Asian Energy Share Price: सितंबर छमाही के कमजोर नतीजे और इंडिया रेटिंग के रेटिंग डाउनग्रेड के बावजूद एशियन एनर्जी (Asian Energy) के शेयरों ने शानदार कमाई कराई है। इस महीने इसके शेयरों ने 85 फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है। अगर आज के इंट्रा-डे के लेवल के हिसाब से देखें तो एशियन एनर्जी ने निवेशकों की पूंजी एक महीने से भी कम समय में डबल कर दी है। आज की बात करें तो प्रमोटर ने एशियन एनर्जी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है जिसके चलते आज इसके शेयर करीब पांच फीसदी उछल गए। हालांकि कमजोर मार्केट सेंटिमेंट और मुनाफावसूली के चलते यह फिसलकर 3.06 फीसदी की गिरावट के साथ 102 रुपये पर बंद हुआ है। इसके शेयर आज इंट्रा-डे में बीएसई पर 110.40 रुपये की ऊंचाई पर पहुंचे थे। वहीं 28 फरवरी को यह 55.05 रुपये पर था। Asian Energy Services में उछाल क्यों एशियन एनर्जी ने फाइलिंग में जानकारी दी थी कि इसकी होल्डिंग कंपनी ऑयलमैक्स एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड को 20 साल का माइनिंग लीज मिला है और यह लीज 1 अप्रैल 2023 से शुरू हो जाएगा। यह लीज गुजरात सरकार से डीएसएफ ब्लॉक से कच्चा तेल और गैस निकालने के लिए मिला है। इसने एशियन एनर्जी के शेयरों के लिए पॉजिटिव माहौल तैयार किया। Hindenburg की बढ़ेगी मुश्किलें? रिपोर्ट पर जैक डोरसी की घटी दौलत, कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही Block इसके अलावा कंपनी ने कुछ दिन पहले 21 मार्च को ऐलान किया था कि इसे यूएई की Svetah Energy Infrastructure FZE से 165 करोड़ रुपये का लेटर फॉर अवार्ड हासिल हुआ है जिसके तहत यह Svetah Venetia में प्रोडक्शन स्टोरेज और ऑफलोडिंग सिस्टम (FPSO) का मैनेजमेंट और मेंटनेंस का काम संभालेगी। इस FPSO का इस्तेमाल पुडुचेरी के तटीय इलाके से तेल और गैस निकालने में किया जाएगा। यह सौदा अभी पांच साल के लिए हुआ है और इसकी गणना उस दिन से होगी, जब Svetha Venetia हाइड्रोकॉर्बन लेने को तैयार हो जाएगी। अप्रैल से हट जाएगा फ्री का ब्लू टिक, Twitter का बड़ा फैसला रेटिंग एजेंसी का क्या कहना है इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने पिछले महीने Asian Energy की लॉन्ग टर्म रेटिंग को IND BBB से घटाकर IND BBB- कर दिया है। हाालंकि इसका स्टेबल आउटलुक बरकरार रखा है। रेटिंग एजेंसी ने अप्रैल-सितंबर 2022 में कंसालिडिटेड रेवेन्यू और मुनाफे में गिरावट और आगे भी ऐसी स्थिति बनी रहने के चलते यह रेटिंग दी थी। सितंबर 2022 छमही में कंपनी का कंसालिडिटेड रेवेन्यू सालाना आधार पर 128.60 करोड़ रुपये से गिरकर 52.30 करोड़ रुपये पर आ गया। दक्षिणी त्रिपुरा और बारामुरा प्रोजेक्ट्स के स्थानीय विरोध और भूकंपीय डेटा अधिग्रहण सेवाओं के लिए नए आदेश नहीं मिलने के चलते इसका रेवेन्यू को झटका लगा। इंडिया रेटिंग के मुताबिक वित्त वर्ष 2023 में ऑपरेशन में कटौती के चलते इसका ऑपरेशनल कैश फ्लो घट सकता है।
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