उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) की टीम ने गुरुवार को झांसी में माफिया से नेता बने गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद (Atiq Ahmed son Asad Ahmed Encounter) और उसके एक साथी शूटर गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया। यह खबर सामने आने के बाद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी भी चर्चा में आ गया है। पिछले महीने मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) गैंग के सदस्य और दुर्दांत अपराधी रामू मल्लाह की जमानत अर्जी खारिज करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस गिरोह को देश का सबसे दुर्दांत गिरोह करार दिया था। इस बीच, आयकर विभाग (Income Tax department) ने मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश और अन्य स्थानों पर करीब दो दर्जन बेनामी संपत्तियों का पता लगाया है, जिनकी कुल कीमत करीब 127 करोड़ रुपये है। सूत्रों ने बताया कि अंसारी और उसके सहयोगियों के खिलाफ विस्तृत कार्रवाई के तहत इन संपत्तियों का पता लगाया गया है। आयकर विभाग द्वारा जारी कुर्की आदेश के मुताबिक, उसकी लखनऊ स्थित बेनामी संपत्ति जांच इकाई ने मंगलवार को मामले में पहली संपत्ति कुर्क की, जो गाजीपुर जिला स्थित एक भूखंड है जिसका खरीद मूल्य करीब 1.29 करोड़ रुपये है जबकि बाजार कीमत 12 करोड़ रुपये है। माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी पांच बार का विधायक है। इस समय वह उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है। उसके खिलाफ हत्या, जमीन पर कब्जा करने सहित विभिन्न अपराधों में कुल 49 मामले दर्ज हैं। IPS अनुराग आर्य ने शुरू की थी कार्रवाई उत्तर प्रदेश के माफियाओं के खिलाफ जारी कार्रवाई के बीच अचानक 2013 बैच के तेजतर्रार IPS अनुराग आर्य (IPS officer Anurag Arya) चर्चा में आ गए हैं। दरअसल, अनुराग आर्य ही वह अधिकारी थे, जिन्होंने पहली बार माफिया मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाकर उसकी सल्तनत को मिट्टी में मिलाकर रख दिया था। वह यूपी के मऊ जिले के खूंखार माफिया मुख्तार अंसारी पर ऐसी कड़ी कार्रवाई करने वाले पहले अधिकारी थे। ये भी पढ़ें- Asad Ahmed Encounter: जानें, कैसे STF ने 50 दिनों तक पीछा करने के बाद असद को 'मिट्टी में मिला दिया' अनुराग आर्य ने साल 2019 से 2020 तक मऊ में तैनाती के दौरान मुख्तार अंसारी गैंग पर बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने अवैध बूचड़खाने चलाने वाले मुख्तार अंसारी गैंग के 26 गैंगेस्टर के खिलाफ कार्रवाई की। साथ ही मुख्तार के शूटर अनुज कनौजिया का घर बुलडोजर से गिरवा दिया। अनुराग आर्य ने 2020 में मुख्तार अंसारी पर मुकदमा दर्ज किया। साल 2013 के बाद यह पहला मौका था, जब मुख्तार पर कोई केस दर्ज हुआ। उन्होंने मुख्तार अंसारी की काली कमाई के स्रोतों पर कड़ा प्रहार किया और उसके गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। कौन हैं अनुराग आर्य? IPS अनुराग आर्य यूपी के बागपत जिले के एक छोटे से गांव छपरौली (Chhaprauli in Uttar Pradesh Baghpat district) के रहने वाले हैं। आर्य अपनी मां डॉ. पूनम आर्य और पत्नी वनिका सिंह के साथ रहते हैं। वनिका सिंह भी पीसीएस अधिकारी हैं, जबकि मां होम्योपैथी डॉक्टर हैं। आर्य के पिता एक डॉक्टर हैं। लेकिन उनकी मां और उनके पिता के बीच शादी के दो साल बाद ही आपसी मतभेद के चलते तलाक हो गया था। उस समय अनुराग महज 6 महीने के थे। तलाक के बाद अनुराग की मां उन्हें अपने साथ लेकर अपने मायके छपरौली चली आईं। इंग्लिश से खौफ खाने वाला बन गया IPS अनुराग की 7वीं क्लास तक की पढ़ाई गांव के ही सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में हुई। न्यूज 18 के मुताबिक, उस समय उन्हें इंग्लिश से काफी डर लगता था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इंग्लिश को ही हथियार बनाने का फैसला किया। साल 2008 में उनका एडमिशन देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री स्कूल (IMS) में हो गया। यहां उन की पर्सनैलिटी काफी डेवलप हुई। इस दौरान उन्होंने घुड़सवारी, माउंटेनियरिंग और राफ्टिंग जैसे स्पोर्ट्स इवेंट में कई मेडल जीते। ये भी पढ़ें- Asad Ahmad Encounter: बेटे असद की मौत की खबर सुन कोर्ट में फूट-फूट कर रोने लगा माफिया अतीक अहमद इसके बाद उन्होंने यूपी के प्रसिद्ध बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से फिजिक्स में ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके बाद वे उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में M.Sc में एडमिशन ले लिया। हाालंकि, M.Sc में अनुराग दो सब्जेक्ट में फेल हो गए, जिसके बाद उन्हें जोरों का झटका लगा था। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी। कुछ दिन बाद उन्होंने UPSC की तरफ अपना रुख कर लिया और फाइनली तय किया कि उन्हें IPS अधिकारी बनना है। ढाई साल में चार जिलों के बने SP 2013 में जब अनुराग ने UPSC सिविल सेवा की परीक्षा पास की, संयोगवश उसी साल उनका सेलेक्शन RBI में मैनेजर पद पर हो गया था। उन्होंने आरबीआई की नौकरी ज्वॉइन भी कर ली। कानपुर में आठ महीने तक उन्होंने RBI की नौकरी की। इसी दौरान वह आईपीएस बन गए। उनकी ऑल इंडिया रैंकिंग 163 थी, जिसके बाद उन्होंने RBI की जॉब छोड़ दी। शुरुआत में अनुराग आर्य ढाई साल में चार जिलों के SP बने। ढाई साल के दौरान वह 6 महीने अमेठी, 4 महीने बलरामपुर, 14 महीने मऊ और 5 महीने प्रतापगढ़ में SP रहे।
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