Earthquake: देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में एक बार फिर धरती कांपी है, क्योंकि दिल्ली में बुधवार शाम को एक बार फिर भूकंप के झटके (Earthquake Tremors) लगे। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में 2.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसका केंद्र पश्चिमी दिल्ली में था। रिपोर्ट के मुताबिक 4 बजकर 42 मिनट पर भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के झटके दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के दूसरे हिस्सों में भी महसूस किए गए। ये भूकंप धरती से 5 किलोमीटर नीचे गहराई में आया था। केंद्र के मुताबिक, भूकंप का झटका बुधवार शाम करीब 4 बजकर 42 मिनट पर महसूस किया गया और इसका केंद्र पश्चिमी दिल्ली में धरातल से पांच किलोमीटर नीचे था। गौरतलब है कि अफगानिस्तान के हिंदूकुश की पहाड़ियों में मंगलवार रात 6.8 तीव्रता के भूकंप के झटके राष्ट्रीय राजधानी में भी महसूस किए गए थे। भूकंप का केंद्र सतह से 156 किलोमीटर नीचे था। कम से कम 12 लोगों की मौत पाकिस्तान में मंगलवार को 6.8 तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए। इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था और दोनों देशों में अब तक इसकी वजह से कम से कम 12 लोगों की मौत होने की पुष्टि हुई है, जबकि 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को ये जानकारी दी। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदू कुश क्षेत्र में 180 किलोमीटर की गहराई में था। इस भूकंप को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किया गया। विभाग के मुताबिक, पाकिस्तान में भूकंप के झटके लाहौर, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, क्वेटा, पेशावर, लक्की मरवत, गुजरांवाला, गुजरात, सियालकोट, कोट मोमिन, मढ़ रांझा, चकवाल, कोहाट और गिलगित-बल्तिस्तान इलाकों में महसूस किए गए। क्यों आता है भूकंप? भूकंप के आने की सबसे बड़ी और अहम वजह धरती के अंदर मौजूद प्लेट्स का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट्स किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। Ecuador Earthquake: भूकंप से कांपी धरती, 6.8 रही तीव्रता, 14 लोगों की मौत सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने के बाद अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंढती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है। भूकंप आने पर कैसे करें बचाव? - भूकंप के वक्त अगर आप घर में हैं, तो फर्श पर बैठ जाएं। - किसी मजबूत टेबल या फर्नीचर के नीचे बैठकर हाथ से सिर और चेहरे को ढक लें। - भूकंप के झटके आने तक घर के अंदर ही रहें और झटके रुकने के बाद ही बाहर निकलें। - अगर रात में भूकंप आया है और आप बिस्तर पर लेटे हों, तो लेटे ही रहें, तकिए से सिर ढक लें। - घर के सभी बिजली के स्विच को ऑफ कर दें। - भूकंप के दौरान मलबे के नीचे दब जाएं, तो किसी रुमाल या कपड़े से मुंह को ढके लें। - मलबे के नीचे खुद की मौजूदगी को बताने के लिए पाइप या दीवार को बजाते रहें, ताकि बचाव दल आपको तलाश सके। - अगर आपके पास कुछ उपाय न हो तो चिल्लाते रहें और हिम्मत न हारें। - भूकंप आने पर लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, सीढ़ियों से नीचे उतरें।
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