Tuesday, July 5, 2022

सरकार ने टायर से जुड़े नियमों में किया बदलाव, 1 अक्टूबर से होंगे लागू, अब सिर्फ इन टायर्स वाले वाहन ही चल पाएंगे

सड़क पर होने वाले हादसों को रोकने और यात्रा को बेहतर करने की दिशा में केंद्र सरकार और मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे (Ministry of Road Transport and Highways -MoRTH) कई तरह के उपाय कर रहा है। इस बीच MoRTH ने वाहनों की सुरक्षा के लिए एक और खास बदलाव किया है। इसमें वाहनों के टायरों के डिजाइन में बदलाव की मंजूरी दी गई है। अब 1 अक्टूबर 2022 से इसी डिजाइन के मुताबिक टायर बनाए जाएंगे। इसके बाद 1 अप्रैल 2023 से जो भी नए वाहन आएंगे, उनमें ऐसे टायर लगाए जाएंगे। जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, नए स्टैंडर्ड C1, C2, और C3 कैटेगरी के टायर्स पर लागू होंगे। टायर्स के लिए शुरू होगा स्टार रेटिंग सिस्टम ऑटोमोटिव इंडियन स्टैंडर्ड (Automotive Indian Standard -AIS), के मुताबिक, मंत्रालय का ये आदेश लागू होने के बाद टायरों के डिजाइन AIS - 142:2019 के मुताबिक ही बनाया जाएगा। नए टायरों को सड़क पर चलते समय होने वाले फ्रिक्शन (friction- घर्षण), गीली सड़क पर उनकी पकड़ की मजबूती, हाई स्पीड पर वाहन कंट्रोल और ड्राइविंग के समय उनसे होने वाले शोर जैसे मानकों के आधार पर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही ग्राहक को टायर खरीदते समय यह जान सकेंगे कि यह टायर कितना सुरक्षित है। इसके अलावा परिवहन मंत्रालय और भारी उद्योग मंत्रालय भी जल्द ही टायरों के लिए स्टार रेटिंग शुरू करने जा रहे हैं। रेटिंग ग्राहक को उसके उपयोग के अनुसार सबसे अच्छा और सबसे सुरक्षित टायर चुनने में मदद मिलेगी। RERA और डिजिटाइजेशन की वजह से इंडिया का ग्लोबल ट्रांसपेरेंसी स्कोर बढ़ा है : JLL जानिए क्या है C1, C2 और C3 टायर्स को तैयार करने के लिए अभी 3 कैटेगरी C1, C2 और C3 हैं। पैसेंजर कार के टायर की कैटेगरी C1 कही जाती है। C2 का मतलब छोटे कमर्शियल व्हीकल और C3 यानी हैवी कमर्शियल व्हीकल के टायर की कैटेगरी होती है। अब से इन सभी कैटेगरी के टायर्स पर ऑटोमोटिव इंडियन स्टैंडर्ड (AIS) के दूसरे स्टेज के कुछ नियम और पैरामीटर्स अनिवार्य रूप से लागू होंगे। इन पैरामीटर्स में रोलिंग रेजिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग साउंड एमिशन्स जैसी बातों का ध्यान रखा जाएगा।

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