दुनिया की सबसे अधिक वैल्यूएशन वाली एडटेक कंपनी बायजू (Byju’s) को पिछले कुछ दिनों से काफी आलोचनाओं को सामना करना पड़ा है। कंपनी ने हाल ही में अपना खर्च घटाने के लिए 2,500 कर्मचारियों को नौकरी (Byju’s Layoffs) से निकाला था और फिर इसके कुछ ही दिन बाद फुटबॉल स्टार लियोनेल मेसी (Lionel Messi) को अपने ग्लोबल ब्रांड-अबेंसडर के तौर पर साइन करने का ऐलान किया था। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कंपनी के इस फैसले पर सवाल उठाए थे। हालांकि अब योरस्टोरी को दिए एक इंटरव्यू में बायजू के को-फाउंडर्स बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) और दिव्या गोकुलनाथ (Divya Gokulnath) ने इस फैसले को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया है और साथ ही कंपनी के फ्यूचर्स प्लान को लेकर भी बात की। रवींद्रन ने कर्मचारियों को भेजे एक मैसेज में कहा था कि कंपनी मार्च 2023 के अंत तक मुनाफे में आने की कोशिश कर रही है। ऐसे में कई पदों के दोहराव और अधिकता से बचने के लिए 5 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की जा रही है। दिव्या गोकुलनाथ ने छंटनी से जुड़े सवाल पर कहा, "कभी-कभी बायजू रवींद्रन और दिव्या जो चाहते हैं वो वह नहीं है जो एक कंपनी के रूप में BYJU's चाहता है।" Lionel Messi को साइन करने पर बायजू ने क्या कहा मेसी को साइन करने पर रवींद्रन ने कहा कि यह डील केवल सामाजिक असर पैदा करने के लिए की गई है। उन्होंने कहा, "मेसी के साथ हुई डील कोई सामान्य स्पॉन्सरशिप डील की तरह नहीं है। यह सामाजिक असर पैदा करने के लिए हुई एक साझेदारी है। हमने 6 महीने पहले इस डील पर हस्ताक्षर किए थे। लोग अगर यह सोचते हैं कि हम कर्मचारियों को कंपनी से निकालकर मेसी को पैसे देंगे, तो यह मूर्खता है।" यह भी पढें- Binance क्रिप्टो एक्सचेंज पर ED का छापा, 22.82 करोड़ की BitCoin फ्रीज Byju’s का 70 फीसदी की ग्रोथ का दावा रवींद्रन ने बताया कि कंपनी ने पिछले साल 70 फीसदी की ग्रोथ हासिल की। उन्होंने कहा, "पिछले साल हमारी ग्रोथ 70% रही। यह कुछ कारणों से वित्तीय नतीजों में दिखाई नहीं दे रहा है। हमने हाल ही में अपना सबसे बेस्ट 6 महीना पूरा किया।" Byju’s पर 2 दशक में फ्री स्टूडेंट्स की संख्या होगी ज्यादा बायजू रवींद्रन ने दावा किया अगले 2 दशकों में पैसे देकर सीखने वाले छात्रों के मुकाबले मुफ्त सीखने वाले छात्रों की संख्या ज्यादा रहेगी। उन्होंने कहा, "हमें 20 साल दीजिए और मैं आपको लिखकर दे सकता हूं कि हमसे फीस देकर सीखने वाले छात्रों के मुकाबले फ्री में सीखने वाले छात्रों की संख्या कहीं ज्यादा होगी।" रवींद्र ने कहा कि वह अगले 30 साल भी यही करने वाले हैं। उन्होंने कहा, "मैं सिर्फ शेयरहोल्डर नहीं, बल्कि इस कंपनी का सबसे बड़ा निवेशक हूं।"
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