Amritpal Singh Arrested: खालिस्तानी समर्थक और कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को पंजाब में गिरफ्तारी के बाद रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल (Dibrugarh Central Jail) लाया गया। उसे कड़ी सुरक्षा के बीच पंजाब के बठिंडा एयरपोर्ट से डिब्रूगढ़ के मोहनबाड़ी एयरपोर्ट पर उतारा गया। पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम 'वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De)' प्रमुख के साथ डिब्रूगढ़ पहुंची। मोहनबारी एयरपोर्ट पर असम पुलिस की एक बड़ी टीम पहले से ही मौजूद थी। पंजाब पुलिस ने रविवार सुबह सिंह को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उसे पंजाब के बठिंडा से विशेष विमान के जरिए असम ले जाया गया। हालांकि असम पुलिस ने अमृतपाल के डिब्रूगढ़ पहुंचने पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। इस बीच सेंट्रल जेल के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। पहले से ही बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था थी, लेकिन रविवार को और सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए। सूत्रों के मुताबिक, आम लोगों को जेल के पास जाने की इजाजत नहीं है। अमृतपाल सिंह के करीबी पापलप्रीत और चाचा हरजीत सिंह सहित 9 अन्य सहयोगी पिछले महीने से डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में बंद हैं। पंजाब पुलिस ने किया गिरफ्तार अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले से रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। वह एक महीने से अधिक समय से फरार था। पंजाब के IGP सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने रोडे गांव में उसे घेर लिया था जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद 29 वर्षीय अमृतपाल को सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर गिरफ्तार कर लिया गया। आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले रोडे गांव से था और अमृतपाल सिंह को पिछले साल इस गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख नियुक्त किया गया था। गिल ने कहा कि अमृतपाल को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ NSA के तहत वारंट जारी किए गए थे और आज सुबह इन्हें तामील किया गया। कानून अपना काम करेगा। पुलिस अधिकारी ने एक वीडियो में अमृतपाल द्वारा किए गए दावे को खारिज किया। सोशल मीडिया पर आए इस वीडियो में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने आत्मसमर्पण करने का दावा किया था। #WATCH | Assam: Khalistan supporter and 'Waris Punjab De' chief Amritpal Singh who was today arrested by Punjab police, was brought to jail in Dibrugarh. pic.twitter.com/cTGbk6oZjW — ANI (@ANI) April 23, 2023 गिल ने बताया कि पंजाब पुलिस को उसके रोडे गांव में होने का पता चला था। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने उसे चारों तरफ से घेर लिया था, जिससे उसके फरार होने की कोई गुंजाइश नहीं बची थी। फरवरी में अमृतपाल तब चर्चा में आया जब उसके नेतृत्व में भीड़ ने पुलिस के साथ संघर्ष किया और अमृतसर के पास एक पुलिस स्टेशन का घेराव कर अपने एक साथी को रिहा करने की मांग की, जिसे अपहरण के एक कथित मामले में हिरासत में लिया गया था। खूनी संघर्ष में छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। ये भी पढ़ें- अमृतपाल सिंह कैसे बना वारिस पंजाब दे का मुखिया, दुबई से लौटने के बाद संभाली थी संगठन की कमान
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