Swiggy layoff: फूड डिलीवरी करने वाली ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्विगी (Swiggy) ने 380 एंप्लॉयीज की छंटनी कर दी है। कंपनी के फाउंडर और सीईओ Sriharsha Majety ने एंप्लॉयीज को ई-मेल के जरिए इसकी सूचना दी। उनका कहना है कि स्विगी ने फूड डिलीवरी सेग्मेंट में ग्रोथ का जो अनुमान लगाया था, उसके मुकाबले यह बहुत सुस्त है। ऐसे में मुनाफे के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी इनडायरेक्ट कॉस्ट्स को देखने की जरूरत पड़ी। इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑफिस/फैसिलिटीज इत्यादि पर तो पहले ही एक्शन लिया जा चुका है तो अब मुनाफे के लक्ष्य को हासिल करने के लिए छंटनी का फैसला लेना पड़ रहा है। स्विगी के सीईओ ने कहा कि ओवरहायरिंग बहुत बुरा फैसला साबित हुआ और कंपनी इससे भी बेहतर कर सकती थी। यूनिकॉर्न और लिस्टेड कंपनी की अलग होती हैं चुनौतियां, Paytm के फाउंडर ने साझा किया एक साल के सफर का अनुभव कोरोना महामारी के दौरान Swiggy ने जमकर की थी हायरिंग करीब दो साल पहले 2021 में कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑनलाइन फूड डिलीवरी की मांग में इजाफा हुआ। इस मांग को पूरा करने के लिए कंपनी ने जमकर हायरिंग की। हालांकि पिछले साल कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बीच कंपनी तो अपने पूरे कारोबारी मॉडल को रीवैल्यूएट करना पड़ा। कंपनी अब अपने कारोबार को भी रिव्यू कर रही। इसने मीट मार्केटप्लेस को बंद कर दिया है। Mukesh Ambani दुनिया के दूसरे सबसे बेहतर सीईओ, इस कंपनी के हेड हैं टॉप पर वित्तीय चश्मे में कैसा रहा स्विगी के लिए पिछला साल स्विगी के मुताबिक पिछला साल स्विगी के लक्ष्य के हिसाब से नहीं रहा। हालांकि अगर वित्तीय लिहाज से देखें तो इसके बड़े निवेशकों में शुमार प्रोसेस के मुताबिक पिछले साल के शुरुआती छह महीने यानी जनवरी-जून 2022 में टोटल सेल्स और ऑर्डर वॉल्यूम में अच्छी ग्रोथ दिखी। ऑर्डर्स की संख्या के मामले में इसके फूड डिलीवरी बिजनेस की ग्रोथ 38 फीसदी रही और ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू के मामले में 40 फीसदी की ग्रोथ रही। प्रोसेस की रिपोर्ट के मुताबिक 2022 की पहली छमाही में रेस्टोंरेट फूड डिलीवरी जीएमवी 130 करोड़ डॉलर रही जबकि क्विक कॉमर्स जीएमवी 25.7 करोड़ डॉलर रही। दूसरी छमाही के आंकड़े तो स्विगी के लिए नहीं हैं लेकिन बढ़ती महंगाई ने मांग पर असर डाला क्योंकि जोमैटो और डेल्हीवरी के ग्रोथ जुलाई-दिसंबर 2022 में सुस्त थी। वित्त वर्ष 2022 में स्विगी को 3628.9 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ लेकिन कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 125 फीसदी बढ़कर 5704.9 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
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