सहयाद्रि फार्म (Sahyadri Farms) एक अनोखी कंपनी है, जिसका मालिकाना हक, प्रंबधन और संचालन छोटे किसानों के एक बड़े समूह के पास है। यह आज अंगूर एक्सपोर्ट करने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी है। भारत से विदेशों में एक्सपोर्ट होने वाला करीब 17% अंगूर इसी कंपनी से होता है। साल 2022 में इसने 800 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया था। सहयाद्रि फार्म को जो किसानों के समूह या कंपनियां मिलकर चलाती हैं, उन्हें किसान उत्पादन कंपनियां (FPC) कहा जाता है। एक ही फसल की खेती करने वाले 10 या उससे अधिक किसान मिलकर अपना FPC बना सकते हैं। इसके अलावा यह टमाटर की भी सबसे बड़ी उत्पादक और प्रोसेसर कंपनी है। यह हिंदुस्तान यूनिलीवर के स्वामित्व वाले 'किसान टोमैटो कैचअप' का 50% यही कंपनी बनाती है। इसके अलावा यह कंपनियों को टोमैटो प्यूरी भी सप्लाई करती है। सहयाद्रि फर्म को चलाने वालों को सपना है कि एक किसान भी उतना अमीर हो सके, जितना बड़े शहरों में उनके उत्पादों को खरीदने वाला कोई अमीर प्रोफेशनल है। Sahyadri Farms ने ऐसा किसानों की दूर की समस्या किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि करीब 75% किसानों के पास एक हेक्टेयर से भी कम की जोत है। अगर किसी साल फसल बहुत अच्छी रही, तब प्रति एकड़ करीब 10,000 किलो अंगूर निकलता है। 10,000 किलो या 10 टन के साथ वे बाजार में मोल-भाव करने की स्थिति में नहीं होते हैं और उन्हें उसे बाजार के व्यापारियों की ओर से तय भाव पर बेचना पड़ता है। ऐसे में उन्हें काफी मामूली फायदा मिलता है। यह भी पढ़ें- Adani Ports के रिकॉर्ड कारोबार पर फिदा ब्रोकरेज, 62% रिकवरी के बाद अभी और तेजी आएगी, चेक करें टारगेट हालांकि यहां FPC बनाने से उन्हें फायदा मिल सकता है। इसके तहत कई किसान एक साथ आकर अपने फसल को बेचते हैं। इसके तहते जब वह बाजार में 500 टन या 1000 टन के साथ जाते हैं, तब वह बड़े खिलाड़ी होते हैं और उनके पास मोल-भाव की ताकत आ जाती है। सहयाद्रि फार्मा को देश की सबसे बड़ी FPC भी कहा जाता है। सालाना 18,000 टन के करीब अंगूर का एक्सपोर्ट सहयाद्रि फार्म, हर साल करीब 18,000 टन के करीब ताजे अंगूर का एक्सपोर्ट करती है। इन अंगूर को मुख्य रूप से यूरोप और मिडल-ईस्ट देशों में भेजा जाता है, जहां इनकी अच्छी मांग है। कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, आज इसके पास 18,000 से अधिक किसान पंजीकृत हैं, जिनके पास कुल 30,000 एकड़ जमीन है। नासिक से लेकर पुणे तक करीब 252 गांवों में इसकी उपस्थिति है और इसके उत्पादन दुनिया के 42 देशों में जाते हैं। इन 800 किसानों की बदली किस्मत सहयाद्रि फार्म के साथ एक दशक पहले अंगूर बोने वाले करीब 800 किसान जुड़े थे। इन सभी के पास एक एकड़ से अधिक की जमीन है। फार्म की सफलता के साथ ही ये सभी किसान आज आर्थिक रूप से काफी मजबूत हैं। इनमें से कई की खेती से आमदनी अब 1 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है और उनकी कंपनी में शेयर के वैल्यू को जोड़ दें तो उनकी संपत्ति करीब 10 करोड़ के आस-पास तक जा सकती है।
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