देश के तीन नगर निगम, म्युनिसिपल बॉन्ड (Municipal Bond) की बिक्री के जरिए पैसे जुटाने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें दो उत्तर प्रदेश का और एक तमिलनाडु का नगर निमग शामिल है। मनीकंट्रोल को इस मामले से वाकिफ 3 सूत्रों ने बताया कि वाराणसी नगर निगम (Varanasi Nagar Nigam), आगरा नगर निगम (Agra Municipal Corporation) और ग्रेटर चेन्नई निगम (Greater Chennai Corporation), बॉन्ड के जरिए पैसे जुटाने की तैयारी में हैं। सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वाराणसी नगर निगम और आगरा नगर निगम ने संभावित एडवाइजर-कम-मर्चेंट बैंकरों के लिए बोलियां भी मंगाई है। ग्रेटर चेन्नई कॉरपोरेशन की शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि मई के अंत तक वे म्युनिसिपल बॉन्ड जारी करके कम से कम 200 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहे हैं। वाराणसी नगर निगम के टेंडर के मुताबिक मर्चेंट बैंकर्स या ट्रांजैक्शन एडवाइजर 21 अप्रैल शाम 5 बजे तक अपना आवेदन जमा कर सकते हैं। मर्चेंट बैंकर, बॉन्ड जारी करने वाली संस्था और निवेशकों के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करते हैं। वे सेल्स प्रॉस्पेक्टस और मार्केटिंग को तैयार करने की जिम्मेदारी भी लेते हैं। यह भी पढ़ें- IDBI Bank के शेयरों में 13% की जोरदार तेजी, RBI ने बोलियां का मूल्यांकान किया शुरू इससे पहले 5 अप्रैल को मनीकंट्रोल ने सूत्रों का हवाले से एक रिपोर्ट में बताया था कि यूपी के दो नगर निगम बॉन्ड जारी करने की योजना बना रहे हैं। इसमें कानपुर नगर निगम की 10 साल की अवधि वाले म्युनिसिपल बॉन्ड की बिक्री के जरिए कम से कम 100 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। आगरा नगर निगम आगरा नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने बॉन्ड की बिक्री के जरिए 50 से 100 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। हालांकि उन्होंने बॉन्ड की अवधि का खुलासा नहीं किया। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर मनीकंट्रोल को बताया, "अभी तक, हमने यह तय नहीं किया है कि इन फंड्स का इस्तेमाल कहां किया जाएगा। हालांकि एक बार मर्चेंट बैंकर का चयन पूरा हो जाने के बाद, हम इसे लेकर सार्वजनिक बयान जारी करेंगे।" मर्चेंट बैंकर के लिए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल दोपहर 2 बजे तक थी। एक सूत्र ने कहा, "बोली लगाने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर अब 20 अप्रैल कर दिया गया है।" म्युनिसिपल बॉन्ड क्या होता है? म्युनिसिपल बॉन्ड और कॉरपोरेट बॉन्ड लगभग एक जैसे होते हैं। इनमें अंतर केवल इतना है कि म्युनिसिपल बॉन्ड को नगर निगम की ओर से अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्टों की फंडिंग के लिए जारी किया जाता है। नगर निगम, व्यक्तियों और संस्थानों से पैसे जुटाने के लिए बॉन्ड जारी करते हैं। बॉन्ड में निवेश करने वाले निवेशकों को एक तय ब्याज और मैच्योरिटी की तारीख पर मूल राशि की वापसी का वादा किया जाता है।
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