Tuesday, December 6, 2022

गेहूं और आटे ने बिगाड़ा बजट, MSP से 30-40% ज्यादा महंगे हुए गेहूं के भाव

देश में गेहूं संकट खड़ा होता दिख रहा है। ऐसे इस लिए क्योंकि गेहूं का भाव मंडियों में MSP से 40% तक ऊपर निकल गया है। गेहूं की नहीं बल्की आटे के भाव भी आसमान छूने लगे हैं। आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि कीमतों में अभी और तेजी देखने को मिलेगी। क्या हैं इसके कारण और कब तक इससे राहत मिलने की उम्मीद है? गेहूं का भाव MSP के पार निकला है। गेहूं का होलसेल भाव 30 रुपये प्रति किलो तक पहुंचा है जबकि MSP से गेहूं के दाम 30-40% ज्यादा हुए हैं। गेहूं का MSP 20.15 रुपये प्रति किलो है। बीते 4 महीने में 4 रुपये प्रति किलो तक गेहूं के दाम बढ़े है। वहीं आटे के दाम 17-20% बढ़ चुके हैं । सरकार के पास कितना गेहूं? वित्‍तवर्ष 2021-22 के दौरान सरकार के गेहूं भंडारण में करीब 56 फीसदी कमी आई है। यह गिरावट उत्‍पादन घटने और निर्यात बढ़ने की वजह से दिख रही है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से ग्‍लोबल मार्केट में गेहूं की सप्‍लाई पर बुरा असर पड़ा है। तब भारत ने बड़ी मात्रा में कई देशों को गेहूं सप्‍लाई किया था। इससे सरकार के भंडारण में कमी आ गई और गेहूं का भंडार 14 साल के निचले स्‍तर पर पहुंच गया। क्यों महंगा हो रहा है गेहूं और आटा रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर कीमतों पर हैं। दरअसल इस जंग की वजह से डिमांड और सप्लाई पर असर हुआ है क्योंकि रूस और यूक्रेन में गेहूं बड़ी मात्रा में होता है। सरकार ने इस साल मई में गेहूं के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी थी, इस वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों (अप्रैल-सितंबर के बीच) में वास्तविक शिपमेंट पिछले साल की तुलना में दोगुना हो गया था। Commodity Markets- क्रूड की तेजी पर लगा कैप, ऊपरी स्तरों से बिकवाली ने बनाया सोने-चांदी पर दबाव 1 अक्टूबर तक सरकार के पास गेहूं सरकार के पास 1 अक्टूबर 2022 को 2.27 करोड़ टन गेहूं का भंडार था, जबकि इस अवधि तक बफर नियम 2.05 करोड़ टन गेहूं के स्‍टॉक की जरूरत थी। गेहूं की बुआई बढ़ी देश में गेहूं की बुआई 5.4% बढ़ी है। बुआई बढ़ने से ज्यादा उत्पादन की उम्मीद है। 28 नवंबर तक देश में गेहूं की 1.52 करोड़ हेक्टेयर में बुआई हुई है। जबकि गेहूं का रकबा 57% के पार पहुंच गया है। पिछले साल खराब मौसम के कारण नुकसान हुआ था। अधिक गर्मी से खेतों में लगी फसल झुलस गई थी। कहां कितनी हुई गेहूं की बुआई? मध्य प्रदेश में 6.40 लाख हेक्टेयर गेहूं की बुआई हुई है। वहीं राजस्थान में 5.67 लाख हेक्टेयर, पंजाब में 1.55 लाख हेक्टेयर, बिहार में 1.05 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 0.78लाख हेक्टेयर और उत्तर प्रदेश में 0.70लाख हेक्टेयर बुआई हुई है। फ्लोर मिलों की मांग फ्लोर मिलों का कहना है कि सरकार ओपन मार्केट के जरिए गेहूं को बेचे तो कीमतों में नरमी आ सकती है। 40 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री होनी चाहिए। कीमतें कम रखने के लिए गेहूं की बिक्री जरूरी है।

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