दिल्ली-NCR के लोग पिछले कुछ समय से बुखार और खांसी से जूझ रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक सांस लेने में तकलीफ हो रही है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली-NCR के निवासी किसी सामान्य बुखार से पीड़ित नहीं हैं, बल्कि यह H3N2 वायरस है, जिसने बड़ी आबादी को अपनी चपेट में ले लिया है। ICMR के जानकारों ने कहा है कि देश में बीते दो-तीन महीनों से फैल रही सर्दी, खांसी और बुखार का कारण एक तरह का इंफ्लूएंजा वायरस है. आईसीएमआर के वायरस रीसर्च से जुड़े एक संस्था के वैज्ञानिकों ने कहा है कि बीते दो-तीन महीनों से देश में इफ्लूएंजा वायरस के ए सबटाइप H3N2 (Influenza A subtype H3N2) के कई मामले सामने आए हैं, जिसके कारण अस्पतालों में मौसमी बुखार, सर्दी और खांसी के मरीजों की संख्या बढ़ी है। इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा है कि खांसी, सर्दी और मौसमी बुखार के मामलों में लोग बिना सलाह एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करने से बचें। H3N2 के लक्षण IMA के अनुसार, H3N2 वायरस के प्रमुख लक्षण खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त है। H3N2 influenza का कितने दिन तक रहेगा प्रकोप? इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि अभी जो मौसमी बुखार फैल रहा है वह पांच से सात दिन तक रहता है। एंटी माइक्रोबियल रेजिस्टेन्स पर बनी IMA की स्टैंडिग कमिटी ने कहा है कि बुखार दो से तीन दिनों में समाप्त हो जा रहा है, लेकिन इसके बाद जो सर्दी-खांसी है वो करीब तीन सप्ताह तक रह रहा है। मेडिकल एसोसिएशन का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण भी सांस की नली में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं जो अधिकतर 15 साल की उम्र से कम और 50 की उम्र पार कर चुके लोगों में देखे जा रहे हैं। बुखार, सर्दी और खांसी के मरीज न लें ये दवा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने शुक्रवार को देश भर के डॉक्टरों और चिकित्सकों को सलाह दी कि वे मौसमी बुखार, सर्दी और खांसी के लिए एंटीबायोटिक्स दवाएं लिखने से बचें, क्योंकि एच3एन2 वायरस (H3N2 Virus) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक नोटिस में IMA ने मौसमी बुखार, सर्दी और खांसी के मरीजों को भी एंटीबायोटिक दवाओं के नुस्खे से बचने की सलाह दी है। मेडिकल बॉडी ने डॉक्टरों से केवल सिम्पटोमैटिक ट्रीटमेंट (Symptomatic Treatment) देने की अपील की है। IMA के मुताबिक, कई एंटीबायोटिक दवाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। उदाहरण के लिए डायरिया के 70% मामले वायरल डायग्नोसिस (Viral Diagnoses) के होते हैं, जिसके लिए एंटीबायोटिक्स की जरूरत नहीं होती है। लेकिन डॉक्टरों द्वारा अक्सर एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह दी जाती है। ये भी पढ़ें- Seasonal Flu: मौसमी बुखार, सर्दी और खांसी के मरीज न लें ये दवा, IMA ने बचने की दी सलाह नोटिस के मुताबिक, सबसे ज्यादा गलत इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक्स Amoxicillin, Norfloxacin, Oprofloxacin, Ofloxacin और Levofloxacin हैं। इनका उपयोग डायरिया और UTI के लिए किया जा रहा है। IMA ने कहा है कि एंटीबायोटिक दवाओं को निर्धारित करने से पहले यह पता लगाना आवश्यक है कि इन्फेक्शन बैक्टीरियल है या नहीं। मेडिकल एसोसिएशन ने संक्रमण की रोकथाम के लिए लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने की सलाह दी है। साथ ही अच्छे से हाथ धोने की अपील की है। Influenza A subtype H3N2 is the major cause of current respiratory illness. ICMR-DHR established pan respiratory virus surveillance across 30 VRDLs. Surveillance dashboard is accessible at https://t.co/Rx3eKefgFf@mansukhmandviya @DrBharatippawar @MoHFW_INDIA @DeptHealthRes pic.twitter.com/3ciCgsxFh0 — ICMR (@ICMRDELHI) March 3, 2023 वायरस से बचाव ICMR ने लोगों को नियमित रूप से हाथ धोने और सार्वजनिक रूप से हाथ मिलाने और थूकने से बचने का सुझाव दिया है। साथ ही साबुन और पानी से हाथ धोने की सलाह दी गई है। इसके अलावा मरीज मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें। छींकते और खांसते समय मुंह और नाक को ढकें। खूब तरल पदार्थ लें। आंखों और नाक को छूने से बचें। बुखार और शरीर में दर्द के लिए पैरासिटामोल लें।
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