यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, उनमें वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) शामिल हैं। 44 साल के जेलेंस्की देखने में स्मार्ट हैं और ब्रेव हैं। सबसे बड़ी बात यह कि एक सच्चे नायक की तरह वह रूस के हमले का बहादुरी से सामना कर रहे हैं। कुछ लोग उन पर यूक्रेन को युद्ध की आग में धकेलने का आरोप लगा रहे हैं। लेकिन, यह कितना सच है कहना मुश्किल है। वह लगातार ट्वीट कर अपनी बातें यूक्रेन के नागरिकों तक पहुंचा रहे हैं। उनकी हिम्मत बढ़ा रहे हैं। आइए जानते हैं कौन हैं जेलेंस्की। जेलेंस्की अप्रैल में 2019 में यूक्रेन के राष्ट्रपति बने। उन्होंने करप्शन खत्म करने का वादा किया था। उन्होंने चुनाव में 73 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किया था। इससे पता चलता है कि लीडरशिप उनके खून में है। जिंदगी की सबसे मुश्किल घड़ी में उन्होंने हिम्मत नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा है कि वह कीव में हैं और उनका परिवार भी वहीं है। उन्होंने रूसी जनता से अपील की है। उन्होंने उनसे पूछा है कि यूक्रेन पर थोपा गया युद्ध कितना जायज है? उन्होंने दुनियाभर के नेताओं खासकर नाटो से लगातार मदद की अपील की है। यह भी पढ़ें : Vladimir Putin : कौन हैं व्लादिमीर पुतिन, तानाशाह, साम्राज्यवादी या कुशल प्रशासक? जेलेंस्की का जन्म एक यहूदी परिवार में हुआ था। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटा और एक बेटी हैं। जेलेंस्की ने 2000 में कीव नेशनल इकोनॉमिक यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई पूरी की थी। चुनाव लड़ने का फैसला करने से पहले जेलेंस्की टीवी एक्टर थे। 'Servant of the People' में उन्होंने एक टीचर का किरदार निभाया था, जो संयोग से राष्ट्रपति बन जाता है। उन्होंने एक कॉमेडी ग्रुप की भी शुरुआत की थी। सोशल मीडिया पर वह काफी लोकप्रिय हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 1 करोड़ से ज्यादा फॉलोवर्स हैं। ट्विटर पर उनके 11 लाख फॉलोअर्स हैं। बताया जाता है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जेलेंस्की से मदद मांगी थी। ट्रंप ने उनसे कई बार फोन पर बात की थी। दरअसल, वह अमेरिका से आर्थिक मदद चाहते थे। इसके एवज में ट्रंप ने उनसे अपने राष्ट्रपति चुनाव में मदद मांगी थी। यह भी कहा जाता है कि ट्रंप ने जेलेंस्की पर दबाव बनाने के लिए यूक्रेन को करोड़ों डॉलर की सहायता पर रोक लगा दी थी। दिसंबर 2019 में इन आरोपों को लेकर महाभियोग का सामना तक करना पड़ा था।
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