Monday, June 6, 2022

क्या आप म्यूचुअल फंड निवेशक हैं? हां तो Front-Running को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है

फ्रंट-रनिंग (Front-Running) के मामले सामने आने के बाद म्यूचुअल फंड्स के काम करने के तरीकों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इससे म्यूचुअल फंड्स के करोड़ों ग्राहकों के भरोसे को ठेस लगने का डर है। ग्राहक इस उम्मीद में म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों में इनवेस्ट करते हैं कि उनके पैसे का निवेश पारदर्शी तरीके से किया जाएगा। पिछले हफ्ते सेबी ने IIFL और Fidelity से जुड़े फ्रंट-रनिंग के मामलों में अपना अंतिम आदेश दिया था। इन दोनों ही मामलों में डीलरों को फंड की तरफ से होने वाली खरीदारी की जानकारी थी। उन्होंने इस जानकारी का फायदा उठाने की कोशिश की। फंड की तरफ से खरीद का ऑर्डर प्लेस करने से पहले उन्होंने गुपचुप तरीके से कुछ संदिग्ध अकाउंट्स के जरिए अपने ऑर्डर प्लेस किए। ऐसा कर डीलरों ने 4 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा गलत तरीके से कमाए। यह भी पढ़ें : मोतीलाल ओसवाल को इन छोटे-मझोले शेयरों पर है भरोसा, करा सकते हैं बंपर कमाई   हाल में, एक्सिस म्यूचुअल फंड में फ्रंट-रनिंग का मामला सामने आने के बाद इस बारे में ज्यादा चर्चा हो रही है। अभी एक्सिस बैंक की आंतरिक जांच के नतीजे सामने नहीं आए हैं। इस मामले की जांच सेबी भी कर रहा है। एक्सिस बैंक अपनी जांच के बारे में सेबी का अपडेट कर रहा है। इधर, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एग्जिक्यूटिव्स का कहना है कि वे फ्रंट-रनिंग के मामलों को रोकने के लिए नियमों को सख्त बना रहे हैं। उनका मानना है कि इससे शुरुआत में ही ऐसे मामलों का पता लग जाएगा। म्यूचुअल फंड्स अपने डीलिंग और ट्रेड प्रैक्टिसेज की जांच बाहरी एजेंसियों से भी कराने के बारे में सोच रहे हैं। एक फंड हाउस के एग्जिक्यूटिव ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, "हम हर तिमाही में बाहरी एजेंसी से व्यापक रिव्यू कराना चाहते हैं। हम व्हिसलब्लोअर पॉलिसी को भी मजबूत बनाने की कोशिश कर रहे हैं।" एक दूसरे फंड हाउस के सीईओ ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, "कुछ फंड हाउस पहले से ऐसा कर रहे हैं। बाकी एग्जिक्यूशन की मॉनिटरिंग बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी देखा जा रहा है कि फंड हाउस के ऑर्डर प्लेस करने में क्या हर बार बेस्ट पॉसिबल प्राइस मिल रहा है।"उन्होंने कहा कि अगर फंड हाउस को बेस्ट प्राइस नहीं मिलता है और ऐसा बार-बार होता है तो कुछ गड़बड़ हो सकती है। एक म्यूचुअल फंड कंपनी के सीईओ रह चुके और इस इंडस्ट्री का व्यापक अनुभव रखने वाले आर बालाकृष्णन ने कहा कि फंड मैनेजर और डीलरों के रोल को पूरी तरह से अलग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, "हो सकता है कि पैसिवली-मैनेज्ड फंड्स में यह उतना मायने नहीं रखता हो, लेकिन आर्बिट्रॉज फंड जैसे फंडों के मामल में दोनों के बीच फर्क होना बहुत जरूरी है।" फ्रंट-रनिंग से जुड़े मामलों में डीलर अक्सर अपनी जानकारी का फायदा उठाने के लिए अपने दोस्त या रिश्तेदार के अकाउंटस का इस्तेमाल करते हैं। ऊपर जानकारी देने वाले एक सीईओ ने कहा, "कुछ ऐसे फंड हाउस जिनके पास पहले से फ्रंट-रनिंग के मामले रोकने के लिए सिस्टम नहीं है, वे इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कैसे वे डीलर के करीबी रिश्तेदार और घोषित रिश्तेदारों की ट्रेड डिटेल की जानकारी हासिल कर सकते हैं।" कुछ म्यूचुअल फंड हाउसेज वर्क फ्रॉम होम जैसी सुविधा खत्म करने के बारे में भी सोच रहे हैं। वे अपनी इनवेस्टमेंट टीम के सभी सदस्यों को ऑफिस में बैठकर काम करने पर जोर दे रहे हैं। एक सीईओ ने कहा, "इनवेस्टमेंट टीम को मार्केट ऑवर्स के दौरान ऑफिस में रहने की जरूरत है। हफ्ते में एक दिन या दो दिन घर में बैठकर काम करने की इजाजत अब नहीं दी जानी चाहिए।"

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