Sunday, April 10, 2022

Sri Lanka Crisis: 200 से 240 रुपए किलो तक बिक रहा चावल, देर रात सड़कों पर उतरे हजारों लोग, राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग तेज

श्रीलंका (Sri Lanka) पहले से ही एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट (Economic Crisis) से गुजर रहा है। इस बीच लोगों पर और ज्यादा बोझ पड़ रहा है, क्योंकि खाने की कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ रही हैं। द्वीप राष्ट्र में चावल खरीदना महंगा हो गया है। खाने-पीने के चीजों की कीमत "असहनीय स्तर" तक बढ़ गई है। कोलंबो पेज की एक रिपोर्ट में श्रीलंका में उपभोक्ताओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सामान्य बाजार में एक किलोग्राम चावल की न्यूनतम कीमत अब 200-240 रुपए बढ़ गई है। गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही श्रीलंकाई सरकार को अब खाद्य पदार्थों सहित कई जरूरी चीजों के इंपोर्ट पर रोक लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस कारण दूध पाउडर और चावल जैसी जरूरी चीजों की कीमत बहुत ज्यादा हो गई है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि देश के कई हिस्सों में सातोसा आउटलेट्स में चावल, सूखी मिर्च और दूसरी वस्तुओं समेंत जरूरी उपभोक्ता वस्तुओं की सप्लाई कम है। राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग तेज वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनों के तहत 10,000 से अधिक लोग 'गाले फेस ग्रीन' पार्क में इकट्ठा हुए और उन्होंने रातभर प्रदर्शन किया। श्रीलंका ब्रिटेन से 1948 में आजादी हासिल करने के बाद सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है। देशवासी कई घंटों की बिजटी कटौती, गैस, खाद्य पदार्थों और दूसरी जरूरी वस्तुओं की कमी के विरोध में कई हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं। Sri Lanka Crisis: नकदी संकट से जुझ रहे श्रीलंका ने ब्याज दरों में की रिकॉर्ड 7 प्रतिशत बढ़ोतरी शनिवार को दिन से ही समाज के सभी तबके के लोगों ने गाले फेस में इकट्ठा होना शुरू कर दिया, इसी स्थान पर सचिवालय है और शाम होते-होते पूरा रास्ता प्रदर्शनकारियों से भर गया। इसके कारण ट्रैफिक जाम भी हो गया। एक प्रदर्शनकारी ने रविवार सुबह छह बजे सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट में कहा, "हम अब भी यहां हैं।" प्रत्यदर्शियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने रात भर प्रदर्शन किया। 'घर जाओ गोटा' वे राष्ट्रपति से इस्तीफे की मांग करते हुए 'घर जाओ गोटा' जैसे नारे लगा रहा थे। एक प्रदर्शनकारी ने मीडिया से कहा, "यह मजाक नहीं है। यह यहां इसलिए हैं क्योंकि हमारे पास बिजली, ईंधन और दवाइयां नहीं है।" एक और प्रदर्शनकारी ने कहा, "उन्हें जाना चाहिए, उनके पास कोई रास्ता नहीं हैं।" गौरतलब है कि संकट के समाधान और आर्थिक कुप्रबंधन के लिए राजपक्षे के इस्तीफे की मांग को लेकर हजारों लोग कई हफ्तों से प्रदर्शन कर रहे हैं। 14 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान राष्ट्रपति और उनके बड़े भाई प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, राजनीतिक रूप से शक्तिशाली अपने परिवार के सार्वजनिक आक्रोश का केंद्र बनने के बावजूद सत्ता पर काबिज हैं। सरकार का अनुमान है कि Covid-19 महामारी के कारण पिछले दो सालों में श्रीलंका की पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्था को 14 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है। सरकार का आर्थिक सहायता के लिए 11 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ बातचीत का कार्यक्रम है।

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