Maruti Suzuki Shares: देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) ने मंगलवार 6 दिसंबर को अपनी करीब 9,000 कारों को वापस बुलाने का आदेश दिया था। इस साल यह तीसरा मौका है, जब Maruti Suzuki ने अपनी कारों को फैक्ट्री से निकलने के बाद वापस मंगाया है। हालांकि एनालिस्ट्स का कहा है कि मारुति सुजुकी के इस फैसले का उसके शेयरों पर कोई खास असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। Maruti Suzuki के शेयरों में आज यानी बुधवार 8 दिसंबर को बीएसई पर लगभग सपाट कारोबार देखा गया और कारोबार खत्म होते समय यह 0.69% की गिरावट के साथ 8,655.70 रुपये के स्तर पर बंद हुए। एलारा कैपिटल (Elara Capital) में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और इक्विटी एनालिस्ट (ऑटो और ऑटो एंसिलरीज) जय काले ने बताया, "कारों को वापस बुलाने का स्टॉक पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। यह कार कंपनियों की ओर से नियमित उठाए जाने वाला एक कदम है। हाल ही में एक और बड़े ब्रांड ने भी अपनी कई गाड़ियों को ऐसे ही बुलाने का आदेश दिया था। यह बस ग्राहकों की बेहतरी के लिए कंपनी की तरफ से उठाया गया एक कदम है।” Maruti Suzuki ने मंगलवार को बताया कि उसने सामने वाली सीटों के सीट बेल्ट में गड़बड़ी के अंदेशे के चलते अपनी 9125 कारों को वापस बुलाया है। ये कारें सियाज (Ciaz), ब्रेजा (Brezza), एर्टिगा (Ertiga), XL6 और ग्रैंड विटारा (Grand Vitara) की हैं। Maruti Suzuki ने इससे पहले अप्रैल और अक्टूबर में भी इस साल अपनी कुछ गाड़ियों को वापस बुलाया था। यह भी पढ़ें- Exclusive: भारत सरकार ने मेटा से कहा- "कानूनी नोटिस मिलने के 1 घंटे के अंदर हटाएं सोशल मीडिया पोस्ट" मारुति सुजुकी ने एक बयान नें बताया कि जिन कारों को वापस मंगाया है, वे 2 नवंबर से 28 नवंबर के बीच बनी हैं। कंपनी के मुताबिक इनमें सामने की सीटों पर जो सीट बेल्ट लगे हुए हैं, उनमें गड़बड़ी का पता चला है। इस गड़बड़ी के चलते सीट बेल्ट के खुलने की भी आशंका है। ऐसे में कंपनी ने इन्हें वापस बुलाने का फैसला किया है ताकि इसे सही किया जाए सके। इसके लिए कंपनी कोई ग्राहकों से कोई अतिरिक्त पैसे नहीं लेगी और सभी कार खरीदारों से कंपनी के अधिकृत डीलरशिप संपर्क करेंगे। काले ने कहा, "जाहिर सी बात है कि कोई ऐसा नहीं चाहेगा क्योंकि ग्राहक हमेशा उम्मीद करता है कि उसे कंपनी कारों को सही तरह से बनाकर पेश करे। हालांकि बाद में गलती पकड़ में आने पर गाड़ियों का वापस बुलाने का चलन दुनिया भर के बाजारों में एक सामान्य बात है।"
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