Wednesday, March 23, 2022

निजीकरण के विरोध में 28-29 मार्च को हड़ताल पर रहेंगे पूरे देश के बिजली कर्मचारी, जानिए क्या है इनकी मांगे

केंद्र सरकार की निजीकरण की नीतियों के विरोध में देश भर के बिजली कर्मचारी अगले हफ्ते 28 और 29 मार्च को दो दिन के देशव्यापी हड़ताल पर जाएंगे। बिजली कर्चमारियों के वर्कर्स यूनियन ने बुधवार को यह जानकारी दी। दो दिन के देशव्यापी हड़ताल का फैसला बुधवार को बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों की नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी (NCCOEEE) की बैठक में लिया गया। देश भर के श्रम संगठनों के आह्वान पर, सभी राज्यों के बिजली कर्मचारी भी इस दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल में भाग लेंगे। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के प्रेसिडेंट शैलेंद्र दूबे ने बताया कि सभी राज्यों के बिजली कर्मचारी भी केंद्र सरकार की निजीकरण की नीति के विरोध में हड़ताल में शामिल होंगे। पावर सेक्टर के कर्मचारियों और इंजीनियरों की मांग है कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2021 वापस लिया जाना चाहिए और सभी तरह की निजीकरण गतविधियों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। साथ ही पावर सेक्टर के निजीकरण का फैसला वापस होना चाहिए, खासतौर से चंडीगढ़, दागर नगर हवेली, दमन दीव और पुड्डुचेरी में। यह भी पढ़ें- 7 लाख डॉलर की घड़ियां, सुपर यॉट, 700 कारें, आलीशान महल.... जानिए कितनी बड़ी है पुतिन की संपत्ति की लिस्ट बिजली कर्मचारियों की यह भी मांग है कि इलेक्ट्रिसिटी बोर्डों के भंग होने के बाद नियुक्ति हुए सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत शामिल किया जाना चाहिए। बैंक कर्मचारी भी रहेंगे हड़ताल पर देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने मंगलवार को बताया कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने 28-29 मार्च को दो दिन की हड़ताल का आह्वान किया है। इससे बैंक सेवाओं पर असर पड़ सकता है। हड़ताल का आह्वान सरकारी बैंकों के निजीकरण और बैंक कानून संशोधन विधेयक 2021 के विरोध में किया गया है।

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