागू करेंगे... इसलिए हमें बड़ा जनादेश मिला है, हमें जनता की सेवा करनी है।’’ Karnataka Election Result: कर्नाटक के चुनाव नतीजों के बाद विपक्षी खेमे में बदलेगी कांग्रेसी की स्थिति, ये फैक्टर हैं काफी अहम कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘चुनाव के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह अतीत की बात है और हम कर्नाटक के विकास के लिए काम करेंगे और इसे नंबर एक राज्य बनाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे, जो पहले हुआ करता था। कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों को सुशासित माना जाता था, हम चाहते हैं कि वह समय वापस लौट आये।’’ यह पूछे जाने पर कि कर्नाटक को नया मुख्यमंत्री कब मिलेगा, उन्होंने कहा कि तीन लोगों को पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया है और वे विधायकों की राय सुनेंगे और फिर आलाकमान को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। खड़गे ने कहा कि इसके बाद आलाकमान उचित फैसला करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमें ठीक ढंग से सरकार चलानी होगी और आम सहमति से ही ऐसा संभव है। हमारी एक लोकतांत्रिक पार्टी है। चुनाव में अब तक सब कुछ ठीक हुआ है, हमें बहुमत मिला है, हम जल्द से जल्द सरकार बनायेंगे।’’ कांग्रेस ने रविवार को कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता चुनने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे और पार्टी नेताओं- जितेंद्र सिंह एवं दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। कांग्रेस महासचिव (संगठन) के. सी. वेणुगोपाल ने बताया कि केंद्रीय पर्यवेक्षक सीएलपी की बैठक की निगरानी करेंगे।
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