Saturday, May 7, 2022

Cyclone: एक और चक्रवाती तूफान का मंडराया खतरा, IMD ने किया अलर्ट- इन राज्यों में भारी बारिश होने के आसार

मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण अंडमान सागर पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के चक्रवाती तूफान में तब्दील होने और अगले सप्ताह की शुरुआत तक आंध्र प्रदेश-ओडिशा के समुद्र तट तक पहुंचने की संभावना है। IMD ने चक्रवाती तूफान के मद्देनजर अगले सप्ताह मंगलवार से शुक्रवार के बीच पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में गरज के साथ छीटें पड़ने तथा भारी बारिश होने की भी चेतावनी दी है। ओडिशा सरकार के अनुसार, मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए आपदा मोचन बल और दमकल सेवाओं को तैयार रहने को कहा गया है। क्षेत्र में पिछली तीन गर्मियों में चक्रवाती तूफान आए थे। ओडिशा में 2021 में 'यास (Yaas)', 2020 में 'अम्फान (Amphan)' और 2019 में 'फानी (Fani)' तूफान आया था। ये भी पढ़ें- दिल्‍ली में अब देर रात 3 बजे तक खुल सकेंगे शराब परोसने वाले पब और रेस्तरां, केजरीवाल सरकार ने दी मंजूरी ओडिशा के एक अधिकारी ने बताया कि IMD के मुताबिक एक कम तीव्रता वाला चक्रवात आ भी सकता है और नहीं भी, लेकिन हमने तब भी 30 जिलों के अग्निशमन यूनिट को अलर्ट कर दिया है। दक्षिणी जिलों में ज्यादा असर पड़ सकता है, इसलिए हमने अधिकारियों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। 10 मई तक तट पर पहुंचने की उम्मीद IMD के सीनियर वैज्ञानिक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि निम्न दाब के क्षेत्र के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में दबाव के क्षेत्र में बदलने तथा पूर्वी-मध्य बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है। यह 10 मई तक तट पर पहुंच सकता है। महापात्र ने कहा कि हमने अभी यह अनुमान नहीं जताया है कि यह कहां दस्तक देगा। हमने इसके दस्तक देने के दौरान हवा की संभावित गति का भी कोई जिक्र नहीं किया है। ओडिशा ने की पूरी तैयारी ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त (SRC) पी. के. जेना ने कहा कि हमने NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) के 17 दलों, ODRAF (ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल) और दमकल विभाग के 175 दलों को बुलाया है। इसके अलावा, NDRF अधिकारियों से किसी भी आपात स्थिति के लिए 10 और दलों को तैयार रखने का अनुरोध किया गया है। जेना ने बताया कि समुद्र में मछुआरों की गतिविधि पर नजर रखने के लिए भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल को चौकन्ना रहने को कहा गया है। मछुआरों को सलाह मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे 7-8 मई के दौरान अंडमान सागर और उससे सटे दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी में न जाएं। महापात्र ने कहा कि IMD सात मई को दबाव का क्षेत्र बनने के बाद ही चक्रवात, उसकी हवा की गति, दस्तक देने के स्थान के बारे में जानकारियां दे सकता है। 9 मई से समुद्र में ऊंची लहरें उठने के कारण मछुआरों को वहां नहीं जाना चाहिए। हमारा अनुमान है कि चक्रवाती तूफान के दौरान हवा की गति 80-90 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। दमकल सेवाओं के महानिदेशक एस के उपाध्याय ने कहा कि दमकल कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। जेना ने बताया कि जिलाधीशों को सतर्क कर सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा गया है। समुद्र में गए मछुआरों को तुरंत तट पर लौटने की सलाह दी गई है।

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